उन्नाव। पुलिस विभाग और अमर उजाला फाउंडेशन ने पीतांबर नगर स्थित सेंट ज्यूड्स इंटर कॉलेज में पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया। सीओ ने छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किया। उन्हें साइबर ठगी, उत्पीड़न, यातायात नियमों के बारे में बताया। पुलिस की मदद लेने के लिए भी जागरूक किया।
सीओ सिटी सोनम सिंह ने छात्रों को बताया कि मोबाइल सिम खरीदते वक्त दुकानदार आपसे दोबारा अंगूठा लगाने के लिए कहे तो पूरी तसल्ली किए बिना ऐसा न करें। क्योंकि आपके नाम से एक से अधिक सिम जारी हो सकते हैं और साइबर ठगों के निशाने पर भी आ सकते हैं। बताया कि सोशल मीडिया का प्रयोग करते समय थोड़ी सी सतर्कता बरत कर किसी भी विषम परिस्थिति से बच सकते हैं। उन्होंने 112, 1090 आदि की भी जानकारी दी।
साइबर की जानकार आरक्षी सोनिया सिंह ने छात्रों को टोल फ्री नंबर 1930 की जानकारी दी। बताया कि कभी भी किसी को अपने बैंक खाते की जानकारी न दें। फेसबुक, बैंक अकाउंट से संबंधित पासवर्ड हर तीन महीने में बदल लेना चाहिए। व्हाट्सएप, टेलीग्राम, गूगल का टू स्टेप वेरिफिकेशन करें, पिन किसी से साझा न करें। कैमरा, गैलरी, फोन बुक, माइक्रो फोन और लोकेशन का एक्सेस न दें। बताया कि भारत का पिन कोड +91 है। इसके अलावा अगर किसी दूसरे कंट्री कोड की कॉल आए तो रिसीव न करें।
यातायात प्रभारी भवन सिंह मौर्य ने छात्रों को यातायात के नियमों और हेलमेट व सीट बेल्ट लगाने के लाभ बताए। कहा कि जिले में हर साल सैकड़ों लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है। यातायात नियमों का पालन करके हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है। इसके लिए खुद जागरूक होना होगा। संचालन परिवार परामर्श केंद्र के प्रभारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने किया। प्रधानाचार्या शुभा घोषाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान मनीष सिंह सेंगर,अपर्णा त्रिवेदी, योगेश, तौफीक आदि मौजूद रहे।
छात्र-छात्राओं के सवाल और उनके जवाब
– छात्र अदीम अख्तर ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बारे में पूछा। इस पर सब इंस्पेक्टर तिलक सिंह ने बताया कि 16 से 18 साल की उम्र तक भी लाइसेंस बनता है, लेकिन इस लाइसेंस पर बिना गियर वाला ही वाहन चला सकते हैं। 18 साल की उम्र पूरी होने पर ही बाइक या कार चलाएं। फोन पर बात करते हुए या नशे की हालत में वाहन न चलाएं। अन्य लोगों को भी जागरूक करें।
– कक्षा दस की छात्रा सृष्टि विमल ने खराब ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल किया। यातायात प्रभारी ने बताया कि जो संसाधन हैं, उसी से काम करना पड़ता है। ट्रैफिक प्वाइंट पर सिपाही यातायात का संचालन कर रहे हैं। कई बार लोगों की जल्दबाजी के कारण भी समस्या होती है। गलत दिशा में वाहन चलाना, ट्रैफिक लाइट को नजरअंदाज करना, बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाना, सकरे रास्तों पर वाहनों को खड़ा कर देने से भी यातायात व्यवस्था बिगड़ती है।