उन्नाव में एक बार फिर मुस्लिम महिलाओं ने मंदिर निर्माण का विरोध किया है। उनका कहना है कि मंदिर की घंटी बजने से उन्हें दिक्कत होगी। महिलाओं के इस बयान से माहौल तनावपूर्ण हो गया है। प्रशासन मामले को शांत कराने की कोशिश कर रहा है। वहीं जिस परिवार ने मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था उत्पीड़न किए जाने के बाद लखनऊ में रहना लगा है।
HighLights
- धार्मिक चबूतरे को छत ढालकर मंदिर का रूप नहीं देने दे रहा मुस्लिम पक्ष
- एसडीएम ने कहा- नहीं ली गई थी परमिशन
उन्नाव। बीघापुर के गांव रानीपुर में प्राचीन धार्मिक चबूतरे पर छत ढालकर मंदिर का रूप दिए जाने का विरोध कर रहे मुस्लिम पक्ष की महिलाओं ने सोमवार को भड़काऊ बयान देकर फिर माहौल खराब करने की कोशिश की।
महिलाओं ने कहा कि घंटी बजी तो हमें दिक्कत होगी। कुछ भी हो जाए मंदिर की छत नहीं पड़ने देंगे। भड़काऊ बयान का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित है। उधर, जिस परिवार ने मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था, उत्पीड़न किए जाने के बाद लखनऊ में रहना लगा है।
यह है मामला
रानीपुर में करीब 130 परिवार मुस्लिमों के हैं, जबकि 30 परिवार हिंदुओं के हैं। गांव के मुंडन व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए आबादी की जमीन पर धार्मिक चबूतरा है जिस पर शिवलिंग स्थापित है। एक सप्ताह पूर्व चबूतरे को मंदिर का रूप देने के लिए हिंदू पक्ष ने चारों ओर दीवार उठाकर छत डालने का प्रयास किया, जिसे मुस्लिमों ने रोक दिया था। तबसे गांव में तनावपूर्ण स्थिति है।
70 वर्ष पुराना है मंदिर
बीघापुर कोतवाली क्षेत्र की चौकी निबई के रानीपुर गांव के हीरालाल रामनरेश, अनिल कुमार, गीता ने बताया कि शिव बहादुर विश्वकर्मा के घर के सामने लगभग 70 वर्ष पुराना शिव मंदिर है जिसमें मुंडन, छेदन व विवाह जैसे कार्यक्रमों की रस्में व धार्मिक आयोजन होते हैं। मंदिर के चबूतरे पर चारों ओर जाली लगी है। छत के लिए चबूतरे के चारों ओर कालम भी खड़े हैं।
हिंदू पक्ष के लोगों ने मंदिर में छत डालकर जीर्णोद्धार कराने का काम शुरू कराया तो गांव में रहने वाले निहाल, अनीस खान, असगर खान, शोएब, सलीम, यूनुस, अच्छे व रईस आदि ने यह कहकर निर्माण पर आपत्ति जता दी कि 100 मीटर पर उनकी मस्जिद है और मंदिर में लाउडस्पीकर बजने से उन्हें दिक्कत होगी।