खंड शिक्षा कार्यालय के बाबुओं की लापरवाही से निजी स्कूलों को आरटीआई फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं हो पा रहा हैं। इससे नाराज कानपुर स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने बेसिक शिक्षा मंत्री से शिकायत करने का मन बनाया है।
बाबुओं पर खेल करने का आरोप
एसोसिएशन के महामंत्री केके दुबे ने बताया कि आरटीई में बच्चों को दाखिला देने वाले निजी स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति भुगतान में खंड शिक्षा कार्यालयों के बाबुओं ने जानबूझकर लापरवाही बरती है। निजी स्कूलों ने बैंक खाता, आइएफएससी नंबर सहित विद्यार्थियों का पूरा ब्योरा दिया, लेकिन बाबुओं ने आनलाइन डाटा फीडिंग में गड़बड़ी कर दी। इस कारण फीस स्कूलों तक नहीं पहुंची।
कार्यालय के काट रहे चक्कर
फीस न आने पर स्कूल संचालक बीएसए कार्यालय व खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं निकल रहा है। केके दुबे ने बताया कि सदर बाजार, शास्त्री नगर, प्रेमनगर, किदवई नगर सहित अन्य खंड शिक्षा कार्यालयों के अंतर्गत आने वाले करीब 50 निजी स्कूलों ने प्री प्राइमरी व पहली कक्षा में आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला दिया था। उन्होंने कहा कि शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है इसलिए बेसिक शिक्षा मंत्री से इसकी शिकायत की जाएगी।
40 संचालकों ने की शिकायत
बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक करीब 40 स्कूल संचालकों की फीस न आने की शिकायत मिली है। प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकाला जाए। इसके लिए अधिकारियों से बात चल रही है।
12,231 बच्चों की फीस जारी की गयी
शासन स्तर से 12,231 बच्चों की फीस जारी कर दी गयी है। लगभग 6.39 करोड़ रुपये आए हैं। अब खंड शिक्षा अधिकारी और फिर जिलास्तरीय अधिकारी संबंधित स्कूल में जाकर बच्चों की संख्या का सत्यापन करेंगे। इसके बाद उनको फीस दी जाएगी, लेकिन जिनका डाटा गलत भर दिया गया है उन स्कूलों की फीस अभी नहीं मिल पाएगी।