दूसरे पति संग मिलकर मार दी बेटी: पहले दुधमुंही बच्ची को मारा… फिर दूध सुखाने की ली दवा, रूह कंपा देगी कहानी

Can Babies Drink Other Women's Breast Milk,क्‍या सहेली या बहन पिला सकती है  आपके बच्‍चे को दूध - is it safe to to let your friend or relative to  breastfeed your baby

आरोपी महिला और उसका दूसरा पति गोपाल दोनों ही तंत्र मंत्र पर विश्वास करते थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि शगुन के जन्म के बाद से ममता के सिर भूत प्रेत आने लगे थे

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक मां घिनौना चेहरा सामने आया है। महिला ने अपने दूसरे पति के साथ मिलकर मासूम की घर में गला घोंटकर हत्या कर दी और जंगल में फूंक आए। ममता को दूध आता था, जिससे वह परेशान थी। गोपाल ने गांव में ही एक मेडिकल स्टोर के यहां जाकर दूध सुखाने की दवाई देने को कहा तो उससे कारण पूछा गया। इसके बाद बात पूरे गांव में फैल गई थी।

यह था मामलापत्नी ममता की कोख में पली उसके पहले पति की बेटी शगुन आरोपी गोपाल को पसंद नहीं थी। मासूम के जन्म लेने के बाद से ही उसकी मां बीमार थी। दंपती डॉक्टरों से उपचार कराने के बजाए झाड़-फूंक में उलझ गया। अंधविश्वास में मासूम की घर में ही दोनों ने गला घोंटकर हत्या कर दी और जंगल में फूंक आए। पुलिस अभी तक शव बरामद नहीं कर सकी है।

सीओ भोपा रवि शंकर मिश्रा ने थाने में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि गोपाल ने अप्रैल माह में मेरठ के परतापुर की ममता से शादी की थी। शादी के वक्त वह गर्भवती थी। बेलड़ा में एक माह पहले बेटी के जन्म के साथ वह बीमार रहने लगी। दंपती ने बीमारी की वजह बेटी को मान लिया गया।

आरोपी महिला और उसका दूसरा पति गोपाल दोनों ही तंत्र मंत्र पर विश्वास करते थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि शगुन के जन्म के बाद से ममता के सिर भूत प्रेत आने लगे थे। भूत उतारने का बहाना लेकर दंपती ने मंगलवार रात घर पर ही गला दबाकर बेटी की हत्या कर दी। इसके बाद पहले जंगल और फिर नहर में फेंक आए। दंपती की निशानदेही पर बच्ची के कपड़े, मोपेड, साइकिल बरामद कर लिए। काफी प्रयास के बाद भी शव नहीं मिल सका। आरोपी दंपति का चालान कर दिया गया।

बेलड़ा में गोपाल की पत्नी ममता ने एक माह पहले बेटी को जन्म दिया था। बेटी का नाम शगुन रखा गया। पिछले दो दिन से उसके घर से बच्ची के रोने की आवाज नहीं आई तो आसपास के लोगों को मामला संदिग्ध दिखाई दिया। तब यह मामला पुलिस में पहुंचा था। पुलिस ने बुधवार रात तलाश की, लेकिन बच्ची का शव नहीं मिला। दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। बृहस्पतिवार को पुलिस बच्ची की जंगल में तलाश कर रही है।

दरिंदे बन गए गोपाल ने दो बार फेंकी शगुन की लाश
जन्म के बाद से ही गोपाल शगुन से नफरत कर रहा था। पहले गला दबाकर हत्या की और इसके बाद पति-पत्नी काले कपड़े में शव लपेट कर मोपेड पर सवार होकर रहमतपुर मार्ग पर पहुंचे। यहां खेत में शव फेंक आए। घर आकर गोपाल ने नहाकर पूजा की। रात में एक बार फिर साइकिल पर गोपाल जंगल पहुंचा और शव को उठाकर वहां से दो किमी दूर बेलड़ा गंगनहर में फेंक आया। जबकि पहले दंपती ने बच्ची की मौत बीमारी से बताकर पुलिस को गुमराह किया था। लेकिन क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज ने सच खोलकर रख दिया।

पत्नी की दूसरी और पति की थी तीसरी शादी
बेलड़ा निवासी आरोपी गोपाल की पहली शादी 2011 में कोमल के साथ हुई थी। जिससे दो बेटी पैदा हुई। 2015 में पत्नी कोमल गोपाल से अलग होकर उसके बड़े भाई दीपक के साथ बच्चों सहित रहने लगी। गोपाल ने दूसरी शादी कुतुबपुर निवासी महिला से कर ली थी, लेकिन वह भी उसे छोड़ कर चली गई। इसी वर्ष अप्रैल माह में गोपाल ने तीसरी शादी गर्भवती ममता से की। पुलिस ने बताया कि ममता की भी पहली शादी मेरठ के परतापुर निवासी व्यक्ति के साथ हुई थी। वह अपने पति से परेशान थी। परतापुर में गोपाल के एक परिचित की रिश्तेदारी थी। उसकेे माध्यम से गोपाल ने गर्भवती ममता से शादी कर ली थी। लेकिन दोनों ही जन्मी बेटी को रखना नहीं चाहते थे। इसी के चलते दोनों ने उसकी बलि दे दी।

अंधविश्वास में यह बताया, प्रेत ने कहा था कि बच्ची उसे दे दो
एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि अंधविश्वास में हत्या की। आरोपी ममता ने बताया कि उसके सिर भूत प्रेत का साया आता था। ममता ने बताया कि घटना वाली रात में प्रेत ने सिर आकर कहा था कि बच्ची न तेरी है न किसी की है। इसलिए बच्ची उसे दे दो। इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया।

डॉक्टर ने बताई, यह भी हो सकती है वजह
जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्पण जैन कहते हैं कि अक्सर महिलाओं में शिशु को जन्म देने के सवा महीने के भीतर पोस्ट पार्टम साइकोसिस यानी प्रसवोत्तर मनोविकृति हो सकती है। जिसमें बच्चे के भीतर आत्मा होने का अंदेशा होने लगता है। ऐसी स्थिति में वह इसे पटखनी दे सकती है। किसी दूसरे तरीके से नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में झाड़फूंक के बजाए डॉक्टर से संपर्क करें। तीमारदारों को अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। बच्चे को ऐसी महिला से दूर रखें।

ऐसे पुलिस तक पहुंचा मामला
सीओ भोपा ने बताया कि चूंकि बच्ची ने कुछ दिन पहले ही जन्म लिया था। इसलिए ममता को दूध आता था। जिससे वह परेशान थी। गोपाल ने गांव में ही एक मेडिकल स्टोर के यहां जाकर दूध सुखाने की दवाई देने को कहा तो उससे कारण पूछा गया। उसने बेटी की मौत होने की बात बताते हुए दवाई देने को कहा। इसके बाद से यह बात पूरे गांव में फैल गई थी। मामला पुलिस तक जा पहुंची थी।

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