
उन्नाव। चार माह पहले अभियान चलाकर 3.34 करोड़ से गड्ढामुक्त की गई सड़कों का पैचवर्क कम समय में ही बह गया। परिणामस्वरूप गड्ढे फिर खुल गए और खस्ताहाल सड़कों पर लोगों का हिचकोले भरा सफर फिर शुरू हो गया। अब यह गड्ढे लोगों को आवागमन में दर्द दे रहे हैं।
हर साल बारिश में काफी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। सड़कों में गहरे गड्ढे हो जाते हैं। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश थमने के बाद शासन से गड्ढों की मरम्मत के लिए बजट जारी किया जाता है। इस बार भी प्रदेश सरकार ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए पीडब्ल्यूडी से प्रस्ताव मांगा था। जिसके बाद पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड को 550 किमी और निर्माणखंड को 350 किमी के गड्ढे भरने के लिए अक्तूबर 2024 में लगभग 3.34 करोड़ का बजट मिला था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने काम शुरू कराया था।
पहले 10 अक्तूबर तक गड्ढों को भरने का समय दिया गया था। बाद में समय बढ़ाकर 31 अक्तूबर कर दिया था। तय समय पर विभाग ने सभी गड्ढों की गुणवत्तापूर्ण ढंग से पैचिंग का कार्य पूरा कराने का दावा किया था लेकिन मात्र चार माह में ही फिर से सड़कों में हुए गड्ढों ने विभाग की पोल खोल दी है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक की सड़कों के गड्ढे फिर खुल गए हैं। लोगों का कहना है कि गड्ढों को भरने में खानापूर्ति की गई। जिससे कम समय में ही सड़कों में फिर गड्ढे नजर आने लगे हैं।
हर साल गड्ढे भरने के लिए मिलता है बजट
वर्ष 2021 में गड्ढों में समाई 1182.20 किमी की सड़काें की मरम्मत के लिए 4.05 करोड़ रुपये मिले थे। पीडब्ल्यूडी ने इस धनराशि से 154.4 किमी के राज्यमार्ग, 72.42 किमी के जिला मार्ग, 90.30 किमी की शहरी और 865.08 किमी की ग्रामीण सड़काें की मरम्मत कराने का दावा किया था। वर्ष 2022 में पीडब्ल्यूडी ने 7.33 करोड़ से 1339 किमी के गड्ढे भरने का दावा किया था। वहीं वर्ष 2023 में 1022 किमी के गड्ढे भरने को 12 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। इसमें प्रांतीयखंड में 514 किमी और निर्माणखंड-1 में 508 किमी लंबी सडक़ें शामिल थीं।
इन सड़कों में हुए गड्ढे
-उन्नाव बाईपास से शहर को आने वाले मार्ग में तिराहे पर हुए बड़े गड्ढे
-रोडवेज बस स्टेशन से बड़े चौराहे के बीच सड़क में गड्ढे
-कब्बाखेड़ा से सिविल लाइन को आने वाली सड़क
-बिछिया के मुर्तजानगर नहर से रुपऊ जाने वाली सड़क
-सोनिक रेलवे स्टेशन से शहजादपुर जाने वाला मार्ग
-साल में तीन बार भरे गए चकलवंशी-संडीला मार्ग के गड्ढे, फिर जस के तस
-कांथा से असोहा मार्ग
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कम समय में सड़कों के उखड़ने की जांच कराई जाएगी। जांच में गड्ढे मिले तो अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। ठेकेदार से दोबारा गड्ढों की मरम्मत कराई जाएगी। जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी होगी।