बरेली एसटीएफ की गिरफ्त में आया ढाई लाख का इनामी चोर फहीम एटीएम उसूलों वाला चोर है। वह एक बस्ती में दोबारा चोरी नहीं करता है। एसटीएफ की पूछताछ में फहीम ने कई चौंकाने वाला खुलासा किया है।
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कई प्रदेशों की पुलिस की नाक में दम करने वाले फहीम उर्फ एटीएम ने चोरी के भी कुछ उसूल बना रखे हैं। चोरी और लूट का इल्जाम वह सीधे अपने सिर लेता है, शायद तभी उस पर 32 साल की उम्र में 66 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एसटीएफ के अधिकारियों ने गिरफ्तारी के बाद फहीम से बात की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
फहीम ने एसटीएफ को बताया कि वह चोरी के दौरान जाग होने पर घर के मालिक को अपना चेहरा जरूर दिखाकर आता था। भविष्य में पुलिस जब घरवालों को उसका फोटो दिखाती तो आसानी से फहीम की पहचान हो जाती थी। चोरी के दौरान कहीं सीसीटीवी कैमरा दिखता तो वहां भी फहीम चेहरा दिखाता है।
उसने बताया कि पुलिस अक्सर निर्दोष लोगों पर चोरी का केस लगा देती है, वह इसलिए ऐसा करता था ताकि जब गुनाह उसने किया तो रिपोर्ट भी उसी पर दर्ज हो। फहीम ने बताया कि उसने एक बस्ती में केवल एक बार चोरी की। वह फर्जी आईडी रखता है जिसके जरिये हवाई यात्राएं करता रहता है।
इसलिए नाम पड़ा एटीएम
फहीम ने बताया कि उसके पास उस दौर में कई बैंकों के डेबिट कार्ड रहते थे जब इनका चलन बेहद कम था। जो भी परिचित शख्स उससे मदद मांगता था वो उसे एक कार्ड पकड़ाकर पिन बता देता था। इसके अलावा नकद रुपये भी दे देता था। तब करीबी लोगों ने उसे चलता फिरता एटीएम कहना शुरू कर दिया, इससे उसका उपनाम एटीएम पड़ गया।
पहले हिरासत से भागा दोबारा पेरोल के बहाने फरार
फहीम ने बताया कि एक बार हिरासत में कोर्ट से जेल वापसी के दौरान वह पुलिसकर्मियों को खिलाने पिलाने का झांसा देकर अपने घर ले गया। वहां पुलिसकर्मियों ने अंदर से ताला डाल लिया और उसके साथ पार्टी की। उसने उन्हें ज्यादा शराब पिला दी। फिर इशारे पर उसकी पत्नी अपनी मर्सडीज लेकर आई और चोर रास्ते से वह फरार हो गया। संबंधित पुलिसकर्मी बर्खास्त हो चुके हैं। दूसरी बार जब सीतापुर जेल में था तो बीमारी का हवाला देकर हाईकोर्ट से तीन महीने की पेरोल मंजूर कराई थी। दोबारा वह जेल नहीं गया तो पुलिस भगोड़ा घोषित कर तलाश रही थी।
इसलिए पकड़ना हो गया था मुश्किल
फहीम को कई राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी पर उसे पकड़ना मुश्किल हो गया था। इसकी दो बड़ी वजह थीं। वह मोबाइल बहुत कम इस्तेमाल करता था। एक शहर में चोरी के बाद दूसरी चोरी हवाई यात्रा या ट्रेन से कई सौ किमी दूर दूसरे शहर में जाकर करता था। वहीं से निकलते समय अपना मोबाइल खोलता था। जब तक पुलिस वहां पहुंचती तब तक वह देश के दूसरे कोने में नई घटना करने पहुंच जाता था। शुरू में उस पर हत्या के भी कुछ मामले दर्ज हुए पर उन्हें उसने फर्जी बताया। कहा कि वह केवल चोर है पर कई बार फंसने पर तमंचा चाकू का इस्तेमाल कर लेता है।
केवल सोना और कैश है पसंद
फहीम ने ज्यादातर चोरियां व लूट कर्नाटक के बंगलुरू, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में कीं। साथ ही छत्तीसगढ, हरियाणा, राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में भी उसके खिलाफ केस दर्ज हैं। वह अक्सर अकेला ही चोरी करता है, इसलिए उसका निशाना सोने के जेवर व नकदी ही रहती है। चांदी वो बहुत मजबूरी में चुराता है।
बरेली इकाई ने शानदार काम किया है। एसटीएफ के एएसपी अब्दुल कादिर व इंस्पेक्टर राकेश सिंह के साथ पूरी टीम ने सुरागकशी करके आरोपी फरीम उर्फ एटीएम की गिरफ्तारी की है। फहीम से पूछताछ कर और जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाएगा ताकि आगे भी उसके नेटवर्क पर कार्रवाई की जा सके। – सुशील घुले, एसएसपी एसटीएफ