उन्नाव। तेज रफ्तार रोडवेज बस ब्रेक फेल होने से सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गई। हादसे में एक यात्री की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। हादसे के समय बस में 25 यात्री थे। घायलों को जिला अस्पताल से कानपुर हैलट रेफर किया गया है। दोनों वाहनों के चालक भाग गए।
लखनऊ से कानपुर जा रही महोबा डिपो की बस में सवार यात्रियों में अजगैन कोतवाली क्षेत्र के चमरौली गांव निवासी दिनेश (41) भी सफर कर रहा था। वह लखनऊ में सब्जी बेचकर घर लौट रहा था। रात करीब दो बजे अजगैन कोतवाली के चमरौली गांव के सामने दिनेश ने चालक से बस रोकने के लिए कहा। तेज रफ्तार होने से चालक ने ब्रेक लगाई लेकिन लगी नहीं। बस सड़क किनारे शक्कर के बोरे लदे ट्रक में पीछे से टकराते हुए निकल गई।
हादसे में बस का बाएं तरफ (बस के दरवाजे की तरफ) का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। दरवाजे की तरफ वाली सीटों पर आगे की ओर बैठे कानपुर जूही थानाक्षेत्र के बम्हुरिया निवासी रमाशंकर ओझा (48), बस के दरवाजे के पास खड़े अजगैन कोतवाली के चमरौली गांव निवासी दिनेश (41) और आगे की सीट पर बैठे बांदा के फाईपुर निवासी भानुचंद्र (30) गंभीर रूप से घायल हो गए। अन्य यात्रियों को भी हल्की चोटें आईं।
अजगैन कोतवाल अवनीश सिंह ने तीनों घायलों को नवाबगंज सीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने रमाशंकर ओझा को मृत घोषित कर दिया, जबकि दिनेश और भानुचंद्र को गंभीर हालत में जिला अस्पताल फिर कानपुर हैलट रेफर कर दिया। बस को संविदा चालक महोबा निवासी मनमोहन चला रहा था। उसके साथ परिचालक भानू था। हादसे के बाद दोनों बस छोड़कर भाग गए। वहीं, ट्रक चालक के न मिलने पर पुलिस ने कब्जे में लिया है।
पत्नी व बेटे को मायके से छोड़कर लौट रहे थे रामशंकर
हादसे में मृत किराना व्यापारी रामशंकर ओझा पत्नी सुनीता और बेटे अनुज को गोरखपुर में रहने वाले अपने साले दंत चिकित्सक संजय मिश्रा के यहां छोड़ने गए थे। वहां से वह लखनऊ पहुंचे और फिर महोबा डिपो की बस से कानपुर जा रहे थे। वह किराना व्यापारी हैं। वह दो भाइयों में छोटे थे। पति की मौत से पत्नी, बेटा और अन्य परिजन कानपुर पहुंचे। वहीं, बड़े भाई रविशंकर और मां विमलेश बेहाल हैं।
एआरआम की जांच में बस चालक की गलती
बस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आरएम कानपुर अनिल कुमार ने एआरएम को जांच के निर्देश दिए थे। एआरएम जीसी वर्मा ने जांच कराई तो चालक की गलती सामने आई। वह तेज रफ्तार में बस चला रहा था। यात्रियों ने भी बताया कि कई बार टोकने के बाद भी चालक नहीं माना और यात्री को उतारने के दौरान हादसा हो गया। आरएम के मुताबिक, रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
चार महीने से बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के दौड़ रही थी रोडवेज बस
हादसे का शिकार हुई रोडवेज बस का चार महीने पहले ही प्रदूषण प्रमाणपत्र खत्म हो चुका है। वह बिना प्रमाणपत्र के दौड़ रही थी। जांच में प्रदूषण 21 मार्च 2024 को ही खत्म हो गया था। उसके बाद नवीनीकरण नहीं कराया गया। जबकि फिटनेश 31 जनवरी 2025 तक है।