Lok Sabha Election 2024: सातवें चरण का मतदान हो गया है। इस मतदान में चंदौली के मतदाता फर्स्ट डिवीजन से पास हुए, हालांकि पिछली बार (2019) से मतदान 1.37 फीसदी कम हो गया। वहीं सलेमपुर में सबसे कम वोटिंग हुई।
सातवें चरण के मतदान में चंदौली के मतदाता भले ही फर्स्ट डिवीजन से पास गए, लेकिन पिछली बार (2019) से मतदान 1.37 फीसदी कम हो गया। इससे भाजपा, बसपा और सपा प्रत्याशी चिंतित हैं। सब अपनी जीत और हार का गुणा-गणित लगाने में जुटे हैं। चंदौली में पिछली बार 61.75 फीसदी तो इस बार 60.38 फीसदी वोटिंग हुई है। सबसे कम 51.25 प्रतिशत मतदान सलेमपुर में हुआ।
दूसरी तरफ मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां 2019 की अपेक्षा 3.04 फीसदी कम वोटिंग हुई है। इसका खामियाजा अपना दल एस या फिर सपा प्रत्याशी को भुगतना पड़ेगा, यह चार जून को पता चलेगा। लेकिन कम वोटिंग से प्रत्याशियों की चिंता बढ़ी है। 2019 में जहां 60.76 फीसदी वोटिंग हुई थी, वहीं 2024 में 57.72 फीसदी ही वोटिंग हो सकी। पूर्वांचल की 13 लोकसभा सीटों पर 54 फीसदी वोट पड़े। ज्यादातर सीटों पर भाजपा और इंडी गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है।
काशी से तीसरी बार मैदान में पीएम मोदी
वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान चुनाव लड़े रहे हैं। वे काशी से तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार हैट्रिक की आस में हैं। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय भी मजबूती से मैदान में डटे हैं। वह भी काशी से तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। ठीक इसी तरह वाराणसी से सटी चंदौली संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला सपा के वीरेंद्र सिंह से है। वीरेंद्र पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
अनुप्रिया पटेल भी तीसरी बार रण में
मिर्जापुर संसदीय सीट से अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरी हैं। यहां उनका सामना भाजपा के ही पूर्व सांसद रमेश बिंद से है। रमेश 2019 में भाजपा के टिकट पर भदोही से जीते थे। इस बार टिकट नहीं मिला तो पाला बदल लिया। बाद में सपा ने अपना प्रत्याशी बना दिया। पूर्वांचल की खास सीटों में शुमार गाजीपुर में भी मुकाबला भाजपा और इंडी गठबंधन के बीच है। सपा के अफजाल अंसारी और भाजपा के पारस नाथ राय आमने-सामने है।