Kanpur News: मुआवजा संबंधित जांच के लिए सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर-थ्री डीपी सिंह और पीए टेक्निकल श्रीकांत रंगीला की कंपनसेशन कमेटी बनाई गई है, जो मामलों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट केस्को एमडी को सौंपेगी। एमडी इस पर सुनवाई करेंगे।
कानपुर में अलग-अलग कारणों से घंटों गुल रहने वाली बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रदेश में पहली बार मुआवजे की व्यवस्था शुरू होने जा रही है। इसकी शुरुआत कानपुर में केस्को से हो चुकी है। इसके लिए उपभोक्ताओं को हेल्पलाइन नंबर 18001801912 या केस्को मुख्यालय में बने विद्युत उपभोक्ता सहायता केंद्र में शिकायत करनी होगी। मुआवजा राशि 50 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से रहेगी।इतना ही नहीं कॉल न उठाने, कनेक्शन, बिल संशोधन समेत अन्य कामों में देरी पर भी मुआवजे का प्रावधान रखा गया है। रकम मुआवजा कानून के अंतर्गत मिलेगी। केस्को की ओर से यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार के निर्देश पर बेहतर बिजली आपूर्ति की दिशा में बनाई जा रही है। दरअसल, चेयरमैन और अन्य पदाधिकारी आठ जुलाई को टैरिफ वृद्धि की सुनवाई करने शहर आए थे।
उनके सामने उपभोक्ताओं ने बिजली कनेक्शन, बिल, भार वृद्धि समेत कई तरह की समस्याएं रखी थीं, जिस पर उन्होंने कंज्यूमर ग्रीवांस रिर्डेसल फोरम (उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच) लागू करने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से विद्युत आपूर्तिकर्ता कंपनी के लिए स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस (एसओपी) का प्रावधान है। अगर उपभोक्ता को लगता है कि उसको निर्धारित सुविधा नहीं मिली है तो, वह मुआवजे का हकदार है। इसमें कई घंटे तक बिजली गुल होना या कनेक्शन और बिल संशोधन में देरी भी शामिल है।
केस्को की कंपनसेशन कमेटी करेगी मामलों की जांच
मुआवजा संबंधित जांच के लिए सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर-थ्री डीपी सिंह और पीए टेक्निकल श्रीकांत रंगीला की कंपनसेशन कमेटी बनाई गई है, जो मामलों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट केस्को एमडी को सौंपेगी। एमडी इस पर सुनवाई करेंगे। अगर 45 दिन से अधिक समय होने पर भी सुनवाई नहीं हुई, तो उपभोक्ता विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में शिकायत कर सकेंगे।
सुनवाई न होने पर आयोग से शिकायत की जा सकेगी
इसमें केस्को निदेशक के अलावा अधिवक्ता, दो बिजली उपभोक्ता और एक प्रशासनिक स्तर के सेवानिवृत्त अधिकारी की पांच सदस्यीय कमेटी रहेगी। यहां भी सुनवाई न होने पर लोकपाल के पास मामला ले जाया जा सकता है। लोकपाल में विद्युत आपूर्ति कंपनी को भी जाने का अधिकार रहेगा। यहां भी सुनवाई न होने पर आयोग से शिकायत की जा सकेगी।
सर्किल स्तर पर बनी समिति
विद्युत नियामक आयोग ने अभी कंज्यूमर ग्रीवांस रिर्डेसल फोरम को सभी विद्युत आपूर्ति कंपनियों को डिस्कॉम, जोन, सर्किल लेवल तक ही लागू करने की गाइडलाइन जारी की है। केस्को में कंपनी स्तर पर एक करोड़ रुपये से अधिक के मामलों को लिया जाएगा, जिसमें निदेशक, दो उपभोक्ता (घरेलू और व्यावसायिक), सौर ऊर्जा उपभोक्ता और आयोग की ओर से चयनित प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहेंगे।
व्यवस्था को डिवीजन और सब डिवीजन स्तर पर भी लागू करने की तैयारी
सर्किल स्तर पर 15 लाख तक के मामलों की सुनवाई होगी। इसमें सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर, घरेलू, व्यावसायिक, सौर ऊर्जा के उपभोक्ता और आयोग की ओर से चुना गया सदस्य शामिल रहेगा। केस्को के चार सर्किल हैं। जोन स्तर पर चीफ इंजीनियर की कमेटी सुनवाई करेगी, जिसमें 15 लाख से एक करोड़ से कम कीमत के मामलों की सुनवाई होगी। इस व्यवस्था को डिवीजन और सब डिवीजन स्तर पर भी लागू करने की तैयारी है।
समस्या की समय-सीमा तय
केस्को की एक्सईएन फोरम प्रीति गुप्ता ने बताया कि आयोग की ओर से स्टैंडर्ड ऑफ परफार्मेंस (एसओपी) लागू किया गया है, जिससे मानक के अनुरूप कार्य न होने पर उपभोक्ता मुआवजे को लेकर शिकायत कर सकते हैं।
इस निर्धारित समय पर पूरा करना होगा काम
समस्या समय सीमा
घरेलू तार टूटना दो घंटे
सामान्य फ्यूज उड़ना दो घंटे
केबल क्षतिग्रस्त तीन घंटे
अंडरग्राउंड फॉल्ट नौ घंटे
ट्रांसफार्मर जलना 10 घंटे
दोबारा कनेक्शन जोड़ना तीन घंटे
अलग-अलग समस्याओं पर मुआवजा
मुआवजे का कारण राशि (रुपये में)
कंज्यूमर की कॉल न उठाना 50
घरेलू तार न जोड़ना 100
ओवरहेड तार का टूटना 100
ट्रांसफार्मर नहीं लगना 150
वोल्टेज का उतार-चढ़ाव 50
नया कनेक्शन न देना 50
ट्रांसफार्मर की क्षमता न बढ़ाना 100
अस्थायी कनेक्शन न देना 100
बिजली घर न बनाना 250
सब स्टेशन न लगाना 50
केस्को की ओर से तैयारी
केस्को की ओर से कंज्यूमर ग्रीवांस रिर्डेसल फोरम को और बेहतर बनाया जा रहा है। यहां 1912 की एक और लाइन बनाने की तैयारी है, जिससे उपभोक्ता सीधे शिकायत कर सकेंगे। उन्हें एक खास तरह का नंबर दिया जाएगा, जिसके आधार पर उन्हें अपनी शिकायत की स्थिति पता लग सकेगी। बिल के पीछे फोरम की जानकारी दी जाएगी। वेबसाइट पर पूरा तरीका बताया जाएगा।
फोरम के पास आए छह मामले
फोरम के पास अब तक छह मामले आ चुके हैं, जिसमें तीन दादानगर औद्योगिक क्षेत्र और नौबस्ता के उद्यमी से संबंधित हैं। एक उपभोक्ता ने 33 लाख और अन्य ने एक करोड़ का मुआवजा मांगा है।
उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा के लिए कंज्यूमर ग्रीवांस रिर्डेसल फोरम सर्किल और कंपनी स्तर पर कार्य कर रही है। केस्को में सबसे पहले सारी फोरम गठित हुई हैं। आयोग के निर्देश पर खंड और उपखंड स्तर पर भी लागू करने की तैयारी चल रही है। -राकेश वार्ष्णेय, निदेशक, केस्को