कानपुर के जानलेवा जाम के कारण अस्पताल पहुंचने से पहले ही दो लोगों की जान निकल गई। जाम में फंसे ऑटो में बैठे युवक ने सीने में दर्द से कराहते हुए दम तोड़ दिया, जबकि बुजुर्ग की पुलिस रिस्पांस व्हीकल में मौत हो गई।

कानपुर में ट्रैफिक जाम में फंसे दो लोगों की मौत
कानपुर शहर के कई इलाकों में लगने वाला जाम जानलेवा होता जा रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ओवरब्रिज और हैलट के पास जाम में फंसकर सोमवार को कौशाम्बी के घायल व शुक्लागंज के हृदय रोगी ने दम तोड़ दिया।
दोनों को गोल्डन ऑवर में अस्पताल पहुंचाने की तैयारी थी लेकिन वाहनों की लंबी कतार के आगे सारे प्रयास बेकार साबित हुए। हैलट इमरजेंसी में पहुंचने के चंद मिनट बाद एक बुजुर्ग को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, वहीं एक युवक को हार्टअटैक की आशंका में कार्डियोलॉजी ले जा रहे परिजन का ऑटो जाम में फंस गया।
अस्पताल के गेट पर ही डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। सोमवार की दोपहर करीब पौने दो बजे कौशांबी के पश्चिमशरीरा निवासी 61 वर्षीय रामदयाल सचेंडी में दीपू चौहान ढाबे के पास सड़क पार कर रहे थे।
उनको तेज रफ्तार कंटेनर ने चपेट में ले लिया। वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लगभग दो बजे पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) में तैनात सिपाही अजीत कुमार, मुनेश कुमार बुजुर्ग को हैलट के लिए लेकर निकले।
जैसे ही उनकी गाड़ी आईटीआई से मेडिकल कॉलेज ओवरब्रिज पर चढ़ी तभी ऊपर वाहनों की लंबी लाइन लगी मिली। पुलिसकर्मियों ने जाम को हटवाने का प्रयास किया लेकिन दूसरी ओर से भी वाहन आते रहे।
पीआरवी किसी तरह से ओवरब्रिज से नीचे उतर कर मेडिकल कॉलेज के गेट तक पहुंची। यहां से स्वरूपनगर थाने तक लंबा जाम लगा था। ट्रैफिक पुलिसकर्मी काफी मशक्कत कर पीआरवी को पोस्टमार्टम हाउस कट से मोड़वाकर हैलट अस्पताल ले जाने लगे तो मेट्रो स्टेशन के पास जाम लगा मिला।
किसी तरह पीआरवी हैलट की इमरजेंसी तक पहुंची। इमरजेंसी के अंदर जाने के बाद कुछ ही मिनट बाद डॉक्टरों ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। इसी तरह शुक्लागंज के 42 साल के मुन्ना को सीने में तेज दर्द हुआ। घर वाले हार्ट अटैक की आशंका पर उनको ऑटो से लेकर कार्डियोलॉजी ला रहे थे।
पोस्टमार्टम हाउस के पास ऑटो पहुंचा तो जाम लगा था। खस्ताहाल सड़क और बारिश की वजह से वाहन सड़क पर रेंग रहे थे। परिजन किसी तरह मुन्ना को गोल चौराहे के रास्ते कार्डियोलॉजी ले गए। यहां अस्पताल के गेट पर ही डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
आसान नहीं हैलट व कार्डियोलॉजी तक पहुंचना
खस्ताहाल सड़कों और ऑटो, ई-रिक्शा चालकों की अराजकता से पिछले कई महीनों से मेडिकल कॉलेज और हैलट अस्पताल के सामने की सड़क पर जाम की समस्या बनी हुई है। यह दिक्कत कई बार इतनी बढ़ जाती है कि वाहनों की कतार मेडिकल कॉलेज पुल से लेकर जेके मंदिर रोड और मरियमपुर चौराहे तक पहुंच जाती है।
कई बार जाम स्वरूपनगर थाने से होते हुए पोस्टमार्टम हाउस, मोतीझील, आर्यनगर तिराहे व हर्षनगर चौराहे तक लग जाता है। गोल चौराहे व गुटैया क्रॉसिंग पर सवारी भरने के चक्कर में टेंपो व ई रिक्शा चालक खड़े रहते हैं। इन वाहनों के कारण जाम लगने से मरीजों के लिए कार्डियोलॉजी तक पहुंचने में खासी मुश्किल होती है।
डीसीपी का दावा, नहीं मिली जाम की सूचना
