उन्नाव। सदर कोतवाली के एक गांव की दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को जन्म दिया। समय से पहले प्रसव होने से बच्चे का वजन कम होने व अन्य दिक्कतों के चलते उसे सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती किया गया है। पीड़िता की ओर से रिपोर्ट दर्ज न कराने पर पुलिस ने शनिवार को बयान लिए। आरोपी की पहचान के लिए डीएनए सैंपल भी लिया है।
जिला महिला अस्पताल में बच्चे को जन्म देने वाली 19 साल की युवती ने बताया कि वह इंटरमीडिएट पास करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग जाती थी। अप्रैल 2024 में बरवट नहर के पास उसकी एक युवक से मुलाकात हुई। पीड़िता के मुताबिक, युवक हमेशा मुंह पर गमछा बांधे रहता था। युवती के मुताबिक, उसी महीने युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के समय एक और युवक था, उसने दुष्कर्म किया कि नहीं यह उसे पता नहीं।
घटना के बाद पीड़िता ने पुलिस को भी नहीं बताया। पुलिस के पूछने पर बताया कि सूचना देने के लिए उसके मोबाइल में बैलेंस नहीं था। घटना के तीन महीने बाद उसके पेट में दर्द हुआ तो डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की सलाह दी लेकिन रुपये न होने से अल्ट्रासाउंड भी नहीं करा पाई। कुछ दिन बाद परिजनों ने बेटी से जानकारी ली तो वह सन्न रह गए। हालांकि बदनामी की डर से परिजनों ने भी पुलिस को सूचना नहीं दी।
15 नवंबर शुक्रवार की शाम युवती को प्रसव पीड़ा हुई तो रात 8:30 बजे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में युवती ने बेटे को जन्म दिया। प्रसव सात महीने में होने से नवजात का वजन 1700 ग्राम होने और कुछ अन्य दिक्कतें होने पर उसे एसएनसीयू में भर्ती किया गया। जिला अस्पताल से रात में ही कोतवाली पुलिस को सूचना भेजी गई। शनिवार को पुलिस ने प्रसूता के बयान दर्ज किए और बच्चे के पिता की पहचान के लिए डीएनए सैंपल भी लिया। हालांकि युवती और उसके परिजन एफआईआर दर्ज नहीं कराने की बात कह रहे हैं।
कोतवाल प्रमोद कुमार मिश्र ने बताया कि युवती किसी का नाम नहीं बता रही है। युवती के मुताबिक, युवक मुंह में गमछा बांधे था। जब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं होती, डीएनए सैंपल भी नहीं भेजा जा सकता। जांच चल रही है।