
फोटो- 30- सरस्वती मेडिकल कॉलेज में मौजूद ईडी की टीम। संवाद
नवाबगंज। सरस्वती मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम डटी रही। प्राचार्य ने मीटिंग के लिए कानपुर यूनिवर्सिटी जाने की बात कही लेकिन ईडी अधिकारियों ने अनुमति नहीं दी। कॉलेज में 36 घंटे बाद भी जांच जारी है। सूत्रों के अनुसार टीम को कई फर्जी बैंक अकाउंट और बड़ी रकम के लेनदेन की जानकारी मिली है।
बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे चार गाड़ियों से सोहरामऊ स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज पहुंची प्रवर्तन निदेशालय की 14 सदस्यीय टीम शुक्रवार को भी जांच में जुटी रही। टीम ने एचआर विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर रजिस्ट्रार ऑफिस और अकाउंट विभाग के कर्मचारियों की लिस्ट ली। सभी से संपर्क कर कॉलेज आकर अभिलेख दिखाने के लिए कहा। प्राचार्य आरएन श्रीवास्तव ने मीटिंग के लिए कानपुर यूनिवर्सिटी जाने की बात कही लेकिन टीम के अधिकारियों ने कॉलेज से जाने की अनुमति नहीं दी। सुझाव दिया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग से मीटिंग में शामिल हो सकते हैं।
कॉलेज के सारे कंप्यूटर, टीम के कब्जे में हैं। कॉलेज स्टाफ से टीम के सदस्यों ने रात भर पूछताछ की। टीम के सदस्य किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिल रहे हैं। वह पूरी जानकारी लखनऊ में उच्चाधिकारियों को देने की बात कह रहे हैं।
ये है मामला
हापुड़ की मोनाड यूविर्सिटी चांसलर विजेंद्र हुड्डा कई करोड़ के डिग्री घोटाले में नामजद हैं। हुड्डा उन्नाव के सोहरामऊ स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज के सचिव भी हैं। ईडी को शक है कि डिग्री घोटाले की रकम का इस मेडिकल कॉलेज के जरिए भी लेनदेन किया गया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी यह जांच कर रही है कि कहीं इस मेडिकल कॉलेज से भी फर्जी मेडिकल डिग्रियां तो नहीं बेची गईं है। सूत्रों के अनुसार जांच शनिवार को भी जारी रहने का अनुमान है। विजेंद्र हुड्डा का करीब तीन हजार करोड़ के बाइक बोट घोटाले में भी नाम आ चुका है।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें