
फोटो-23-नवनिर्मित बाईपास में झंझरी रेलवे क्रासिंग के आगे उखड़ी सड़क। संवाद – फोटो : लंभुआ कोतवाली परिसर में रखे पटाखे।
उन्नाव। करोड़ों की परियोजनाओं में मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। घटिया निर्माण के चलते जिले में 98 करोड़ की दो सड़कें धंस गईं। लखनऊ-कानपुर हाईवे के गदनखेड़ा चौराहे पर 14 महीने पहले 64 करोड़ से बने पुल को जोड़ने वाली सड़क की एक लेन का 500 मीटर हिस्सा धंस गया।
इतना ही नहीं 34 करोड़ की लागत से उन्नाव-हरदोई मार्ग को लखनऊ-कानपुर हाईवे से जोड़ने के लिए बनाया गया बाईपास मार्ग सात दिन में 13 जगह धंस गया। बृहस्पतिवार को बाईपास पर कई ट्रक फंसे। बुधवार को दिशा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने इसे लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया और गुणवत्ता पर सवाल उठाए। अब अधिकारी सफाई दे रहे हैं।
फोटो नंबर-27, 28
64 करोड़ की सड़क 14 महीने ही चली
1640 मीटर लंबे पुल की कानपुर से लखनऊ लेन की मरम्मत शुरू
संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। लखनऊ-कानपुर हाईवे के गदनखेड़ा बाईपास चौराऐ पर सितंबर 2024 में 64 करोड़ की लागत से बने पुल की कानपुर से लखनऊ जाने वाली लेन की सड़क (अप्रोच रोड) धंस गई है। एनएचएआई ने सड़क को खोदकर मरम्मत शुरू कराई है।
लखनऊ-कानपुर हाईवे पर शहर के पास स्थित गदनखेड़ा बाईपास चौराहा, उन्नाव-लालगंज (रायबरेली) हाईवे को जोड़ता है। सांसद साक्षी महाराज के प्रयासों से 2021 में 64 करोड़ की लागत से 1640 मीटर लंबे पुल को मंजूरी मिली थी। 12 सिंतबर 2024 में इसे यातायात के लिए खोला गया था। एनएचएआई ने पीएनसी को निर्माण की जिम्मेदारी दी। छह महीने पहले पुल की ढाल वाले हिस्से में सड़क टूट गई थी। निर्माण एजेंसी ने फौरी मरम्मत कराई थी लेकिन पिछले दिनों पुल को जोड़ने वाली सड़क में और कई जगह दरारें आ गईं। इस पर अब एनएचएआई ने सड़क की आधी लेन को बारी-बारी बंद करके मरम्मत शुरू कराई है।
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34 करोड़ के दोस्तीनगर बाईपास में 13 गड्ढे, तीन स्थानों पर धंसा
सात दिन में ही दम तोड़ गई सड़क, दिशा की बैठक में उठे सवाल तो शुरू कराई गई मरम्मत
एक बड़े गड्ढे में फंसा ट्रक, हाईड्रा से निकाला गया, एक्सईएन बोले, पानी पहुंचने से टूटी सड़क
संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। सरकारी धन का दुरुपयोग देखना हो तो 34 करोड़ की लागत से सात दिन पहले बनकर तैयार दोस्तीनगर बाईपास को देखा जा सकता है। कम समय में ही बाईपास तीन स्थानों पर धंस गया है। यही नहीं छोटे-बड़े मिलाकर करीब 13 गड्ढे हो गए हैं। एक गड्ढे में फंसे ट्रक को निकालने के लिए हाईड्रा का सहारा लेना पड़ा। एक्सईएन का कहना है कि पानी पहुंचने से सड़क टूट गई है। मरम्मत शुरू करा दी गई है।
