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उन्नाव/अचलगंज। बंथर में करीब ढाई साल से चल रहा सीईटीपी का अपग्रेड करने का काम अब जून तक चलेगा। कई टेनरी संचालकों ने अपने हिस्से की धनराशि अभी तक नहीं दी है। जानकार नई समय सीमा में भी काम पूरा होने पर संदेह जता रहे हैं।
छह साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के मानकों पर बंथर स्थित कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) फेल हो गया था। इसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस कर जीरो डिस्चार्ज के अनुरूप बनाने के लिए काम शुरू हुआ। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एमएमजीसी) परियोजना से इस सीईटीपी को अपग्रेड करने के लिए 137 करोड़ की परियोजना मंजूर की गई थी। सितंबर-2022 में काम शुरू हुआ और फरवरी 2025 तक इसे पूरा करना था।
4.5 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी के लिए 75 प्रतिशत अंशदान भारत सरकार और 25 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयों को देना है। लेकिन कई इकाइयों ने अपने हिस्से की धनराशि जमा नहीं की है। डीएम गौरांग राठी ने बंथर सीईटीपी के अपग्रेडेशन में देर होने पर निर्माण एजेंसी, दिल्ली की मैसर्स ईएमएस इन्फाकॉम और अंशदान का भुगतान न करने वाली औद्योगिक इकाइयों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बंथर औद्योगिक क्षेत्र स्थित सीईटीपी के जीएम रितुराज साहू ने बताया कि भवन का 65 फीसदी निर्माण पूरा कर लिया गया है। बाकी बचे काम और मशीनें लगाने के काम को पूरा करने लिए एजेंसी को जून-2025 तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार को एनएमजीसी के डीजी राजीव कुमार मित्तल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी सीईटीपी के काम की समीक्षा करेंगे।