Kanpur News: विवाह करने वाला शादीशुदा तो नहीं…बताएंगे पड़ोसी, MSVY में गड़बड़ी रोकने के लिए की गई सख्ती, पढ़ें अपडेट

Kanpur News: सामूहिक विवाह योजना में अब आवेदन करने वाले लड़का और लड़की के पास आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी है। आवेदन के समय मोबाइल पर ओटीपी आएगा, जिसके बाद ही आवेदन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

Neighbors will tell if the person is married or not married, strictness done to prevent irregularities in MSVY

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्ती ज्यादा हो गई है। अब शादी का आवेदन करने वाले जोड़े का आधार लिंक कर मोबाइल पर ओटीपी से आवेदन की प्रक्रिया पूरी होगी। साथ ही ग्राम विकास अधिकारी की संस्तुति के अलावा जोड़े के छह पड़ोसियों से भी जानकारी जुटाई जाएगी, कि पात्र शादीशुदा तो नहीं है।अनुदान के लिए फरवरी में सरसौल ब्लॉक में एक शादीशुदा जोड़े को सामूहिक विवाह में शामिल किया गया था। बिल्हौर ब्लाॅक में तीन बेटियां सामूहिक विवाह में शामिल होकर 10 हजार रुपये का उपहार और 35 हजार रुपये का चेक लेकर ससुराल न जाकर वापस अपने मायके चली गईं थीं। यह सब कवायद इस तरह की गड़बड़ियां रोकने के लिए की जा रही है।

इस बार सामूहिक विवाह योजना को लेकर कानपुर को 1918 जोड़ों की शादियों को लक्ष्य मिला है। वर्तमान में करीब 75 जोड़ों ने आवेदन कर रखा है। समाजकल्याण निदेशालय के अनुसार, जुलाई में 9, 11, 12, 13, 14 और 15 तारीख को सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाना था, लेकिन जिले में आवेदन कम होने के कारण विभाग शादी कराने का निर्णय नहीं ले पाया।

35 हजार की राशि दुल्हन के खाते में भेजी जाती है
इसके बाद नवंबर और दिसंबर माह में शादी का मुहूर्त है। विभाग जुलाई के बाद इनके सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करेगा। ग्राम विकास अधिकारी आवेदक घर जाकर सत्यापन करेंगे। इसके साथ ही छह पड़ोसियों से भी तस्दीक करेंगे। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद जोड़ों को सामूहिक विवाह योजना का लाभ देने की रिपोर्ट लगाएंगे। योजना में एक शादी पर 51 हजार रुपये खर्च होते हैं। इनमें से 35 हजार की राशि दुल्हन के खाते में भेजी जाती है। 10 हजार रुपये के उपहार और छह हजार अन्य खर्च के मद में होता है।

निदेशालय की टीम लेगी फीड बैक
सामूहिक विवाह योजना में अब आवेदन करने वाले लड़का और लड़की के पास आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी है। आवेदन के समय मोबाइल पर ओटीपी आएगा, जिसके बाद ही आवेदन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। सात फेरे लेने वाले जोड़े सही है, इसकी पुष्टि के लिए समाज कल्याण विभाग ने लखनऊ में एक कमांड कार्यालय बनाया है, जहां से पूछताछ होगी कि शादी की गई है या नहीं। विभाग की तरफ से रुपये मिले या नहीं। उपहार में क्या-क्या मिला।

सामूहिक विवाह में पारदर्शिता लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। पड़ोसियों की रिपोर्ट अहम होगी। कई जिलों में शादीशुदा जोड़े शामिल होने की शिकायतें आईं थीं। अब निदेशालय से वर और कन्या से फीड बैक लिया जाएगा। 

 -प्रशांत कुमार, समाज कल्याण निदेशक

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