बजट: चुनाव से पहले तैयार हुआ बिहार का ‘राजनीतिक एक्सप्रेसवे’, 59000 करोड़ से ऐसे साधा अगले साल का ‘सियासी रण

बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है। उस विधानसभा चुनाव से पहले बिहार को बजट 2024 के माध्यम से केंद्र सरकार ने तकरीबन 59000 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात दी है। राजनीतिक मामलों के जानकार मानते हैं कि इन घोषणाओं के माध्यम से सियासी रण सजा लिया गया है।

जिस तरीके से बिहार में डेवलपमेंट का एक बड़ा खाका खींचने के लिए इतना भारी भरकम बजट केंद्र सरकार की ओर से जारी किया गया है। उससे आने वाले विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने डेवलपमेंट के मॉडल पर नीव का पत्थर रखना तो शुरू ही कर दिया है। सियासी जानकारों का मानना है कि बिहार के नजरिए से अलग-अलग सेक्टर को आवंटित हजारों करोड़ रुपए राज्य के विकास का एक नया खाका खींचेगा।बिहार में बिजली, सड़क, पानी और इंफ्रास्ट्रक्चर
तमाम दबाव के बाद भी बिहार को भले ही विशेष राज्य का दर्जा ना मिला हो लेकिन निर्मला सीतारमण ने इस बजट में बिहार को दिल खोलकर सुविधाओं की सौगातो का पूरा पिटारा खोल दिया है। इतने भारी भरकम बजट के बाद बिहार में अब इसको सियासी नजरिया से भी देखा जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सुमित कुमार कहते हैं कि लगातार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही थी। उस मांग के तहत बिहार के विकास का पूरा खाका खींचा जाना था। वह कहते हैं कि भले ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा ना मिला हो लेकिन 59000 करोड रुपए से बिहार के उन सभी सेक्टर में बड़ी बढ़त मिलने वाली है जिसकी बहुत आवश्यकता है। बिहार में बिजली सड़क पानी और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर लगातार मांग उठती रही है। अब जब केंद्र सरकार ने अलग-अलग सेक्टर में हजारों करोड रुपए का बजट देने का प्रावधान किया है तो उसका सियासी रूप से निश्चित तौर पर बड़ा फायदा होता दिख रहा है। वह कहते हैं कि भले ही बिहार में अभी चुनाव को लेकर एक साल का वक्त हो। लेकिन सियासी माहौल तो अब बनने ही लगा है। बजट के बाद तो यह माहौल और तेजी से आगे बढ़ेगा।

हर साल बाढ़ के चलते लाखों लोग प्रभावित
बिहार भाजपा के नेता रूद्रानंद झा कहते हैं कि बिहार में मूलभूत सुविधाओं के लिहाज से इस बजट से बहुत पंख मिले हैं। वह कहते हैं कि 26000 करोड रुपए से बिहार के एक्सप्रेसवे और हाईवेज को तैयार किया जाएगा। यहां की मेडिकल्स और हेल्थ की सुविधाओं को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बजट में भारी भरकम प्रावधान किया गया है। बिहार में हर साल बाढ़ के चलते लाखों लोग प्रभावित होते हैं। एनडीए की सरकार ने यहां के लोगों की इस समस्या को करीब से समझते हुए अपने बजट में 12000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। बिहार में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तकरीबन 20000 करोड़ रुपए पावर प्लांट के लिए आवंटित किए हैं। जब यहां की नदियों पर पुलों को बनाए जाने के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी सैकड़ो करोड रुपए का आवंटन किया गया है। रूद्रानंद कहते हैं कि बिहार के नजरिए से यह भारी भरकम बजट समूचे बिहार की पूरी तस्वीर बदलने वाला है। उनका कहना है कि यह बजट बिहार के लिए तस्वीर बदलने वाला बजट है। भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार ने यहां के लोगों के दर्द को समझा और इस बजट में उनको दूर करने के लिए बहुत बड़ा खाका तैयार किया है।

महज 300 किलोमीटर जाने में 7 से 9 घंटे का वक्त लगता है
बिहार में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक धनंजय कुमार कहते हैं कि जिस तरीके से केंद्र सरकार ने इस बजट में तीन नए एक्सप्रेसवे और हाईवे के लिए 26000 करोड रुपए का बजट जारी किया है वह बिहार को एक नई गति देगा। सुमित कहते हैं कि अभी भी बिहार में हाईवेज और एक्सप्रेसवे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की तुलना में न के बराबर हैं। जिस तरीके से पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोध गया से राजगीर समेत वैशाली होते हुए दरभंगा तक तीन एक्सप्रेसवे बनाए जाने की घोषणा हुई है वह बिहार के विकास की निश्चित तौर पर कहानी लिखेगा। धनंजय कहते हैं कि पटना से पूर्णिया के लिए तीन अलग-अलग नेशनल हाईवे से जाने में 7 से 9 घंटे का वक्त लगता है। जबकि यह दूरी महज 300 किलोमीटर के आसपास ही है। उनका मानना है कि जिस तरीके से अलग-अलग सेक्टर में केंद्र सरकार में भारी बजट दिया है वह आने वाले चुनाव में निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को सियासी नजरिया से बड़ा फायदा पहुंचाने वाला है। इसी तरीके से जिन अलग अलग शहरों को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे को बनाने की घोषणा हुई है उसमें भी घंटे का वक्त कम दूरी के लिए लगता है।

पर्यटन को सुधारने की मांग
सियासी जानकारो का भी मानना है जिस तरीके का माहौल बना है भारतीय जनता पार्टी को सियासी तौर पर भाजपा को बड़ा फायदा पहुंचा सकता है। चुनावी सर्वे करने वाली एजेंसी से जुड़े प्रद्युम्न तनेजा कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने बिहार में अपने पूरे सर्वे के दौरान मूलभूत सुविधाओं की मांग सबसे ज्यादा सुनी थी। बिजली से लेकर सड़क और अस्पतालों से लेकर पर्यटन को सुधारने की मांग शामिल थी। प्रद्युम्न कहते हैं कि लोग लंबे समय से यहां पर बेहतर हाईवे और एक्सप्रेसवे की मांग कर रहे थे। अब जिस तरीके से बजट में इसका प्रावधान किया गया है। उससे स्पष्ट है कि एक तरह से बिहार के लोगों की लंबे अरसे से की जा रही मांग को पूरा किया जा रहा है। वह कहते हैं कि इसका सियासी फायदा कितना होगा यह तो राजनीतिक दल बेहतर तरीके से समझेंगे। लेकिन इतना तय है कि अगर भारतीय जनता पार्टी इसको बिहार में सही तरीके से जनता के बीच में लेकर जा सकी तो एनडीए को फायदा हो सकता है। तनेजा मानते हैं कि जिस तरीके से बजट में 59000 करोड रुपए से बिहार को सुधारने का पूरा खाका खींचा गया है वह बिहार के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है। निश्चित तौर पर बिजली सड़क अस्पताल और पर्यटन को सुधार कर यहां विकास का रोड मैप तैयार किया जा सकता है।

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