गंगा बैराज मार्ग स्थित सरैयां रेलवे क्रासिंग पर बनने वाले आरओबी की लंबाई बढ़ने के कारण शासन से धन स्वीकृत नहीं हुआ था, जिस कारण एक साल से अधिक समय से आरओबी का कार्य बंद चल रहा था।
इधर रेलवे की ओर से अपना कार्य तेजी से कराया जा रहा है। परियोजना निदेशक ने बताया कि नया खेड़ा तक बनने वाले आरओबी के लिये 150 करोड़ 10 लाख रुपये शासन से धन निर्गत हुआ है। जिससे अब तेजी से आरओबी का कार्य कराया जायेगा।
बता दें राज्य सरकार और उत्तर रेलवे के संयुक्त सहयोग के बाद वर्ष 2018 में सरैयां रेलवे क्रासिंग पर आरओबी बनाये जाने की स्वीकृत मिली थी। आरओबी बनने में 78 करोड़ 83 लाख 51 हजार की लागत से राज्य सेतु निगम की निगरानी में कार्यदायी संस्था ने वर्ष 2022 फरवरी में आरओबी का कार्य शुरू कराया था।
कार्य वर्ष 2023 जून में समाप्त होना था लेकिन इसी बीच पुल की लंबाई बढ़ा दी गई और मरहला चौराहे तक बनने वाला आरओबी आजाद मार्ग नया खेड़ा तक बनाये जाने को लेकर राज्य सेतु निगम ने स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा।
लगभग सवा साल से आरओबी का काम बंद चल रहा था। जिससे प्रतिदिन बैराज मार्ग पर लंबा जाम लग रहा था। शासन से धन न मिलने के कारण लगभग साल भर से अधिक का समय हो गया, जिसके बाद सेतु निगम ने शासन को पत्राचार किया और आये दिन जाम की समस्याओं से अवगत कराया।
शासन ने आरओबी के लिये 150 करोड़ 10 लाख रुपये निर्गत किये। सेतु निगम के परियोजना निदेशक बी सेन ने बताया आरओबी का कार्य अब तेजी से होगा, डायवर्जन की परिक्रिया की जा रही है। यह आरओबी मरहला चौराहे के आगे नया खेड़ा तक बनेगा।
डायवर्जन के लिये लगाये गये बोर्ड
सरैयां आरओबी के कार्य में तेजी आये, इसके लिये बैराज मार्ग पर डायवर्जन के बोर्ड लगाये गये हैं। जिससे तेजी से आरओबी का कार्य कराया जा सके।
हाईटेक मशीने लगी पहुंचने
शासन से धन आवंटित होने के कारण आरओबी के कार्य में तेजी लाने के लिये आरओबी कार्य स्थल पर हाईटेक मशीनें पहुंचने लगी हैं। जिससे अब तेजी से कार्य कराया जायेगा।