उन्नाव। उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीए) की निराला नगर फेज-दो योजना में प्लॉट मिलने का सपना 12 साल बाद भी साकार नहीं हो सका है। शुक्रवार को कमिश्नर जिले का दौरा करेंगी, लोगों को उम्मीद है कि इस बार कोई न कोई निर्णय जरूर होगा।
शहर के पॉश इलाके में शुमार होने वाले पीडी नगर और निराला नगर फेज-एक के बीच यूएसडीए ने वर्ष 2012 में 18.50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में निराला नगर फेज-दो आवासीय योजना लांच की थी। इस आवासीय योजना में प्राधिकरण ने छोटे-बड़े 199 भूखंड बनाए और आवेदन मांगे। 2245 लोगों ने आवेदन किया और प्लॉट (भूखंड) की कुल कीमत की 10 फीसदी धरोहर राशि जमा की। हालांकि समयबद्ध भूमि अर्जन के लिए धारा-छह के प्रकाशन में लापरवाही से मामला वर्षों तक न्यायालय में फंसा रहा। नौ काश्तकारों ने जमीन देने से इन्कार कर दिया और मामला हाईकोर्ट तक गया। वर्षों तक इंतजार करके थक चुके 1007 लोगों ने आवेदन और धरोहर राशि वापस ले ली, जबकि 1238 लोग अभी भी इंतजार कर रहे हैं।
दो साल पहले न्यायालय ने किसानों से जमीन उनकी सहमति के आधार पर लेने का फैसला दिया था। प्राधिकरण ने योजना के क्षेत्रफल को घटाकर 15.50 हेक्टेयर किया। वर्तमान में प्राधिकरण के पास 10.86 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। बाकी जमीन के लिए नौ काश्तकारों से 1.94 हेक्टेयर जमीन खरीदने पर सहमति बन गई है। वहीं, 1.15 हेक्टेयर भूमि ग्राम समाज से ली जाएगी। आवेदकों का कहना है कि अगर प्लॉट समय से मिल जाता तो, 12 साल में जितने रुपये मकान के किराये में दिए, उतने से अपना घर बनवा लेते।
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कैग की रिपोर्ट के अनुसार भारी पड़ी थी यह चूक
स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग (कैग ) ने अगस्त 2023 में विधानसभा समिति को दी गई रिपोर्ट में निराला नगर योजना फेज-दो को विफल और इससे प्राधिकरण को 6.60 करोड़ के आर्थिक नुकसान की जानकारी दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि समय से भूमि अर्जन के लिए धारा-छह का प्रकाशन नहीं किया गया। इसी आधार पर काश्तकारों ने न्यायालय की शरण ली और न्यायालय को भूमि अधिग्रहण पर रोक का आदेश देना पड़ा। अगर शासन की ओर से धारा-छह का प्रकाशन कर दिया गया होता तो भूमि अधिग्रहण आसानी से हो जाता
बढ़ जाएगी प्लॉट की कीमत
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, निराला नगर आवासीय योजना में किसानों को उनकी जमीन की कीमत देने और नए सिरे से काम होने से योजना की लागत बढ़ जाएगी। इससे आवेदकों के लिए प्लॉट की कीमत बढ़ जाएगी। अधिकारियों के अनुसार आवासीय योजना में सड़क, बिजली, जलापूर्ति, सीवर लाइन, पार्क आदि भी बनाने होते हैं, इससे 12 साल में कीमतों और लागत कई गुना बढ़ है। इससे योजना की लागत बढ़ेगी तो उसकी भरपाई के लिए प्लॉट भी महंगे होंगे। हालांकि अभी इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
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क्या कहते हैं आवेदक
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आवास विकास कालोनी निवासी नीरज पांडेय ने बताया कि उन्होंने प्लॉट के लिए आवेदन किया था। उम्मीद थी कि प्लॉट मिल जाएगा और वह अपना घर बनाएंगे, लेकिन प्लॉट न मिलने से 12 साल में करीब 10 लाख रुपये तो मकान के किराये पर खर्च कर चुके हैं। कुछ दिन और इंतजार कर रहे हैं इसके बाद आवेदन वापस ले लेंगे।
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शाहगंज निवासी निर्भय गुप्ता ने बताया कि उन्होंने भी निराला नगर योजना फेस-2 में प्लॉट के लिए आवेदन किया था लेकिन अभी तक मिल नहीं पाया। हर साल-छह महीने में प्राधिकरण नई उम्मीद जगा देता है और फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। प्राधिकरण की अध्यक्ष होने के नाते कमिश्नर को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
यह थी आवासीय योजना
भूखंड का प्रकार-कीमत-धरोहर राशि
ए-टाईप- 12,00,000- 1,20,000
बी टाइप- 9,72,000- 97,200
सी टाइप- 7,68,000- 76,800
डी टाइप- 5,88,000- 58,800
ई टाइप- 3,60,000- 36,000
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
काश्तकारों से बात हुई है। सभी मसलों को सुलझाकर और सहमति बनाकर जमीन लेकर आवासीय योजना को विकसित किया जाएगा। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सेल के माध्यम से नए सिरे से इस आवासीय योजना का सुव्यवस्थित प्लान तैयार कराया जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि अगले दो महीने में इस प्रक्रिया को पूरा करके काम शुरू कर दिया जाए।
– शुभम सिंह, एसडीएम/यूएसडीए सचिव