
उन्नाव। कानपुर-लखनऊ के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे (एनई-6) का काम अंतिम चरण में है। निर्माण एजेंसी पीएनसी का दावा है कि 15 सितंबर से पहले उन्नाव जिले की सीमा का काम पूरा जाएगा। अगले सप्ताह दिल्ली से एनएचएआई के इंजीनियरों की टीम फाइनल टेस्टिंग करने आएगी। एक्सप्रेसवे बन जाने से कानपुर से लखनऊ का सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा हो सकेगा।
कानपुर-लखनऊ के बीच बन रहे 64 किलोमीटर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे की उन्नाव जिले में लंबाई 45.3 किलोमीटर है। जुलाई में एनएचएआई के रीजनल अफसर संजीव शर्मा ने निरीक्षण किया था। उन्होंने उन्नाव से लखनऊ के बनी तक का काम अगस्त के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस एक्सप्रेसवे का काम अंतिम चरण में है। वाहनों को 120 किलोमीटर की रफ्तार से चलाने के लिए सुरक्षा मानकों पर विभिन्न चरणों में जांच हो चुकी है। भारी वाहनों को चलाकर और रात के समय एक्सप्रेसवे पर रोशनी, मार्ग संकेतकों की चमक और रिफ्लेक्टर आदि की जांच हो चुकी है।
अब अगले सप्ताह में दिल्ली से एनएचएआई की उच्चस्तरीय तकनीकी टीम अंतिम जांच करने आएगी। पीएनसी के प्रशासनिक अधिकारी उदित कुमार जैन ने बताया कि उन्नाव और लखनऊ के बीच का काम पूरा हो गया है। छुटपुट काम बाकी हैं जो 15 सितंबर से पहले पूरे हो जाएंगे। एनएचएआई को फाइनल टेस्टिंग के लिए पत्र भेज दिया है।
कानपुर-लखनऊ और उन्नाव-लालगंज हाईवे से भी जोड़ा
इस एक्सप्रेसवे को कानपुर-लखनऊ और उन्नाव-लालगंज (रायबरेली) हाईवे से जोड़ने के लिए उन्नाव में दो जगह इंटरचेंज बनाए गए हैं। कानपुर के लोग जाजमऊ गंगा नदी पुल या गंगा बैराज से आकर आजाद मार्ग चौराहे के पास बने इंटरचेंज से एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पहुंच सकेंगे।
उन्नाव-लालगंज (रायबरेली) हाईवे से इस एक्सप्रेसवे पर पहुंचने के लिए अचलगंज के कोरारी गांव के पास इंटरचेंज बनाया गया है। इससे रायबरेली की ओर से आने वाले वाहन सवार लोगों को भी आसानी होगी।
वर्जन…
कानपुर-लखनऊ एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो गया है। 15 सितंबर तक पूरी तरह बनाकर तैयार करने के निर्देश थे लेकिन इससे पहले ही जो छुटपुट काम बचा है वह भी खत्म हो जाएगा। हर बिंदु जांच और रिपोर्ट मिलने के बाद उच्चाधिकारी तय करेंगे कि इसे यातायात के लिए कब से खोलना है। -कर्नल शरद चंद्र सिंह, पीडी एनएचएआई।

फोटो नंबर-16-हाईवे को कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए आजाद मार्ग चौराहा के पास बना इंट