Unnao: तहसील में अफसर सुन रहे थे फरियाद, बाहर लेखपाल घूस लेते गिरफ्तार, तीन साल से एक ही कार्यालय डटा था आरोपी

एंटी करप्शन टीम सबसे पहले सोमवार सुबह डीएम से मिली थी। उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद शासनादेश के तहत साक्ष्य के रूप में दो लोक सेवकों को लिया था। टीम फिर सफीपुर तहसील गई थी। आरोपी लेखपाल तीन साल से तहसील में डटा था।

Officers were listening to complaints in the tehsil, outside the accountant was arrested taking bribe

उन्नाव जिले में तहसील दिवस पर  एसडीएम, सीओ व अन्य अधिकारी जब जनता की फरियाद सुन रहे थे तभी बाहर एक लेखपाल को वरासत के बदले तीन हजार की घूस लेते लखनऊ की एंटी करप्शन टीम (भ्रष्टाचार निवरण संगठन) ने रंगे हाथ पकड़ लिया। तहसील में भीड़ बढ़ते देख उसे सदर कोतवाली लाया गया, जहां विधिक कार्रवाई पूरी की। सफीपुर तहसील क्षेत्र के गांव रामपुर निवासी रितेश सिंह के पिता रामेंद्र सिंह की मई 2024 में मौत हो गई थी।

पिता के नाम गांव मेथीटिकुर में 4.5 बीघा भूमि थी, जिसकी वरासत दोनों भाई रितेश सिंह व बृजेश सिंह के नाम होनी थी। रितेश ने इसके लिए मेथीटिकुर में तैनात सदर कोतवाली के मोहल्ला पूरन नगर निवासी लेखपाल विकास वर्मा से संपर्क किया। विकास ने रितेश से वरासत दर्ज करने के बदले में पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी। रुपये न देने पर उसे टरकाता रहा और दो माह बीतने के बाद भी वरासत नहीं हो सकी।

इससे परेशान रितेश ने 18 जुलाई को लखनऊ जाकर एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी।
एंटी करप्शन के अधिकारियों ने शिकायत की पुष्टि की और फिर लेखपाल को पकड़ने के लिए घेरा बनाया। टीम सोमवार को प्रभारी एंटी करप्शन नूरूल हुदा खान के नेतृत्व में तहसील सफीपुर पहुंची। किसान के माध्यम से लेखपाल से संपर्क किया, तो उसने अपने कक्ष के बाहर बुलाया। कक्ष के बाहर पहुंचते ही किसान ने तीन हजार रुपये लेखपाल विकास वर्मा को पकड़ा दिए। विकास रुपये लेकर जैसे ही अपनी जेब में रख रहा था तभी एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया।

न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने की मांग
जिस समय लेखपाल को घूस लेते पकड़ा गया एसडीएम नवीन चंद्र, सीओ माया राय और तहसीलदार रामशंकर लेखपाल कक्ष से 20 मीटर दूर तहसील सभागार में जन शिकायतों की सुनवाई कर रहे थे। टीम ने लेखपाल को गाड़ी में बैठाया और सफीपुर कोतवाली न ले जाकर सीधे सदर कोतवाली लाई। यहां पर लेखपाल के खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्रवाई पूरी की। एंटी करप्शन टीम प्रभारी नुरुल हुदा खान ने बताया कि आरोपी लेखपाल को मंगलवार को लखनऊ की प्रिविंशन करप्शन एक्ट की कोर्ट में पेश करके न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने की मांग की जाएगी।

तीन साल से एक ही तहसील में डटा था आरोपी लेखपाल
एंटी करप्शन टीम सबसे पहले सोमवार सुबह डीएम से मिली थी। उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद शासनादेश के तहत साक्ष्य के रूप में दो लोक सेवकों को लिया था। टीम फिर सफीपुर तहसील गई थी। आरोपी लेखपाल तीन साल से तहसील में डटा था। सूत्रों की मानें तो टीम जिस समय सफीपुर तहसील पहुंची थी, उस समय संपूर्ण तहसील समाधान दिवस चल रहा था। इस कारण भीड़ अधिक थी। लेखपाल को फोन किया, तो उसने मेथीटिकुर गांव में परिषदीय विद्यालय की भूमि संबंधी शिकायत की जांच करने की बात कही।

