अयोध्या/भेलसर। सरयू के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का क्रम जारी है। सरयू लान निशान से 22 सेमी नीचे पहुंच चुकी है। बाढ़ पीड़ित इलाकों में पानी तेजी से घट रहा है लेकिन दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा है, जिसके चलते ग्रामीण नाव पर आवागमन कर रहे हैं। कई नाव अत्यंत जर्जर हैं, इन पर सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं हैं। रोजाना करीब 15 हजार लोग खतरों भरा सफर कर रहे हैं।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सरयू का जलस्तर रविवार की शाम छह बजे 92़ 51 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो कि लाल निशान 92़ 73 मीटर से 22 सेमी नीचे है। वहीं सरयू नदी पार करने के लिए ग्रामीणों की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली नावों को देखकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मानसून के दौरान यह यात्रा और भी जोखिम भरी हो जाती है। भूमिहीन ग्रामीण सरयू नदी के मध्य ऊंची जगहों पर जाकर बस गए थे। तीन जिलों की सीमा पर छोटे बड़े मिलाकर 30 से 35 गांव है। जो इस समय टापू बने हुए हैं। जिनकी आबादी करीब 15 हजार है। आसपास के गांव तक जाने के लिए इन्हें जर्जर व टूटी नाव से रोजाना अपनी जान दांव पर लगाकर नदी पार करना पड़ता है।
बाढ़ आने से एक दूसरे गांवों का संपर्क टूट जाने से इन गांव के बीच यातायात का सबसे आसान और सस्ता साधन उनकी नावें हैं। नाव की हालत खराब होने की वजह से आए दिन यहां हादसे भी होते रहते हैं। ग्राम सरांय नासिर निवासी शिव कुमार कहते हैं कि शुजागंज बाजार से बाढ़ पीड़ित अपनी जरूरत का सभी सामान ज्यादातर सोमवार व गुरुवार को लगने वाली साप्ताहिक बाजार में खरीदारी कर नाव से ही लेकर आते हैं। राजस्व निरीक्षक शुजागंज अनिल कुमार यादव बताते हैं कि बाढ़ पीड़ितों के आवागमन के लिए पांच नावें लगाई गई हैं, जाे बिल्कुल दुरुस्त हैं। जर्जर नाव चल रही है तो उसे रोका जाएगा।
नाव पर बाइक, साइकिल लादकर ले जाते ग्रामीण
खतरा तब और बढ़ जाता है जब जर्जर नाव पर बाइक, साइकिल सहित अन्य सामान भी रखकर लोग लाते हैं। ग्राम कैथी मांझा निवासी रोहित यादव बताते हैं कि नाव भले ही सुलभ साधन हो पर इससे चलना काफी खतरनाक है। ग्राम खैरी निवासी मुन्ना यादव बताते हैं कि छोटी नाव पलटने का डर बना रहता है। गांव वालों के पास बड़े नाव रखने की क्षमता नहीं है।
मूड़ाडिहा में 250 बाढ़ पीड़ित परिवारों को बांटी राहत सामग्री
पूरा बाजार। सदर तहसील के पूराबाजार में बाढ़ पीड़ित 250 लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया गया। ग्राम सभा मूड़ाडिहा में राहत सामग्री वितरण के दौरान विधायक प्रतिनिधि अमल गुप्ता ने कहा कि धन हानि, जनहानि फसलों के नुकसान मवेशियों की हानि का आकलन कर नुकसान का संपूर्ण भुगतान शीघ्र किया जाएगा । पांच व्यक्तियों के परिवार को एक माह तक राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिनके परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक है उन्हें अलग से मिलेगा । जिनके घर नदी में समा गए हैं उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भवन की व्यवस्था की जाएगी। इस अवसर पर एसडीएम सदर राजकुमार पांडेय, प्रमुख संघ के जिला अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह, पूरा मंडल अध्यक्ष वरुण चौधरी ,कानूनगो राम प्रकाश दूवे,लेखपाल प्रतीक यादव, ग्राम प्रधान गया प्रसाद यादव मौजूद रहे।