
फोटे नंबर-37-बांगरमऊ स्थित मेडिकल स्टोर पर पुलिस की मौजूदगी में नोटिस चस्पा करते औषधि निरीक्षक
बांगरमऊ (उन्नाव)। कोतवाली क्षेत्र में कोडीन युक्त सिरप का नशे के लिए बेचने का बड़ा खेल चल रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग लखनऊ से आई एक और जांच रिपोर्ट ने इसका खुलासा किया है। 31 अक्तूबर को जिस मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उसके भाई ने भी 15 महीने में एक लाख सात हजार शीशी सिरप खरीदी थी।
सोमवार को औषधि निरीक्षक अशोक कुमार, बांगरमऊ कस्बा स्थित मेडिकल स्टोर पहुंचे तो वह बंद मिला। नोटिस चस्पा करके दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। बताया कि तीन दिन में अभिलेख प्रस्तुत न करने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार बीस रुपये की सिरप का नशे के लिए पचास रुपये में बेचा जा रहा था। इस तरह मेडिकल स्टोर संचालक ने 15 महीने में 20 लाख लगाकर 50 लाख रुपये की कमाई की।
बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के सिंधूपुर बेरिया गड़ा में अंबिका हेल्थ केयर के नाम से संचालित थोक बिक्री करने वाले मेडिकल स्टोर के प्रोपराइटर परशुरामपुर गांव निवासी अजय कुमार पर 31 अक्तूबर को औषधि निरीक्षक अशोक कुमार ने कोडीन युक्त सिरप का नशे में प्रयोग करने के लिए बेचने की एफआईआर दर्ज कराई थी। सोमवार को लखनऊ से एक और जांच रिपोर्ट आई जिसमें अजय कुमार ने लखनऊ की इधिका नाम की कंपनी से 22 अगस्त 2024 से आठ अक्तूबर 2025 तक 1,07,890 शीशी सिरप की सप्लाई ली। पता बांगरमऊ कस्बे के मोहल्ला नौनिहालगंज स्थित अजय मेडिकल स्टोर दर्शाया गया है। जांच में पता चला कि अजय मेडिकल स्टोर का संचालक अरुण कुमार, अजय कुमार का भाई है।
औषधि निरीक्षक ने बताया कि बोर्ड पर लिखी सूचना के अनुसार अजय मेडिकल स्टोर का संचालक अरुण कुमार ने बी फार्मा किया है। आसपास के लोगों ने बताया कि मेडिकल स्टोर तीन दिन से बंद है। बोर्ड पर लिखे दोनों फोन नंबर स्विच ऑफ मिले। नोटिस चस्पा करके मेडिकल स्टोर के संचालन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही तीन दिन में मेडिकल स्टोर को खोलकर जांच न कराने और खरीद व बिक्री संबंधी अभिलेख न दिखाने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने बांगरमऊ कोतवाली पुलिस को भी लिखित सूचना दी है।
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दोनों भाइयों ने 15 महीने ली 1.19 लाख शीशी सप्लाई
अभी तक की जांच में पता चला है कि दोनों भाइयों ने अलग-अलग मेडिकल स्टोर से 15 महीने में 1.19 लाख शीशी (एक शीशी 100 एमएल की) सिरप खरीदी और बिक्री की। औषधि निरीक्षक ने आशंका जताई है कि कोडीन युक्त सिरप की बड़े पैमाने पर सप्लाई की जा रही थी। बताया कि हो सकता है कि अभी कुछ और कंपनियों से भी यही सिरप खरीदने के खुलासे हों।
नेपाल और बांग्लादेश तक होती है तस्करी
औषधि विभाग के सूत्रों के अनुसार कोडिक युक्त सिरप में काफी नशा होता है। युवा आसानी से इसके लती हो जाते हैं। इस तरह के नशीले सिरप की नेपाल और बांग्लादेश तक तस्करी होती है। सिरप बनाने वाली कंपनियां, थोक खरीदारों की मांग पर अपने मुनाफे के लिए सिरप में कोडीन की मात्रा मानक से अधिक भी मिला देतीं हैं। दवा की आड़ में नशे का कारोबार आसानी से पकड़ में नहीं आता।