Meerut News : यूपी में भाजपा प्रत्याशियों की हार के पीछे एक बड़ी वजह रही है। वहीं, वेस्ट यूपी की अधिकतर सीटों पर एक ही वजह सामने आई है। इस खास रिपोर्ट में पढ़िए बसपा के उम्मीदवारों ने कितना खेल बिगाड़ा है।
भाजपा 2019 में वेस्ट यूपी में सात सीटें जीती थीं, जो इस बार पांच रह गई। रालोद अपने हिस्से की बागपत और बिजनौर सीट जीतने में कामयाब रहा। वहीं, बसपा भले ही अपना खाता न खोल पाई हो, लेकिन भाजपा के लिए बोट कटवा साबित हुई। ज्यादातर सीटों पर बसपा प्रत्याशियों ने जो मत बटोरे वह भाजपा के खाते के आंके जा रहे हैं। बसपा का परंपरागत वोट बैंक भी इन चुनावों में छिटका दिखा। मेरठ में ही बसपा प्रत्याशी देवव्रत त्यागी 86 हजार से अधिक मत ले गए।
भाजपा के अरुण गोविल 10585 मत से भले ही जीते लेकिन, जीत के आंकड़े तक पहुंचने में पसीने छूट गए। कैराना में इकरा हसन करीब 70 हजार वोटों से जीतीं, वहीं बसपा प्रत्याशी श्रीपाल ने 76200 मत हासिल किए।
मुजफ्फरनगर में इंडिया गठबंधन के हरेंद्र सिंह मलिक ने भाजपा के दो बार से सांसद और मंत्री रहे डॉ. संजीव बालियान को 24672 मत से हराया। दारा सिंह प्रजापति ने यहां मजबूत चुनाव लड़ा। उन्होंने 143707 मत हासिल किए, उन्हें लगभग हर बूथ पर वोट मिले। उनकी बढ़ती वोट के साथ ही बालियान का ग्राफ गिरता गया। ऐसे ही सहारनपुर सीट से भाजपा के राघव लखनपाल को इमरान मसूद ने 64542 मतों से हराया।
यहां बसपा के माजिद अली 180353 मत पाने में सफल रहे। गौतमबुद्ध नगर में भाजपा डॉ. महेश शमों ने सपा के डॉ. महेंद्र सिंह नागर को 559472 मतों से हराया। बसपा के राजेंद्र सिंह सोलंकी ने भी मजबूत चुनाव लड़ते हुए 251615 मत हासिल किए।