
फोटो-23-हसनगंज के ऊंचााद्वार में शोपीस बना सोलर आरओ प्लांट। संवाद – फोटो : भाजपा नेता के साथ डीएम से मिलने जाते गृहस्वामी व व्यापार
उन्नाव। जनपद के 20 गांवों में ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए सोलर आरओ प्लांट लगाए गए थे। इस पर तीन करोड़ 68 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन यह योजना ग्रामीणों को तीन साल भी शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं करा पाई। ज्यादातर आरओ प्लांट ठप हो गए हैं।
40 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति वाले गांवों के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना शुरू की थी। इसमें 20 गांव चयनित हुए थे। इसमें 17 गांवों में सोलर आरओ प्लांट के लिए 20-20 लाख और शेष तीन में केवल आरओ प्लांट के लिए 9.50 लाख का बजट निर्धारित किया था लेकिन तीन करोड़ 68 लाख 50 हजार की योजना ग्रामीणों को तीन साल भी शुद्ध पानी नहीं दे पाई।
आरओ प्लांट लगाने का काम यूपी कांस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रेक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) संस्था को दिया था। निगरानी की जिम्मेदारी समाज कल्याण अधिकारी (विकास) को दी गई थी। नामित संस्था ने 2022 में प्लांट लगाने का काम पूरा होने और ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने का दावा किया था। जिन गांवों में प्लांट लगे हैं, उनमें से कइयों का संचालन ठप है। कुछ तो अभी हस्तगत भी नहीं हुए हैं।
केस-1
कहीं दो तो कहीं छह माह से बंद है प्लांट
औरास। विकास खंड के धमियाना व पुरथ्यावां ग्राम पंचायतों में लगे आरओ प्लांट बंद हैं। धमियाना में प्राथमिक विद्यालय के पास प्लांट लगा है। टोटियां टूट गई हैं। यहां पर शुरुआती समय 2022 में ही कुछ माह संचालन हुआ था। इसके बाद बंद हो गया। यही हालत पुरथ्यावां का भी है। पंचायत भवन के पास लगे प्लांट की टोटियां टूट गई हैं। टिन उड़ गई है। प्रधान प्रकाश ने बताया कि छह माह से प्लांट खराब पड़ा है।
केस-2
तीन साल बाद भी पंचायत को नहीं किया हैंडओवर
सफीपुर। मियागंज ब्लाक में मुजफ्फरपुर सर्रा गांव में आरओ प्लांट निर्माण के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायत को हैंडओवर नहीं हो सका है। फिलहाल प्लांट का संचालन बंद है। ग्राम पंचायत अधिकारी प्रखर बाजपेई ने बताया कि कार्यदायी संस्था को हस्तगत करने के लिए पत्र लिखा गया है। तभी पंचायत से मरम्मत हो जाएगी।
केस-3
ठेकेदार ने छोड़ दिया अधूरा कार्य, हस्तगत भी नहीं
बीघापुर। गांव कुंभी में सोलर आरओ प्लांट को आधा बनाकर ठेकेदार ने काम छोड़ दिया था। इससे प्लांट ग्रामसभा को हैंडओवर नहीं हो सका था। करीब दो साल से प्लांट बंद था। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कमल किशोर दीक्षित ने बताया कि निजी स्रोतों से 9000 रुपये से सोलर प्लांट को चालू कराया। आज भी प्लांट ग्रामसभा को हस्तगत नहीं हो सका है।
केस-4
ऊंचाद्वार और धौरा में एक साल से बंद हैं प्लांट
हसनगंज। ऊंचाद्वार और धौरा गांव में सोलर आरओ प्लांट लगाए गए थे। इससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिलने लगा था। दोनों प्लांट एक साल में ही बंद हो गए। ऊंचाद्वार के प्रधान राज कुमार रावत ने बताया कि प्लांट के खराब होने की शिकायत करने के बाद कोई सही करने नहीं पहुंचा। असोहा के समाधा का भी प्लांट करीब एक साल से बंद है।
वर्जन….
कार्यदायी संस्था ने सभी प्लांट ग्राम पंचायत को हैंडओवर करने की जानकारी दी है। जिन पंचायतों में हस्तगत नहीं हुआ है, उनकी जांच कराई जाएगी। प्लांट बंद किन कारणों से हैं, इसे दिखवाया जाएगा। -मनोज कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास)।

फोटो-23-हसनगंज के ऊंचााद्वार में शोपीस बना सोलर आरओ प्लांट। संवाद- फोटो : भाजपा नेता के साथ डीएम से मिलने जाते गृहस्वामी व व्यापारी।