
फोटो-13 मेडिकल स्टोर का निरीक्षण करते औषधिक निरीक्षक अशोक कुमार। स्रोत: विभाग
उन्नाव। कप सिरप पीने से मध्यप्रदेश और राजस्थान में पिछले दिनों 16 बच्चों की मौत के बाद यहां का औषधि विभाग सतर्क हो गया है। सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टर ने कई मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया और कफ सिरप के सैंपल लिए। दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप न देने और पांच साल तक के बच्चों को डाॅक्टरी की सलाह पर ही देने की हिदायत दी।
उत्तर प्रदेश में ऐसी घटना न हो सके इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को प्रदेश भर में चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिए हैं। सहायक आयुक्त औषधि ने सभी औषधि निरीक्षक को जिले में प्रतिबंधित कफ सिरप की जांच कर बिक्री पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिया है।
सोमवार को औषधि निरीक्षक अशोक कुमार ने उन्नाव दवा विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मयंक बाजपेई के साथ बैठक की। कहा कि कि अगर किसी के पास प्रतिबंधित कप सिरप हो तो उसे न बेचें और तत्काल विभाग में जमा करवाएं। साथ ही छोटे बच्चों को बिना डाॅक्टर सलाह कफ सिरप न दें। इसके बाद जिला अस्पताल के आसपास संचालित मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया और सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा। बताया कि पूरे जिले में चेकिंग अभियान चलाया जाएगा यदि ऐसा करते कोई पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
दवा एसोसिएशन के साथ बैठक हुई है। बैठक में सभी दवा दुकानदारों को सूचित किया गया है कि जो भी जिनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल व एथिलीन ग्लाइकॉल कफ सिरप की बिक्री न करें। जिस किसी के पास ऐसी कप सिरप हो उसे विभाग में जमा कराएं। -अशोक कुमार, औषधि निरीक्षक
कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगाई गई है। जिले के दवा दुकानदारों को जानकारी दी जा रही है। यदि जनपद में कहीं भी किसी दुकानदार के पास प्रतिबंधित कंपनी की दवा होगी तो उसे तत्काल विभाग में जमा करवाया जाएगा। -मयंक बाजपेई, दवा एसोसिएशन अध्यक्ष।