गुजरात के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि सरकारी जमीन पर बने मंदिरों समेत अनधिकृत निर्माणों को जमींदोज किया गया है। उल्लेखित भूमि पर धार्मिक कार्यक्रमों समेत किसी भी तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा रही।
![SC: ध्वस्त की जा चुकी दरगाह पर उर्स आयोजित करने की अनुमति देने संबंधी याचिका खारिज; सुप्रीम कोर्ट का फैसला Supreme Court Updates: Demolition in Gir Somnath district SC rejects plea seeking nod to conduct Urs festival](https://mandmbioscopenews.com/wp-content/uploads/2025/01/image-38.jpeg)
गिर सोमनाथ जिले में ध्वस्तीकरण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने ध्वस्त की जा चुकी दरगाह पर 1 से 3 फरवरी तक उर्स आयोजित करने की अनुमति देने संबंधी याचिका खारिज कर दी।
गुजरात के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि सरकारी जमीन पर बने मंदिरों समेत अनधिकृत निर्माणों को जमींदोज किया गया है। उल्लेखित भूमि पर धार्मिक कार्यक्रमों समेत किसी भी तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा रही।
सॉलिसिटर जनरल की दलील के बाद फैसला
न्यायमूर्ति बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया कि सरकारी जमीन पर मंदिरों समेत सभी अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है। मेहता ने कहा कि उक्त भूमि पर हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों समेत किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा रही, जिसपर पहले अतिक्रमण था।
आवेदक की दलील
आवेदक की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि वहां एक दरगाह थी, जिसे प्राधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि दरगाह पर ‘उर्स’ उत्सव मनाने की परंपरा पिछले कई वर्षों से जारी है और अधिकारियों ने गुरुवार को इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि मुख्य मामले को सुने बिना आवेदन में किए गए अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
27 जनवरी को कोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने 27 जनवरी को कहा था कि वह गिर सोमनाथ जिले में बिना पूर्व अनुमति के आवासीय और धार्मिक संरचनाओं को कथित रूप से ध्वस्त करने के लिए गुजरात के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका समेत विभिन्न याचिकाओं पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।