कार्रवाई से पहले एंटी करप्शन टीम ने डीएम को दी जानकारी
किसान से तहसील में ही रुकने के लिए कहा। लेखपाल दोपहर लगभग 2:30 बजे तहसील मुख्यालय पहुंचा। पहले खाना खाया। फिर रितेश को फोन करके आने के लिए कहा। रितेश करप्शन टीम के सदस्य के साथ लेखपाल के कमरे में पहुंचा। उसने लेखपाल को तीन हजार रुपये दिए। विकास ने उसे हाथ में लेकर जैसे ही पैंट की जेब में रखा, वैसे ही आसपास मौजूद टीम के अन्य सदस्यों ने लेखपाल को दबोच लिया और गाड़ी में डाल सदर कोतवाली ले गए। एसडीएम नवीन चंद्र ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व लेखपाल विकास वर्मा ने तहसील में कार्य संभाला था।

पूर्व में हुईं घूसखोरी की घटनाएं

  • 25 मई 2024 को क्षेत्रीय प्रदूषण कार्यालय में विभाग के लिपिक विजय कुमार को 50 हजार की घूस लेते एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा।
  • 18 दिसंबर 2023 को सफीपुर पूर्ति कार्यालय में तैनात लिपिक अमन माथुर को कोटेदार प्रतिनिधि से 3000 घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
  • 07 सितंबर 2022 को सोहरामऊ क्षेत्र के आशाखेड़ा में संचालित आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में प्रबंधक पुष्पलता सिंह को किसान से केसीसी के लिए 10 हजार रुपये की घूस लेते सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा था।
  •  22 दिसंबर 2021 को औरास ब्लॉक संसाधन केंद्र में कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी देख रहे सहचर विनोद यादव को एंटी करप्शन ने 5000 रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था।
  • 29 जनवरी 2019 को पैतृक जमीन के दस्तावेज में नाम सही कराने के नाम पर रिश्वत मांगने वाले हसनगंज के तत्कालीन कानूनगो गोकरन पाल को एंटी करप्शन ने 500 रुपये की घूस लेते रंगेहाथों दबोचा था।
  • 11 अक्तूबर 2018 को शिक्षिका को 19 दिन का अवकाश देने के बदले 1900 रुपये घूस ले रहे बीएसए कार्यालय के लिपिक कौशल किशोर त्रिवेदी को को एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ दबोचा था।
  • 08 सितंबर 2018 को एडीएम कोर्ट में विचाराधीन मुकदमे की जांच में पक्ष में रिपोर्ट लगाने के नाम पर 5 हजार की घूस लेते पुरवा के लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा।
  • 27 मई 2017 को बीघापुर तहसीलदार के पेशकार को एंटी करप्शन टीम ने सीजनल संग्रह अमीन के पद पर काम करने वाले से 10 हजार रुपये की घूस लेते दबोचा था।
  • 06 अप्रैल 2016 को सीबीआई ने बीएसएनएल के टीडीएम और एओ को ठेकेदार से 50 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया था।
  • 18 फरवरी 2016 को लखनऊ से आई एंटी करप्शन सेल ने नवाबगंज ब्लाक के बीडीओ श्रीकृष्णा को 50 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था।
  • 07 नवंबर 2012 में बांगरमऊ आर्यावर्त ग्रामीण बैंक के क्लर्क को सीबीआई ने दबोचा था।
  • अगस्त 2011 में चकबंदी एसीओ को एंटी करप्शन की टीम ने किसान से घूस लेते गिरफ्तार किया था।

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