Hathras Stampede Highlights: हाथरस में 121 की मौतों की जांच को न्यायिक आयोग गठित, ‘भोले बाबा’ का आया बयान

यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों मौत के मामले में योगी के आदेश पर न्यायिक आयोग गठित हो गया है। वहीं, सत्संग में कथा कहने आए भोले बाबा का भी बयान आ गया है।

हाथरस हादसे पर सीएम योगी ने कहा कि इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं है। अगर हादसा है तो इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। अगर यह हादसा नहीं है तो साजिश किसकी है, इसकी न्यायिक जांच होगी। जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराएंगे। देर शाम न्यायिक आयोग भी गठित कर दिया गया। वहीं, कथावाचक भोले बाबा का भी बयान आ गया है।

सीएम योगी बुधवार की सुबह घटनास्थल भी गए। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 121 लोगों की मौत हुई है। इसमें यूपी के अलावा एमपी, राजस्थान और हरियाणी से जुड़े थे। यूपी में हाथरस, बदायूं, कासंगज, एटा, ललितपुर, फिरोजाबाद, मथुरा, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी 16 जनपदों के लोग हादसे में प्रभावित हुए हैं। 121 में से छह लोग अन्य राज्यों से थे। इनमें एमपी का एक, हरियाणा के चार और राजस्थान के चार लोग हैं।

योगी ने कहा कि हाथरस में 31 लोग घायल हैं। इनका हाथरस, अलीगढ़ और मथुरा के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सभी खतरे से बाहर हैं। घायलों से मेरी बातचीत हुई है और सभी ने बताया कि कार्यक्रम के बाद हादसा हुआ। जब बाबा का काफिला आया था तब उनकी ओर महिलाओं का काफिला बढ़ा तो इसी के बाद सभी एक दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए। सेवादार भी धक्का देते रहे। इससे जीटी रोड के दोनों ओर हादसा हुआ। सबसे दुखद पहलू यह था कि सेवादार प्रशासन को अंदर जाने नहीं दिया। प्रारंभिक रूप से इसे दबाने का प्रयास किया। प्रशासन ने जब लोगों को अस्पताल भेजना शुरू किया तो सेवादार वहां से भाग निकले।  

सीएम योगी ने भगदड़ में घायल हुए लोगों से हाथरस के जिला अस्पताल में मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने अधिकारियों से मिलकर हाथरस पुलिस लाइन में हालात का जायजा लिया। हाथरस पुलिस लाइन में उनका हेलीकॉप्टर लैंड होने के बाद उन्होंने बैठक की। प्रमुख सचिव मनोज कुमार जीपी प्रशांत कुमार व प्रदेश सरकार के कई मंत्री रात से ही हाथरस में डेरा डाले हुए हैं। अलीगढ़ के पोस्टमार्टम हाउस पर मृतकों का पीएम जारी है। मंगलवार को ही सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की थी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सवा लाख से अधिक लोग सत्संग में मौजूद थे। समापन के बाद हर कोई निकलने की जल्दी में था। गर्मी और उमस के कारण श्रद्धालु परेशान थे। इसी बीच बाबा का काफिला निकालने के लिए लोगों को रोका गया। हर कोई बाबा को नजदीक से देखना चाहता था। उनकी गाड़ी की धूल को पाना चाहता था। ऐसे में पीछे से भीड़ का दबाव बढ़ता गया। सड़क के करीब दलदली मिट्टी और गड्ढा होने के कारण आगे मौजूद लोग दबाव नहीं झेल सके औऱ एक के बाद एक गिरते चले गए। खासकर जमीन पर गिरीं महिलाओँ व बच्चों के ऊपर से लोग गुजरते चले गए। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई। बड़ी संख्या में लोग बेहोश हो गए।

 हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग गठित

हाथरस में हुए हादसे की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया गया है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की ओर से बुधवार रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। इस न्यायिक जांच आयोग में अपर मुख्य सचिव रहे सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव और डीजी इंटेलीजेंस एवं प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त रहे सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है। आयोग का मुख्यालय लखनऊ में होगा। आयोग अधिसूचना जारी होने की तारीख से दो माह की अवधि के भीतर जांच पूरी करेगा। इसकी अवधि में किसी प्रकार का परिवर्तन राज्य सरकार के आदेश पर किया जा सकेगा।

बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पूर्व मंत्री जिला अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की और उनसे उनका दुख साझा किया। प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कई प्रांतीय नेता गांव सोखना में पहुंचे, जहां एक ही परिवार में तीन महिलाओं के निधन पर उनके घर जाकर शोक प्रकट किया। वहीं एक परिवार की एक महिला के निधन पर शोक प्रकट कर सांत्वना दी। मृतकों के परिवार के लोगों को विश्वास दिलाया कि पूरा कांग्रेस परिवार इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि योगी सरकार की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा है, जिन लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। उनके दर्द को समझें, हादसे में जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उन लोगों को एक करोड़ रूपया मुआवजा, एक सरकारी नौकरी घायलों को 25 लाख रुपए और इस पूरे मामले की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग की।

मरने वालों में अधिकांश महिलाओं की उम्र 40 से लेकर 60 साल तक है। चार महिलाएं 70 साल की भी इसमें शामिल हैं। इसमें नाबालिग भी शामिल हैं, जिनकी आयु 16 साल है। बच्चों की आयु तीन साल, छह साल व नौ साल है। यह बच्चे परिजनों के साथ सत्संग में शामिल होने आए थे। लेकिन इनको नहीं पता था कि उनका यह आखिरी सफर है। 

उत्तर प्रदेश के इन जिलों के हैं मृतक 
अलीगढ़, हाथरस, आगरा, एटा, कासगंज, बुलंदशहर, बदायूं, उन्नाव, मथुरा, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, ललितपुर, संभल, गौतमबुद्धनगर, औरैया, फिरोजाबाद शामिल हैं। 

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