वर्ष 2024 में शुरू दोस्तीनगर बाईपास निर्माण अब पूरा हो पाया है। सात अक्तूबर को पुलिस ने ट्राॅयल के रूप में अनौपचारिक शुभारंभ करते हुए हरदोई की ओर से आने वाले वाहनों को अग्निशमन प्रशिक्षण केंद्र से दही चौकी के लिए डायवर्ट किया था। एक ही तरफ से भारी वाहनों को निकालने के बाद भी मात्र सात दिन में ही रोड जवाब दे गई। झंझरी क्रासिंग से टीकरगढ़ी के बीच करीब एक किमी क्षेत्र में तीन स्थानों पर बाईपास धंसा है। इसके अलावा 13 जगह गड्ढे हो गए हैं। इनमें कुछ तो काफी गहरे हैं। बृहस्पतिवार को प्लाई लादकर रामपुर से हैदराबाद जा रहा ट्रक, टीकरगढ़ी गांव के पास सड़क में धंस गया। काफी प्रयास के बाद भी नहीं निकल सका तो हाईड्रा की मदद से तीन घंटे बाद निकाला जा सका। कई स्थानों पर सड़क में दरार भी आई है। बुधवार को दिशा की बैठक में मामला उठने के बाद पीडब्ल्यूडी अफसर मौके पर पहुंचे और ठेकेदार से मरम्मत शुरू कराई। धंसी सड़क की खुदाई कराई गई। इसके बाद बालू डलवाकर मरम्मत का कार्य शुरू किया गया।
साइड पटरी भी खराब, बनाने में खानापूर्ति
बाईपास रोड के किनारे जो साइड पटरी बनाई गई है, वह भी खराब है। इसे बनाने में भी ठेकेदार ने खानापूर्ति की है। बारिश के दौरान पटरी कई जगहों पर कट गई है लेकिन इसकी अभी तक मरम्मत नहीं कराई गई है। ऐसे में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ गया है। पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के एक्सईएन हरदयाल अहिरवार ने बताया कि कार्यदायी संस्था मेसर्स जितेंद्र सिंह मेरठ को नोटिस जारी की गई है। साथ ही क्षतिग्रस्त स्थानों की नए सिरे से मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं।
जिम्मेदारों की सफाई,
एक्सईएन बोले, नीचे से पानी जाने से धंसी सड़क
एक्सईएन हरदयाल अहिरवार ने बाईपास रोड के टूटने का ठीकरा एक्सईएन ने बरसाती पानी और ओवरलोडिंग पर फोड़ा। एक्सईएन ने कहा कि साइड पटरी बनाने के लिए जो किनारे की मिट्टी खोदी गई थी, उन गड्ढों में बारिश का पानी भर गया था। वही पानी पहुंचने और मार्ग से ओवरलोड वाहनों के आवागमन से ही सड़क टूटी है। दावा किया कि सड़क निर्माण के दौरान डामर से पहले 48 सेमी. क्रंकीट डाली गई थी। निर्माण में मानकों का ध्यान रखा गया है। अब भविष्य में ऐसा न हो, इसलिए जहां पर पानी से सड़क टूटी है, वहां पर नीचे बालू डलवाई जा रही है। बताया कि सड़क का निर्माण 30 से 40 टन भार तक के वाहनों को ध्यान में रखकर कराया गया था, जबकि इससे 50 टन से ज्यादा का लोड लेकर वाहन निकल रहे हैं।
पीडी ने ओवरलोडिंग पर फोड़ा ठीकरा
एनएचएआई के पीडी पंकज यादव ने बताया कि हाईवे की कानपुर से लखनऊ जाने वाली लेन ही धंसी है। उन्होंने बताया कि ओवरलोड वाहन निकलने से ऐसा हुआ है, जबकि लखनऊ से कानपुर जाने वाली लेन पूरी तरह सुरक्षित है। बताया कि 500 मीटर सड़क की ऊपरी परत को खोद कर मैटिंग आदि लगाकर पुख्ता किया जा रहा है। काम तीन-चार दिन में पूरा हो जाएगा। बनने के बाद फिर ऐसी समस्या नहीं आएगी।

फोटो-23-नवनिर्मित बाईपास में झंझरी रेलवे क्रासिंग के आगे उखड़ी सड़क। संवाद- फोटो : लंभुआ कोतवाली परिसर में रखे पटाखे।

फोटो-23-नवनिर्मित बाईपास में झंझरी रेलवे क्रासिंग के आगे उखड़ी सड़क। संवाद- फोटो : लंभुआ कोतवाली परिसर में रखे पटाखे।

फोटो-23-नवनिर्मित बाईपास में झंझरी रेलवे क्रासिंग के आगे उखड़ी सड़क। संवाद- फोटो : लंभुआ कोतवाली परिसर में रखे पटाखे।

फोटो-23-नवनिर्मित बाईपास में झंझरी रेलवे क्रासिंग के आगे उखड़ी सड़क। संवाद- फोटो : लंभुआ कोतवाली परिसर में रखे पटाखे।

फोटो-23-नवनिर्मित बाईपास में झंझरी रेलवे क्रासिंग के आगे उखड़ी सड़क। संवाद- फोटो : लंभुआ कोतवाली परिसर में रखे पटाखे।