बहराइच के हरदी थाना के महराजगंज में रविवार की शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल के बाद फैली हिंसा के चौथे दिन बुधवार को भी घटनास्थल और प्रभावित स्थान गांव में अधिकारियों सहित गलियों में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। दुकानें और बैंक बंद रहे। मुख्य मार्गों से लेकर सड़कों पर उच्चाधिकारियों की धमाचौकड़ी ही सन्नाटे को चीर रही थीं। इससे क्षेत्र में कर्फ्यू जैसे हालात नजर आए।
महराजगंज में रविवार की शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल में रेहुवा मंसूर के रहने वाले रामगोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद जनपद में माहौल खराब हो गया था। आक्रोशित लोगों ने कई जगह दुकानों, शोरूमों, वाहनों और घरों में आग लगा दी थी। घटना के चौथे दिन बुधवार को भी घटनास्थल प्रभावित गांव में अधिकारियों सहित फोर्स की तैनाती रही।
बुधवार को महराजगंज गांव में घटनास्थल पर एक एएसपी और एक पीसीएस अधिकारी तैनात नजर आए। वहीं भारी संख्या में पुलिसफोर्स भी ड्यूटी पर मुस्तैद दिखी। हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रखने के साथ ही पूछताछ की जा रही थी। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था, स्थानीय लोग घरों की खिड़की और दरवाजों पर भी खड़े नजर नहीं आए।
वहीं दिनभर सन्नाटे को चीरते हुए एडीजी, डीआईजी, डीएम, एसपी की गाड़ियां जगह-जगह गश्त करती रहीं और अधिकारी ड्यूटी पर मौजूद कर्मियों से हालात की जानकारी लेते रहे। इससे हालात सामान्य होने में अभी कुछ और दिन लगने की संभावना जताई जा रही है।
सात किलोमीटर के दायरे में आठ जगह तैनात दिखी पुलिस
रमपुरवा चौकी चौराहा से महराजगंज गांव तक कुल सात किलोमीटर के दायरे में आठ जगह पुलिस की तैनाती नजर आई। वहीं पूरे मार्ग पर पड़ने वाले गांवों में ग्रामीणों की चहलकदमी भी नजर नहीं आई। लोग अभी भी उस दिन हुए बवाल की वजह से खासे परेशान रहे और आवश्यक काम पड़ने पर ही घर से बाहर निकले। मार्ग में पड़ने वाली ज्यादातर दुकानें बंद रहीं।
प्रभावित गांवों में भी अतिरिक्त फोर्स तैनात
सदुआपुर, रमपुरवा, बेहड़ा आदि बवाल प्रभावित गांवों में अतिरिक्त फोर्स तैनात रही। ताकि कोई भी अराजकतत्व दोबारा क्षेत्र का माहौल न बिगाड़ सके। कई गांवों में फोर्स की मौजूदगी में दुकानें खुली नजर आईं, जहां सामान्य दिनों की अपेक्षा कम संख्या में ही ग्रामीण खरीदारी करते दिखे।
क्या है पूरा मामला
बहराइच की महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार शाम को गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे दुर्गा प्रतिमा खंडित होने पर पूजा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल मिश्रा (24) को घर के अंदर घसीट ले गए और गोली मार दी।
घटना का पूरे जिले में विरोध शुरू हो गया था। विसर्जन कमेटी के लोगों ने बहराइच-सीतापुर हाईवे पर चहलारी घाट पुल के पास जाम लगा प्रदर्शन शुरू कर दिया। बहराइच-लखनऊ हाईवे भी जाम कर दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार शाम महसी तहसील की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। महराजगंज कस्बे में पहुंचने पर कस्बा निवासी दूसरे सामुदाय के कुछ लोग मौके पर पहुंचे और गाली गलौज शुरू कर दी। प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने इसका विरोध किया तो छतों से पथराव शुरू कर दिया गया। इस पर समिति के सदस्य प्रदर्शन करने लगे तो दूसरे सामुदाय के हजारों लोगों की भीड़ मौके पर पहुंची और उपद्रव शुरू कर दिया। सूचना पर भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची।
पूजा समिति सदस्यों का आरोप है कि एसओ मौके पर मौजूद नहीं थे। प्रदर्शन शुरू हुआ तो पुलिस ने विसर्जन में शामिल लोगों पर ही लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई और दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल को उठा ले गए और उसकी हत्या कर दी।