Unnao Road Accident: संडीला-उन्नाव मार्ग पर चावल लदा ट्रक डंपर से बचने के प्रयास में नियंत्रित होकर सड़क किनारे लगीं दुकानों पर पलट गया था। हादसे में महिला और उसके दो बच्चों की दबकर मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि । फुटपाथ और सड़क का स्तर यदि बराबर होता, तो शायद महिला और दो बेटों की जिंदगी बच जाती।
उन्नाव जिले में लोक निर्माण विभाग के अफसरों और ठेकेदार की लापरवाही तीन जिंदगियों पर भारी पड़ गई। जिस स्थान पर हादसा हुआ वहां फुटपाथ सड़क से करीब दो फीट नीचे था। सड़क बनाने के बाद यदि फुटपाथ और सड़क का लेबल बराबर करा दिया जाता, तो शायद हादसा टल जाता। बांगरमऊ से संडीला जाने वाले मार्ग का जिले की सीमा में 18 किलोमीटर हिस्सा है।
पीडब्ल्यूडी करीब एक महीने से इस मार्ग का नवीनीकरण करा रहा है। करीब पांच किलोमीटर मार्ग का निर्माण होना बाकी है। बनने के बाद सड़क फुटपाथ से काफी ऊंची हो गई है। जहां पर ट्रक अनियंत्रित होकर पलटा वहां सड़क पटरी से करीब दो फीट ऊंची है। दूसरे वाहन को साइड देते समय वाहन अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं।
दुकानों की तरफ झुका और पलट गया ट्रक
इलाकाई लोगों का कहना है कि ट्रक चावल की एक हजार बोरियो (प्रति बोरी 50 किलो) से पूरी तरह लोड था। सड़क से जैसे ही वह दो फीट नीचे फुटपाथ पर उतरा, तो एक तरफ झुक गया। पूरा वजन एक तरफ आ जाने से ट्रक दुकानों की तरफ झुका और कुछ दूर जाकर पलट गया। फुटपाथ और सड़क का स्तर यदि बराबर होता, तो शायद महिला और दो बेटों की जिंदगी बच जाती।
दोषी के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सुबोध कुमार ने बताया कि सड़क नवीनीकरण का काम पूरा होने के बाद दो मीटर चौड़े फुटपाथ की भी मरम्मत होनी है। ज्यादा निचले स्थानों पर मिट्टी की भरान कराकर दुरुस्त किया जाना है। हादसे वाले स्थान पर पटरी अगर सड़क से ज्यादा नीचे है, तो वहां ठीक क्यों नहीं की गई इस पर जेई से रिपोर्ट लेंगे। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हादसे से पहले राजकुमार भी यहीं सो रहा था
हादसे से कुछ समय पहले मृतका सरला का पति राजकुमार भी इसी दुकान में सो रहा था। लेकिन रात करीब 12 बजे बारिश शुरू होने से दुकान का छप्पर टपकने लगा। उसने सरला के तख्त को दूसरे स्थान पर रखवाया और खुद सड़क के दूसरी तरफ बनी पक्की दुकानों के बाहर बरामदे में सो गया। करीब दो घंटे बाद हादसा हुआ, जिसमें पूरा परिवार खत्म हो गया।
अगले सप्ताह राजकुमार को बेटे के साथ लौटना था दिल्ली
राजकुमार दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था। वह बड़े बेटे करन 15 को अपने साथ रखता था। करन नई दिल्ली के मुखर्जीनगर केंद्रीय विद्यालय में पढ़ता था। उसने इसी साल 10वीं कक्षा पास की थी। होली में वह बेटे का साथ आया था। राजकुमार के मुताबिक, उसे व बेटे को अगले सप्ताह दिल्ली वापस जाना था। बेटे करन का 11वीं में दाखिला कराना था।
रात दो बजे हादसा, चालक भागा…तीन घंटे जाम
संडीला-उन्नाव मार्ग पर चावल लदा ट्रक डंपर से बचने के प्रयास में नियंत्रित होकर सड़क किनारे लगीं दुकानों पर पलट गया। हादसे में महिला और उसके दो बच्चों की दबकर मौत हो गई। चालक भाग निकला। तीन घंटे तक जाम लगा रहा। हरदोई जिले के कछौना थानाक्षेत्र के समोधा गांव निवासी राजकुमार भुर्जी की पत्नी सरला (33) करीब छह साल से मां देवकी और पिता परमेश्वर की मौत के बाद मायके बेहटा मुजावर में रहकर पुराने थाना भवन के पास चाय-समोसा की दुकान चला रही थी।
50 टन चावल लादकर जा रहा था ट्रक
इसी दुकान से वह दो बेटों करन (15) और विक्की (13) के साथ दो अविवाहित भाई सरवन व सुमित का पालन पोषण कर रही थी। पति राजकुमार दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में काम करता है। वह होली में आया था, तब से यहीं पर था। बुधवार रात करीब दो बजे बांगरमऊ से संडीला 50 टन चावल लादकर जा रहा ट्रक सामने से आ रहे तेज रफ्तार डंपर से बचने के प्रयास में बाजार के पास के अनियंत्रित हो गया।
तख्त पर सो रही थी सरला, काउंटर पर सो रहे थे बेटे
इसके बाद बाएं तरफ सड़क किनारे पटरी पर उतर गया और करीब 20 मीटर आगे जाकर दुकानों पर पलट गया। हादसे के वक्त सरला दुकान में तख्त पर सो रही थी, जबकि उसके दोनों बेटे पास में ही दिलीप गुप्ता के फास्ट फूड काउंटर पर सो रहे थे। तीनों चावल की बोरियों के नीचे दब गए। सूचना पर बांगरमऊ सीओ अरविंद कुमार और थानाध्यक्ष फूल सिंह पहुंचे।