Kanpur News: एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल चमड़ा उद्योग लगातार बढ़ रहा है। वहीं जुलाई में पूर्णकालिक बजट आ सकता है। उम्मीद है कि इसमें चमड़ा और कपड़ा उद्योग को विशेष महत्व दिया जा सकता है। रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर की आधारशिला भी अब जल्द ही रखी जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार ताजपोशी हो गई है। जल्द ही श्रम आधारित चमड़ा, कपड़ा उद्योग को सहूलियत की घोषणा हो सकती है। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे कार्यकाल के लिए बनाई गई सौ दिवसीय कार्ययोजना में इन उद्योगों को शामिल किया है। वाणिज्य उद्योग और एमएसएमई मंत्रालय को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
शहर का चमड़ा कारोबार कोरोना काल के बाद से फिर से तेजी बढ़ रहा है। चर्म निर्यात परिषद के आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में शहर से 5805 करोड़ का निर्यात किया गया था। 2018-19 में 5662 करोड़ का और 2019-20 में कोरोना के चलते निर्यात घटकर 4921 करोड़ रह गया था। इसके बाद तेजी से सुधार हुआ। 2020-21 में 5301 करोड़ का निर्यात किया गया। 2022-23 में सात हजार करोड़ का निर्यात हुआ।
2023-24 में भी चुनौतियों के बीच बेहतर निर्यात परिणाम आने की उम्मीद है। निर्यातकों का अनुमान है कि इस बार भी सात हजार करोड़ से ज्यादा का निर्यात होगा। इसके आंकड़े 30 जून के बाद आएंगे। वहीं, प्रधानमंत्री के सौ दिवसीय कार्ययोजना में श्रम आधारित चमड़ा उद्योग को शामिल करने से भविष्य में बेहतर होने की उम्मीद जगी है। एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल चमड़ा उद्योग लगातार बढ़ रहा है। वहीं जुलाई में पूर्णकालिक बजट आ सकता है।
क्लस्टर बनने के बाद 13 हजार करोड़ के निर्यात का अनुमान
उम्मीद है कि इसमें चमड़ा और कपड़ा उद्योग को विशेष महत्व दिया जा सकता है। रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर की आधारशिला भी अब जल्द ही रखी जा सकती है। क्लस्टर की जमीनों की अदला-बदली की प्रक्रिया चुनाव के बाद पूरी हो सकेगी। 98 हेक्टेयर (243 एकड़ भूमि) पर मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना की जानी है। क्लस्टर बनने के बाद 13 हजार करोड़ के निर्यात का अनुमान है, जबकि घरेलू बाजार 20 हजार करोड़ हो सकेगा।
प्रधानमंत्री की सौ दिवसीय कार्ययोजना में श्रम आधारित चमड़ा, कपड़ा, इंजीनियरिंग उद्योग को शामिल किया गया है। वाणिज्य उद्योग मंत्रालय और एमएसएमई मंत्रालय को कार्ययोजना बनाने को कहा गया था। पांच जून तक सुझाव मांगे गए थे। इसमें निर्यात विकास फंड, नए-नए उत्पादों की डिजाइन, श्रमिक दक्षता, राहत पैकेज, उत्पादों के रिसर्च, मार्केटिंग आदि के सुझाव दिए गए हैं। -आलोक श्रीवास्तव, संयोजक, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन
शहर का चमड़ा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना के प्रभाव से पूरी तरह से यह उद्योग उबर चुका है। सरकार लगातार इसे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। चमड़ा उद्योग में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। शहर से निर्यात बढ़ रहा है। -यादवेंद्र सचान, चमड़ा कारोबारी और निर्यातक विशेषज्ञ
चमड़ा निर्यात समुदाय कुछ नए देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता के साथ ही नई निर्यात प्रोत्साहन नीति की उम्मीद कर रहा है। जीएसटी दरों में भी कमी की उम्मीद इस उद्योग को है। प्रोत्साहन मिलने पर शहर का चमड़ा कारोबार और आगे बढ़ सकेगा। -जफर फिरोज, आयात-निर्यात विशेषज्ञ
प्रधानमंत्री की सौ दिवसीय कार्ययोजना में श्रम आधारित चमड़ा, कपड़ा, इंजीनियरिंग उद्योग को शामिल किया गया है। वाणिज्य उद्योग मंत्रालय और एमएसएमई मंत्रालय को कार्ययोजना बनाने को कहा गया था। पांच जून तक सुझाव मांगे गए थे। इसमें निर्यात विकास फंड, नए-नए उत्पादों की डिजाइन, श्रमिक दक्षता, राहत पैकेज, उत्पादों के रिसर्च, मार्केटिंग आदि के सुझाव दिए गए हैं। -आलोक श्रीवास्तव, संयोजक, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन
शहर का चमड़ा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना के प्रभाव से पूरी तरह से यह उद्योग उबर चुका है। सरकार लगातार इसे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। चमड़ा उद्योग में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। शहर से निर्यात बढ़ रहा है। -यादवेंद्र सचान, चमड़ा कारोबारी और निर्यातक
चमड़ा निर्यात समुदाय कुछ नए देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता के साथ ही नई निर्यात प्रोत्साहन नीति की उम्मीद कर रहा है। जीएसटी दरों में भी कमी की उम्मीद इस उद्योग को है। प्रोत्साहन मिलने पर शहर का चमड़ा कारोबार और आगे बढ़ सकेगा। -जफर फिरोज, आयात-निर्यात
इन देशों के साथ है पूर्व में किया गया मुक्त व्यापार समझौता
श्रीलंका, नेपाल, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रूनी, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलयेशिया, म्यांमार, फिलिपींस, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, जापान, मारीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया के साथ सरकार ने बीते कुछ समय में करार किया है।