
फोटो नंबर-10-सोनिक के पास निर्माणाधीन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर।
उन्नाव। हाईवे और एक्सप्रेसवे जिले में विकास के रास्ते खोल रहे हैं। एक तरफ कानपुर महानगर तो दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ है। इन शहरों के बीच बसे उन्नाव में देश ही नहीं विदेश की कंपनियां भी करोड़ों रुपये निवेश कर रही हैं। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे बनने के बाद पिछड़े जिलों में शुमार जिले में विकास की शुरुआत हुई। एक साल पहले बनकर तैयार हुए उन्नाव-लालंगज (रायबरेली) हाईवे ने भी रफ्तार दी। अब गंगा एक्सप्रेसवे, कानपुर-लखनऊ एलिवेटेड एक्सप्रेसवे और कानपुर से उन्नाव के बीच बन रही सर्किल रोड विकास के नए रास्ते खोल रहे हैं।
हाईवे और एक्सप्रेसवे के कारण देश और विदेश की बड़ी कंपनियों ने हजारों करोड़ का निवेश शुरू किया है। प्रदेश सरकार ने उन्नाव को राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) में शामिल किया तो जिले में औद्योगिक, रीयल स्टेट सहित अन्य क्षेत्रों में विकास तेज हुआ है। इन इन एक्सप्रेसवे और हाईवे से औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक जिले के करीब एक लाख लोगों (परोक्ष और अपरोक्ष) रूप से रोजगार मिलेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे, उन्नाव जिले की छह तहसीलों के 76 गांवों से निकल रहा है। जिले में इसकी लंबाई 105 किलोमीटर है। 18 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री ने शाहजहांपुर में इस एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। यह एक्सप्रेसवे जिले की पुरवा तहसील के चार, बांगरमऊ के 11, बीघापुर (पाटन) के 19, हसनगंज के सात, सदर तहसील के 15 और सफीपुर के 20 गांवों से होकर निकल रहा है। इस एक्सप्रेसवे की जिले के लिए उपयोगी बनाने के लिए लखनऊ-कानपुर हाईवे से भी जोड़े जा रहा है। सोनिक और नेवरना के पास जंक्शन प्रस्तावित है।
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे
लखनऊ-कानपुर के बीच बन रहे एलिवेटेड एक्सप्रेसवे (एनई-6) की उन्नाव जिले में लंबाई 45.3 किलोमीटर है। निर्माण एजेंसी पीएनसी इसे अगले महीने अक्तूबर में यातायात के लिए खोलने की तैयारी में है। 64 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का काम दो भाग में कराया जा रहा है। 18.5 किमी का पैकेज-1 लखनऊ के शहीद पथ से कानपुर-लखनऊ हाईवे के बनी कस्बा तक का है और बाकी हिस्सा उन्नाव जिले में है। इसे कानपुर-लखनऊ हाईवे से जोड़ने के लिए आजाद मार्ग के पास जंक्शन भी बनाया जा रहा है।
उन्नाव-कानपुर आउटर रिंगरोड
उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात और मंधना को जोड़ने वाली आउटर रिंग रोड की जिले में लंबाई 27.900 किलोमीटर है। यह सड़क जिले के 30 गांवों से होकर निकल रही है। कानपुर-लखनऊ हाईवे पर बंथर औद्योगिक क्षेत्र के पास आजाद मार्ग तिराहा पर एक्सप्रेसवे को हाईवे से जोड़ा जाएगा। इसके निर्माण की जिम्मेदारी एनएचएआई को दी गई है। रिंग रोड बनने से वाहन शहर के बाहर से ही कानपुर, लखनऊ, कानपुर देहात सहित अन्य जनपदों को जा सकेंगे। इस रिंग रोड से आने-जाने वाले वाहन सोनिक के पास से गंगा एक्सप्रेसवे और गदनखेड़ा चौराहा से उन्नाव-रायबरेली हाईवे पर भी पहुंच सकेंगे।
एक्सप्रेसवे और रिंग रोड के बीच दो जगह औद्योगिक गलियारा
गंगा एक्सप्रेसवे और कानपुर एक्सप्रेसवे और रिंगरोड के पास औद्योगिक विकास के लिए दो जगह औद्योगिक गलियारा बनाया जा रहा है। एक गलियारा मुर्तजानगर और दूसरा औरास में बनेगा इसके लिए 250 हेक्टेअर जमीन अधिग्रहीत की गई है। इन दोनों गलियारों में 500 उद्योग स्थापित करने का लक्ष्य है।
स्थापित हो रही ओटीडी सेल
प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने की योजना में उन्नाव की भी अहम भूमिका होगी। प्रदेश सरकार जिले में वन ट्रिलियन डॉलर सेल (ओटीडी सेल) स्थापित कर रही है। डीएम व अन्य विभागों के अधिकारियों के अलावा, उद्यमियों और निवेशकों के प्रतिनिधि भी सेल के सदस्य होंगे।
132 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल काॅरिडोर अपना जिला प्रदेश के बड़े औद्योगिक हब के रूप में उभर रहा है। 132 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल काॅरिडोर, एक हजार हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल हब बन रहा है। इंडस्ट्रियल काॅरिडोर विकसित करने के लिए 186 करोड़ रुपये मंजूर शुरू हो गए हैं। जिले को राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) में शामिल करने के बाद इंडस्ट्रियल हब और इंडस्ट्रियल काॅरिडोर में करीब दो हजार छोटे बड़े उद्योग, वेयर हाउस, शिक्षण संस्थान, कृषि व पशु पालन आधारित उद्यम स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं।
इन क्षेत्रों में विकास पर जोर
औद्योगिक विकास, पर्यटन विकास, नए होटल, रेस्टोरेंट की स्थापना, व्यावसायिक वाहनों के पंजीकरण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री पर जोर, कृषि और पशु पालन आधारित उद्यमों से जिले के किसानों को सीधा लाभ दिलाना, ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर, सड़क सुरक्षा, प्रबंधन और नियमों का पालन
पोलैंड की कंपनी भी लगा रही उद्यम पोलैंड की बहुराष्ट्रीय कंपनी कैनपैक, उन्नाव में कैन निर्माण का संयंत्र लगाएगी। इसमें शीतल पेय, एनर्जी ड्रिंक और बियर आदि के कैन बनेंगे। कंपनी 65 एकड़ में उद्योग लगाने के लिए 1300 करोड़ का निवेश करेगी। पांच हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी देगा। प्लांट लगाने के लिए कंपनी को जमीन के आवंटन का पत्र भी दे दिया गया है।
यूएई के शाही परिवार ने उद्योग के लिए चुना उन्नाव
उन्नाव में लखनऊ-कानपुर हाईवे, निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे और कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे बीच बिछिया ब्लॉक के सराय कटियान में 132 हेक्टेयर में औद्योगिक गलियारा (इंडस्ट्रियल काॅरिडोर ) विकसित करने का काम शुरू हो गया है। लखनऊ और कानपुर के पास होने और एक हाईवे व दो एक्सप्रेसवे से जुड़ा होने से उन्नाव देश और विदेश की कंपनियों की पसंद बन गया है। यहां यूएई का शाही परिवार भी 4000 करोड़ रुपये निवेश कर रहा है। स्नैक फूडस्टफ एलएलसी कंपनी मिलकर यहां फिश हैचरी, प्रोसेसिंग प्लांट और फीड प्लांट बनाएगा। शासन ने उन्नाव के औद्योगिक गलियारे के लिए 186 करोड़ रुपये की विकास कार्ययोजना को स्वीकृति भी दे दी है। कार्ययोजना को तेजी से पूरा कराने के लिए डीएम गौरांग राठी को शासन की ओर से प्रशंसापत्र भी मिला है।
जिले में आए ये उद्यम
-आरएचएल प्रोफाइल्स लिमिटेड-499 करोड़
-चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल-2000 करोड़
-राजा राव रामबक्स सिंह शिक्षा समिति-400 करोड़
-मिर्जा इंटरनेशनल लिमिटेड-150 करोड़
-जय जगदंबा मेटलायज लिमिटेड-150 करोड़
-प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज-650 करोड़
-एमएलएमपी फूड इंडस्ट्रीज 100 करोड़
-बृंदावन बाटलर्स प्राइवेट लिमिटेड 84 करोड़
-एओई एक्सपोर्ट-60 करोड़
-स्पेस प्राइवेट लिमिटेड-50 करोड़
-हिलेरी फ्लफ लिमिटेड-30 करोड़
पांच साल में बड़े औद्योगिक हब में होंगे शुमार
डीएम गौरांग राठी ने बताया कि आने वाले पांच साल में उन्नाव जिला प्रदेश का बड़ा औद्योगिक हब बनेगा। हाईवे, एक्सप्रेसवे से लगभग पूरे प्रदेश व देश के कई राज्यों से कनेक्टिवटी की सुविधा होना, लखनऊ व कानपुर में हवाई अड्डा की सुविधा होना, रेल सुविधा होना इसकी प्रमुख वजह है। साथ ही लखनऊ और कानपुर के बीच का स्थान होने से निवेशकों की पसंद है। ओटीडी सेल जिले में निवेश की संभावनाएं तलाशेगी, निवेशकों की मदद करेगी, उद्यम स्थापित करने की प्रक्रियाओं को बिना रुकावट पूरा कराएगी। इससे सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा। प्रमुख सचिव के निर्देशानुसार जिले में ओटीडी सेल का गठन किया जा रहा है।
निवेशकों को किया जा रहा प्रोत्साहित
जिला उद्योग केंद्र के निवेश मित्र रवि कुमार ने बताया कि लघु उद्योग तो दो-तीन महीने में काम शुरू कर देंगे। जो उद्यमी जिले में अपना उद्यम लगाना चाहते हैं, उनके लिए उद्यमियों और संबंधित विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर उनकी समस्याओं दूर कराया जा रहा है। निवेशकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

फोटो नंबर-10-सोनिक के पास निर्माणाधीन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर। संवाद

फोटो नंबर-10-सोनिक के पास निर्माणाधीन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर। संवाद

फोटो नंबर-10-सोनिक के पास निर्माणाधीन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर। संवाद