उन्नाव: शहर में गंदगी, जलभराव भरपूर, संक्रामक रोगों की भरमार

उन्नाव: शहर में गंदगी, जलभराव भरपूर, संक्रामक रोगों की भरमार

उन्नाव। संचारी रोगों को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 30 दिनों तक पूरे जिले में संचारी रोग नियंत्रण के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की है। नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग लोगों को मच्छरों की रोकथाम के लिए जागरूक कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ शहर में जगह-जगह गंदगी और जलभराव होने से लोग मच्छरों और संक्रामक रोगों की भरमार से परेशान हैं।

गर्मी की शुरुआत होते ही संक्रामक रोगों की भरमार और संक्रामक रोग बढ़ते हैं। वेक्टर जनित रोगों और संचारी रोगों की रोकथाम के प्रशासन एक से तीस अप्रैल तक पूरे जिले में दस्तक अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत नगर निकायों, क्षेत्र पंचायतों और ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान और जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

डीएम गौरांग राठी ने छह दिन पहले ही समन्वय समिति की बैठक कर एसडीएम, ईओ, स्वास्थ्य अधिकारियों, डीपीआरओ सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या को दूर कराने के साथ ही नियमित सफाई, फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन शहर में इसका कहीं असर नजर नहीं आया।


कृष्णानगर, बाबूगंज, पीतांबर नगर, इब्राहिमाबाग, एबी नगर, बंदूहार, लोकनगर, आदर्श नगर, हिरन नगर, सिविल लाइंस, कब्बाखेड़ा, कलक्टरगंज सहित अधिकांश मोहल्लों में जलभराव और नाले व नालियां चोक होने से लोग जलभराव की समस्या से जूझते रहे। गंदे पानी से लबालब रास्तों से होकर निकल रहे लोग परेशान रहे।


वीआईपी क्षेत्र पर ज्यादा जोर
पालिका की साफ-सफाई केवल वीआईपी क्षेत्रों और अधिकारियों के आवास और दफ्तरों के आसपास तक सीमित रही। पालिका कर्मियों ने सोमवार दोपहर को पीडब्ल्यूडी, पुलिस लाइन गेट के पास, डीएम आवास के पास, जिला एवं सत्र न्यायालय और नगर पालिका व आवास विकास कालोनी व उसके आसपास डंप कूड़ा उठवाया। जबकि शहर के 32 वार्डों में से अधिकांश में मुख्य मार्गों को छोड़ कहीं भी कूड़ा उठान न होने से लोग गंदगी और जलभराव की समस्या से जूझते रहे।


निस्तारण के नाम पर जला रहे कूड़ा, लोग हो रहे बीमार
शहर से रोजाना निकलने वाला औसतन 45 टन कूड़ा के सुरक्षित निस्तारण इंतजाम न होने से पालिका कर्मी उसे गली-मोहल्लों में खाली स्थानों और प्लॉटों और लखनऊ-कानपुर हाईवे, उन्नाव-हदोई रोड सहित अन्य मार्गों के किनारे फेंकते हैं। इसके बाद निस्तारण के नाम पर कर्मचारी इसे जला देते हैं। इससे आसपास मोहल्लों में रहने वाले लोग दुर्गंध और धुएं से परेशान रहते हैं। सोमवार को भी शहर में जगह-जगह यही नजारा दिखा।

रोज औसतन 800 संक्रामक रोगी पहुंच रहे अस्पताल
बुखार, डायरिया, सर्दी, जुकाम, खांसी, सांस लेने में दिक्कत आदि संक्रामक रोगों से परेशान औसतन 800 मरीज रोजाना जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। पर्चा काउंटर पर से लेकर रोग विशेषज्ञों के ओपीडी कक्ष तक रोज मरीजों की कतारें लगी रहती हैं। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा चपेट में आ रहे हैं।

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