डीसीपी ट्रैफिक रवींद्र कुमार के मुताबिक पीआरवी स्टाफ की ओर से उन्हें जानकारी दी गई कि घटनास्थल से अस्पताल ले जाते समय कहीं भी जाम नहीं मिला।
जाम लगने के पांच कारण
1- हैलट मेट्रो से लेकर मेडिकल कॉलेज के पुल तक दोनों तरफ खराब क्षतिग्रस्त सड़क।
2- हैलट के बाहर ऑटो, ई-रिक्शा चालकों की अराजकता व ठेले वालों का अतिक्रमण।
3- मेडिकल कॉलेज पुल से उतरते समय बाएं तरफ उलटी दिशा में वाहन घुसकर लगाते जाम।
4- टीएसआई, ट्रैफिक सिपाही व होमगार्ड पुल के पास व गोल चौराहे पर रहते, फिर भी लगता जाम।
5- फुटपाथ पर मेडिकल स्टोर संचालकों का रहता कब्जा, पुल से उतरते ही पिलर के कारण मार्ग हो जाता संकरा।
रोज 90 एंबुलेंस हैलट आती-जाती हैं
हैलट में रोज 60 सरकारी एंबुलेंस और 40 निजी एंबुलेंस का आना जाना रहता है। आए दिन एंबुलेंस जाम में फंसती हैं पर जाम का कोई समाधान नहीं निकलता। वहीं बकरमंडी से गोल चौराहे जाने वाले मार्ग पर रोजाना लाखों की संख्या में वाहन सवारों के साथ शहर के जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं।
जाम में फंसकर अधिकारियों को कोसने वाले लोग और उनकी समस्या माननीयों को नजर ही नहीं आती है। यह स्थिति तब है जब हैलट के साथ इसी मार्ग पर अन्य प्राइवेट अस्पताल हैं। दिनभर एंबुलेंस मरीजों लेकर दौड़ती रहती हैं।
एक नजर इन घटनाओं पर
1- दबौली निवासी बरखा गुप्ता की 14 अगस्त की रात हालत बिगड़ने पर पति सोनू उन्हें कार से लेकर कार्डियोलॉजी ले जा रहे थे, तभी शास्त्री चौक से गड़रियनपुरवा के बीच जाम में फंसने से 45 मिनट लग गए थे। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।
2- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे के दौरान गोविंदपुरी ब्रिज पर ट्रैफिक रोके जाने के कारण वंदना मिश्रा समय पर अस्पताल नहीं पहुंची और उनकी मौत हो गई। मामले में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने माफी मांगी, एसआई व तीन हेड कॉन्स्टेबल निलंबित किए गए थे।
3- कानपुर-हमीरपुर हाईवे पर मेट्रो निर्माण के चलते आठ घंटे तक जाम लगा। इसी दौरान एक गर्भवती महिला की अस्पताल पहुंचने में देरी हुई, जिसके चलते एम्बुलेंस में ही प्रसव करवाना पड़ा और नवजात की मौत हो गई थी।
4- कल्याणपुर में मेट्रो निर्माण के चलते लगे भीषण जाम में फंसकर बिल्हौर के सांबी गांव निवासी ट्रैक्टर से घायल रामअवतार को परिजन एंबुलेंस से हैलट ले जाए जा रहे थे, तभी कल्याणपुर थाने से बिठूर तिराहे तक लगे जाम में फंसकर दम तोड़ दिया था।
5- रामादेवी चौराहे पर लगे जाम में फंसकर एंबुलेंस में चुन्नीगंज बकरमंडी निवासी अकलीम की मौत हो गई थी। वह अपने मित्र नारायण के साथ महाराजपुर जा रहा था। कार ने हाईवे पर टक्कर मार दी थी। कांशीराम ले जाते रामादेवी में जाम में फंसने के कारण जान चली गई थी।
6- दिल्ली निवासी रवि कुमार शास्त्री नगर निवासी एक रिश्तेदार के घर आए थे। जहां बुजुर्ग मां का स्वास्थ खराब होने के कारण वह ऑटो से हैलट ले जा रहे थे, हैलट पुल से उतरते ही दाहिनी मोड़ने पर मोतीझील की ओर से आ रही तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी। जिससे कहासुनी के दौरान जाम लगने से मौत हो गई थी।
7-घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र में लगे जाम में फंसकर श्रीनगर गांव में सागर कानपुर हाईवे पर भीषण जाम में फंसकर बीमार हमीरपुर के खरौंज निवासी मोहर सिंह की मौत हो गई थी। परिजन काफी मिन्नतें करते रहे लेकिन जाम टस से मस नहीं हुआ था।