
फोटो-14- आश्रम में लोगों से बात करते एसडीएम बृज मोहन शुक्ला व सीओ संतोष सिंह। संवाद
बेहटा मुजावर। बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के कबीरपुर गांव में बने आश्रम की आठ बीघा भूमि पर कब्जेदारी को लेकर चल रहे विवाद में पुजारी और प्रधान ग्रामीणों के साथ परिसर में धरने पर बैठ गए। इन लोगों ने जमीन मंदिर के नाम करने की मांग की। सूचना पर एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने एक माह में मामले का निराकरण कराने का आश्वासन दिया। तब धरना स्थगित हुआ।
कबीरपुर में श्रीठाकुरजी महाराज गोसाईंदास आश्रम संचालित है। यहां पर कई देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित हैं। आश्रम के नाम दो अलग-अलग जगहों पर करीब आठ बीघा भूमि होने का दावा किया जा रहा है। शुक्रवार को मंदिर के पुजारी राममुनि महाराज, प्रधान नीलम देवी, पुष्पेंद्र सिंह, सुनीत कुमार, प्रमोद कुमार, सुशील कुमार सहित करीब 50 ग्रामीण परिसर में धरने पर बैठे थे।
गांव के पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि गाटा संख्या 181 की भूमि करीब 70 साल पहले आश्रम के नाम दर्ज थी। आश्रम की ओर से इसे कुछ लोगों को खेती के लिए ठेके पर दिया था। बाद में इसे संक्रमणीय भूमि में दर्ज करा लिया गया। तहसील प्रशासन से जब संपत्ति आश्रम के नाम कराने कही गई तो न्यायालय में वाद चलने की बात कही जा रही है।
इसके अलावा आश्रम के नाम गाटा संख्या 1074 की भूमि भी दर्ज है लेकिन पूर्व में एक सेवादार ने ट्रस्ट के नाम फर्जी वसीयत कराकर संपत्ति हड़पने का प्रयास किया। इसका वाद सीओ बांगरमऊ न्यायालय में विचाराधीन है। इसी भूमि का कुछ भाग आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड में चला गया था लेकिन मामला विचाराधीन होने से अब तक यूपीडा के पास इसके मुआवजे के 40 लाख रुपये रखे हैं।
वर्जन…
मौके पर जांच और परिसर का निरीक्षण किया गया है। भूमि का वाद चकबंदी न्यायालय में विचाराधीन है। समस्या के जल्द निस्तारण का प्रयास किया जाएगा। -ब्रज मोहन शुक्ला, एसडीएम।