जेपीएनआईसी सेंटर में चल रहे विवाद के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार जयप्रकाश नारायण सेंटर को बेचना चाहती है।
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जेपीएनआईसी सेंटर पर अखिलेश को भीतर न घुसने देने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन सपा कार्यकर्ता उनके म्यूजियम में जयंती मनाते हैं। लेकिन हमें दो बार से माल्यार्पण करने से रोका जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार इस सेंटर को बेचना चाहती है। उन्होंने कहा कि ये बैरिकेडिंग सपा के कार्यकर्ताओं को रोक नहीं पाएगी। पुलिस कब तक यहां रहेगी। जब पुलिस वहां से हटेगी तब हम वहां माल्यार्पण करेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि हम माल्यार्पण यहीं पर करेंगे। अभी यहां पर पुलिस की बैरिकेडिंग है। यह बैरीकेटिंग कब तक रहेगी। जब पुलिस हटेगी तब हम वहां जाएंगे। अखिलेश ने कहा कि यह सरकार ही विनाशकारी है। सरकार भेड़िए को पकड़ने की ताकत नहीं जुटा पा रही है। वह इन चीजों में अपनी ऊर्जा खर्च कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि अंदर कुछ गड़बड़ चल रहा है। कुछ ऐसा है जो सरकार छिपाना चाह रही है। हमें अंदर कुछ वजहों से नहीं आने दिया जा रहा है। हम इसकी हकीकत मालूम करके रहेंगे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) जाने से रोकने पर सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। अखिलेश के विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास के बाहर पुलिस ने जबरदस्त बैरकेडिंग कर दी थी। इस पर वहां कार्यकर्ताओं और नेताओं का हुजूम इकट्ठा हो गया। सपा अध्यक्ष ने भी आवास से बाहर निकलकर जीप में रखी जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। साथ ही एलान किया कि जब पुलिस का घेरा हटेगा, तब जेपीएनआईसी जाकर श्रद्धांजलि देंगे।
संपूर्ण क्रांति के जनक जय प्रकाश नारायण की 11 अक्तूबर को जयंती के अवसर पर राजधानी हाई-वोल्टेज राजनीतिक घटनाक्रम की गवाह बनी। गोमती नगर स्थित जेपीएनआईसी पर प्रशासन ने बृहस्पतिवार को ही अभेद्य बैरिकेडिंग कर दी थी। अखिलेश यादव बृहस्पतिवार की देर रात ही जेपीएनआईसी के गेट पर पहुंच थे और उन्होंने बैरिकेंडिंग किए जाने पर सरकार पर तीखा हमला बोला। इतना ही नहीं अखिलेश के शुक्रवार को जेपीएनआईसी जाकर श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया। यहां बता दें कि पिछले साल भी अखिलेश जेपीएनआईसी का गेट फांदकर जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने गए थे।
इससे सबक लेते हुए स्थानीय प्रशासन ने विक्रमादित्य मार्ग स्थित अखिलेश के निजी आवास के बाहर भी शुक्रवार की भोर में बैरिकेडिंग कर दी। भारी संख्या में वहां पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए। इस पर अखिलेश ने एक्स के जरिये कहा कि भाजपा ने न सिर्फ श्रद्धांजलि के रास्ते रोके हैं, बल्कि पीडीए के रास्ते भी रोके हैं। इसे उन्होंने आरक्षण और किसानों का रास्ता रोकना भी करार दिया। इसी बीच भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता और नेता अखिलेश के आवास के बाहर इकट्ठा हो गए।
प्रातः 10:30 बजे पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी अखिलेश के आवास के अंदर गए। इसके बाद खुली जीप में जेपी की प्रतिमा रखकर उसे सपा अध्यक्ष के आवास से बाहर लाया गया। करीब 11 बजे अखिलेश यादव भी अपने आवास से बाहर निकले और जीप को अस्थायी मंच का रूप दे दिया गया। उस पर चढ़कर अखिलेश यादव ने जेपी को श्रद्धांजलि दी।
त्योहार न होता तो बल्लियां हमें रोक न पाती
भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर शुक्रवार को नवमी का त्योहार न होता तो ये बल्लियां (बैरिकेडिंग) समाजवादियों को जेपीएनआईसी जाने से नहीं रोक सकती थी। इस अवसर पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, विधानसभा परिषद में नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव, सांसद आरके चौधरी, वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी, सपा के पूर्व एमएलसी उदयवीर और सुनील साजन भी मौजूद रहे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और उसकी सरकार समाजवादियों को जेपी को याद नहीं करने दे रही है। इसलिए बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन सरकार से बाहर आएं, क्योंकि नीतीश कुमार जेपी आंदोलन से ही निकले हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि सरकार जेपीएनआईसी को अपने लोगों को बेचने की साजिश कर रही है।
अखिलेश शुक्रवार को अपने आवास के बाहर जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया के बीच अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि हर साल ही समाजवादी जेपीएनआईसी में श्रद्धांजलि देने जाते थे, पता नहीं क्या कारण है कि सरकार अब हमें रोक रही है। इसलिए हम सड़क पर खड़े होकर जेपी को याद करने के लिए मजबूर हैं। यह सरकार हर अच्छा काम रोक रही है।
अखिलेश ने कहा कि हम हर साल जेपी की जंयती मनाएंगे। यह पुलिस कब तक खड़ी रहेगी। जैसे ही पुलिस हटेगी, हम लोग फिर वहीं जाकर सम्मान करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सरकार गूंगी बहरी तो थी ही, अब तो इसे दिखाई भी नहीं दे रहा है। यह विकासवादी नहीं, विनाशकारी सरकार है। भाजपा समाजवादियों को उनका त्योहार तक मनाने नहीं दे रही है। जो भी समाजवादी सोच के लोग सरकार में हैं, वे भाजपा का साथ छोड़ें।
उन्होंने कहा कि जेपीएनआईसी को लोहिया पार्क के बराबर में इसलिए बनाया गया था कि समाजवादी नेताओं को एक ही जगह सम्मान दे सकें। सरकार इसे बेचकर मुनाफा कमाना चाहती है।
सरकार में ही मौजूद हैं बिच्छू
यह पूछे जाने पर कि सरकार ने सुरक्षा कारणों से आपको (अखिलेश) को जेपीएनआईसी नहीं जाने दिया, अखिलेश ने कहा कि जो सरकार भेड़ियों और गुलदारों से गरीबों को नहीं बचा पा रही है, वो हमारे स्वास्थ्य की चिंता क्यों कर रही है। अगर वहां हमारी सुरक्षा को खतरा था, तो हमें सुरक्षा के साथ बाहर ले जाना चाहिए था। यह सरकार की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि बिच्छू जेपीएनआईसी में नहीं, सरकार में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में भाजपा का कोई योगदान नहीं रहा है। इसलिए स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वालों का सम्मान करने से रोका जा रहा है।
सीएम को नहीं पता जेपी का योगदान
अखिलेश ने कहा कि जेपीएनआईसी का निर्माण पूरा करके उसे जनता के लिए खोलने की जिम्मेदारी सरकार की है। अपने ठेकेदार को काम देने के बावजूद केंद्र का काम पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जेपीएनआईसी के संबंध में जांच रिपोर्ट कभी नहीं आएगी, क्योंकि इसमें उन्हीं के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सीएम को जेपी के योगदान के बारे में पता होता तो नवरात्र के दिन इस तरह से फोर्स नहीं लगाते।