गंजमुरादाबाद। कल्याणी नदी की वास्तविक स्थिति जुटाने के लिए नए सिरे से ड्रोन सर्वे शुरू हुआ है। पहले दिन गंजमुरादाबाद विकासखंड क्षेत्र के तीन गांवों में 8.5 किलोमीटर क्षेत्र में ड्रोन से सर्वे कराया गया। इस दौरान अधिकांश जगह पर नदी की जमीन पर अतिक्रमण मिला। खेती होने की जानकारी भी हुई।
विकासखंड क्षेत्र के फतेहपुर खालसा, बहलोलपुर, कुशराजपुर गांवों से कल्याणी नदी निकली है। वर्तमान में नदी का अस्तित्व गुम होने की कगार पर है। पूर्व में अमर उजाला ने नदी को पुराने स्वरूप में वापस लाने का प्रयास शुरू किया था। 2022 में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बांगरमऊ में फावड़ा चलाकर नदी के जीर्णोद्धार के लिए काम की शुरुआत की थी। हालांकि इसके बाद समय बढ़ता गया और तत्कालीन अधिकारियों का स्थानांतरण होने से काम रुक गया था।
अब वर्तमान डीएम गौरांग राठी ने फिर से नदी को पुराने स्वरूप पर लाने के लिए कार्य योजना तैयार कराई है। नदी का ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। मंगलवार को बीडीओ दीपशिखा वर्मा ने गंजमुरादाबाद विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायतों फतेहपुर खालसा, बहलोलपुर और कुशराजपुर गांवों से निकली कल्याणी नदी के 8.5 किलोमीटर क्षेत्र का ड्रोन से सर्वे कराया। सर्वेयर प्रशांत कुमार व राजकुमार ने बताया कि नदी की लंबाई, चौड़ाई व गहराई की जानकारी की जा रही है। कहां पर कब्जे और अतिक्रमण हैं और कहां पर जंगल होने से नदी का स्वरूप बिगड़ गया है, इसकी जानकारी की जा रही है। कई स्थानों पर नदी के सूखे हिस्से में खेती होने की पुष्टि हुई है।
बीडीओ ने बताया कि नदी की भूमि पर अतिक्रमण मिला है। बुधवार को बांगरमऊ और गुरुवार को फतेहपुर चौरासी क्षेत्र में सर्वे होगा। इसकी रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी। सर्वे के दौरान ग्राम पंचायत अधिकारी ज्योत्सना त्रिपाठी और अनिल रावत सहित ग्रामीण मौजूद रहे। डीएम ने बताया कि ऐसी कार्ययोजना तैयार कराई है कि अधिकारी कोई भी हो नदी का जीर्णोद्धार कार्य प्रभावित नहीं होगा।