
फोटो-11-कलक्ट्रेट में बैठक के दौरान फर्जी डिग्री लगाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्द
उन्नाव। डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए आवेदन करने वाले डॉक्टर की डिग्री जांच में फर्जी पाई गई। समीक्षा बैठक में मामला संज्ञान में आने पर डीएम ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
कलक्ट्रेट में मंगलवार को डीएम गौरांग राठी ने गर्भधारण-पूर्व और प्रसव-पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) की सलाहकार समिति की बैठक की। समीक्षा के दौरान पाया कि बीघापुर बीघापुर डायग्नोस्टिक सेंटर संचालन की अनुमति के लिए सीएमओ कार्यालय में आवेदन किया गया था। जांच में पाया गया कि आवेदक डॉ. केसारी रमन लाल की डिग्री ही फर्जी है।
डीएम ने संचालक को नोटिस देने और फर्जी डिग्री लगाने वाले डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निदेश दिया। डीएम ने प्रत्येक तहसील के लिए टीम बनाकर जिले में संचालित सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच कराने का निर्देश सीएमओ को दिया। ऐसे केंद्र के आसपास की दुकानों पर भी सीसीटीवी फुटेज देखा जाए। सुनिश्चित करें कि सभी सेंटर पर जो पंजीकृत डॉक्टर हैं वहीं अल्ट्रासाउंड करें। कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति अल्ट्रासाउंड करते ना पाया जाए। अगर डॉक्टर छुट्टी पर जा रहे हैं तो सीएमओ को ईमेल के माध्यम से जानकारी दे। बैठक में सीएमओ डॉ.सत्यप्रकाश, नोडल अधिकारी डॉ.मनीष मिश्रा, डॉ.तौसीफ रिजवी, डॉ. वीके गुप्ता, डॉ.रजत चौरसिया, जिला सूचना अधिकारी सुभाष चंद्रा आदि मौजूद रहे।
नोडल अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि डॉक्टर ने इससे पहले या मौजूदा समय में कहीं और भी तो इसी फर्जी डिग्री को लगाकर डायग्नोस्टिक सेंटर तो नहीं चला रहे हैं। इसकी जांच की जाएगी। बताया कि डॉक्टर पर एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।