Kanpur News: शहर की सबसे व्यस्त जरीबचौकी क्रॉसिंग से रोज 40-45 ट्रेनों का आवागमन होता है। एक ट्रेन के लिए औसतन पांच मिनट के लिए क्राॅसिंग बंद होती है। इस वजह से यह क्राॅसिंग रोज 3:20 घंटे से पौने चार घंटे बंद रहती है।
कानपुर में अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को रेलवे बोर्ड ने भले ही मंजूरी दे दी है, लेकिन रेलवे की वजह से ही जरीबचौकी क्रॉसिंग पर बनने वाला अंडरपास अटका हुआ है। दरअसल, रेलवे ने अभी तक अपने हिस्से के अंडरपास का एस्टीमेट सेतु निगम को नहीं दिया है। इस एस्टीमेट के मिलने के बाद ही सेतु निगम अपनी फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर शासन को भेज पाएगा।डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली की कंसल्टेंट कंपनी को सौंपी गई है। इस कंपनी ने शुरुआती डीपीआर तैयार कर ली है, जिसकी अनुमानित लागत 680 करोड़ रुपये है। इसमें निर्माण कार्य से लेकर पाइपलाइनों, सीवर लाइनों, विद्युत केबिलों, संचार केबलों आदि की शिफ्टिंग की लागत शामिल है, पर इसमें पूर्वोत्तर रेलवे का एस्टीमेट नहीं जुड़ा है। इसलिए इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सेतु निगम ने एस्टीमेट के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को कई पत्र लिखने के साथ ही वार्ता भी की।
400-400 मीटर होगी चारों रास्तों की लंबाई
अंडरपास में चार रास्ते होंगे। अंडरपास दर्शनपुरवा से बनना शुरू होगा। यह चार लेन का होगा। जीटी रोड पर गुमटी की तरफ और अफीमकोठी की तरफ दो-दो लेन का बनेगा। चौथा रास्ता संगीत टाॅकीज रोड की तरफ बनाया जाएगा, ताकि कालपी रोड से आकर सेंट्रल स्टेशन की तरफ जाने-आने वाले वाहनों को चक्कर लगाकर न जाना पड़े। चारों रास्तों की लंबाई करीब 400-400 मीटर होगी।
रोज करीब साढ़े तीन घंटे बंद रहती है जरीबचौकी क्रॉसिंग
शहर की सबसे व्यस्त जरीबचौकी क्रॉसिंग से रोज 40-45 ट्रेनों का आवागमन होता है। एक ट्रेन के लिए औसतन पांच मिनट के लिए क्राॅसिंग बंद होती है। इस वजह से यह क्राॅसिंग रोज 3:20 घंटे से पौने चार घंटे बंद रहती है।
तेजाब मिल-जरीबचौकी क्रॉसिंग के बीच से शुरू होगा एलिवेटेड ट्रैक
एलिवेटेड रेलवे ट्रैक की शुरुआत अनवरगंज रेलवे स्टेशन के ठीक बगल में स्थित तेजाब मिल कैंपस रेलवे क्राॅसिंग के बाद से होगी। इस वजह से जरीबचौकी में एलिवेटेड ट्रैक इतना ज्यादा ऊंचा नहीं हो पाएगा, जिसके नीचे से बस, ट्रक, डंपर, ट्रैलर आदि आसानी से निकल सकें।
दो महीने पहले कंपनी बदल दी गई
इसके मद्देनजर पांच महीने पहले मौके पर निरीक्षण करने आए तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने सेतु निगम को जरीबचौकी में अंडरपास बनाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए जल्द से जल्द डीपीआर बनाने के लिए भी कहा था, पर अभी तक डीपीआर नहीं बन पाई है। सेतु निगम ने पहले गुरुग्राम की एक कंपनी को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, पर लापरवाही की वजह से दो महीने पहले कंपनी बदल दी गई।
जरीबचौकी अंडरपास की शुरुआती डीपीआर तैयार है, पर पूर्वोत्तर रेलवे का एस्टीमेट नहीं मिल पाया है, जबकि इसके लिए उनके सीनियर डीईएन से वार्ता करने के साथ ही पत्र भी लिखे हैं। रेलवे का एस्टीमेट मिलते ही डीपीआर में जोड़ दिया जाएगा और इसे स्वीकृति के लिए शासन भेज दिया जाएगा।
-विजय कुमार सेन, प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम