
फोटो नंबर-1-बांगरमऊ में पटाखा दुकान की जांच करती पुलिस। आर्काइव
उन्नाव। जिले में आतिशबाजी का वैध से ज्यादा अवैध कारोबार है। यहां पटाखे बनाने का एक भी लाइसेंस नहीं है फिर भी बड़े आतिशबाज, कारीगरों को कच्चा माल देकर कमीशन पर भी पटाखे बनवा रहे हैं। आसपास के जिलों में विस्फोट की घटनाओं के बाद प्रशासन ने जांच शुरू की तो एक सप्ताह में तीन स्थानों से आठ क्विंटल पटाखों के अलावा 12 किलो बारूद बरामद हुई है। अब तक चार के खिलाफ एफआईआर हुई है।
जिले में आतिशबाजी की बिक्री और भंडारण के 109 लाइसेंस हैं। अगस्त 2024 में बारासगवर थाना के करनापुर गांव में चोरी छिपे पटाखे बनाते समय विस्फोट में दंपती सहित तीन की मौत की घटना के बाद से पटाखा बनाने के सभी 29 लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं किया गया लेकिन जिले में पुरवा, बीघापुर, हसनगंज, बांगरमऊ, मियागंज, औरास, शुक्लागंज, मियागंज, मौरावां सहित कई क्षेत्रों में अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे हैं।
राजधानी लखनऊ और महानगर कानपुर के बीच स्थित इस जिले से हरदोई, रायबरेली, फतेहपुर जिले की भी सीमा लगी हैं। इन जिलों में उन्नाव में बने पटाखों की खूब मांग है। ब्रांडेड कंपनियों से कीमत कम होने और छह-सात गुना मुनाफा होने से यह अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है। सूत्रों के अनुसार जिले में साल का पटाखों का कारोबार तकरीबन 20 करोड़ रुपये का है।
एएसपी अखिलेश सिंह ने बताया कि अवैध पटाखे बनाने और भंडारण करने के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। बीघापुर कोतवाली क्षेत्र के विक्रमपुर गांव में नाले के किनारे झाड़ियों में छिपाकर रखे गए करीब दो लाख रुपये के एक क्विंटल पटाखों के साथ 12 किलो बारूद बरामद हुई थी। बांगरमऊ कस्बे की एक दुकान लाइसेंस से सात क्विंटल अधिक पटाखे मिले थे, जिसे जब्त कर लिया गया था। इसकी कीमत करीब सात लाख रुपये है।
वर्जन…
जिले में पटाखे बनाने के 29 लाइसेंस थे लेकिन मानक पूरे न होने से 2024 से किसी को भी एनओसी नहीं दी गई है। जिले में जो लोग भी आतिशबाजी बना रहे हैं वह अवैध है। आयुध कार्यालय और विभाग के रिकाॅर्ड का मिलान कर आतिशबाजी दुकानों का सत्यापन किया जा रहा है। भंडारण और बिक्री, लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन मिलने पर कार्रवाई की जा रही है। -अनूप सिंह, सीएफओ।
पटाखा लाइसेंस पर एक नजर
तहसील बिक्री की दुकानें
सदर 33
सफीपुर 07
बागंरमऊ 14
हसनगंज 08
पुरवा 15
बीघापुर 32
कुल 109
आतिबाजी बनाने के दौरान विस्फोट की प्रमुख घटनाएं
22 जुलाई 2025 : मौरावा थाना के पारा गांव के बाहर चोरी छिपे पटाखे बनने के दौरान विस्फोट में श्रमिक शिवचरन प्रजापति की मौत हो गई थी। आतिशबाज नफीस 31 मार्च 2024 को लाइसेंस खत्म होने के बाद भी पटाखे बनाने का काम कर रहा था। उसे पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
29 अगस्त 2024 : बारासगवर थाना के करनईपुर गांव से बाहर अतिशबाजी के अवैध कारखाने में विस्फोट में इसी गांव के सुनील, पत्नी बीना और श्रमिक सर्वेश मौत हो गई थी।
09 जुलाई 2024- बिहार थाना के पकराखुर्द में दुकान में रखे पटाखों में विस्फोट, बाहर सो रहे आतिशबाज अली अहमद की मौत।
25 जून 2024- पुरवा कोतवाली के बिछिया कस्बा में गुड्डू वेल्डिंग की दुकान में रखे बारूद व पटाखों में विस्फोट, बिजली विभाग के एसएसओ सुनील कुमार की मौत।
सीओ ने पटाखा की दुकानों का किया निरीक्षण
चकलवंशी। सीओ सफीपुर सोनम सिंह ने माखी थाना प्रभारी योगेश कुमार सिंह के साथ रऊकरना में पटाखा की दुकानों का निरीक्षण किया। इस दौरान रऊकरना में जाबिर फायर वर्क्स का लाइसेंस देखा गया। एसओ ने बताया कि दुकान में मानक के अनुरूप पटाखे पाए गए। वहीं, पुलिस को देख ठेलों पर पटाखा बेंच रहे दुकानदार बचते हुए भाग निकले। (संवाद)