ज्ञानवापी के लॉर्ड विश्वेश्वर केस में पक्षकार बनने की अर्जी खारिज कर दी गई है। अदालत ने कहा कि जितेंद्र नाथ व्यास ने अर्जी देने में देरी की है।
प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वर के वर्ष 1991 के मुकदमे में पक्षकार बनने की जितेंद्र नाथ व्यास की अर्जी शुक्रवार को अदालत ने खारिज कर दी। सिविल जज (फास्ट ट्रैक) सीनियर डिवीजन युगल शंभू की अदालत ने कहा कि जितेंद्र नाथ व्यास ने अर्जी देने में देरी की है। यह भी बताने में असफल रहे कि वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी किसी तरह की अनियमितता कर रहे हैं। मामले से संबंधित साक्ष्य भी नहीं प्रस्तुत कर सके हैं।
अदालत ने कहा कि वादमित्र मामले की प्रभावी पैरवी कर रहे हैं, इसलिए जितेंद्र नाथ व्यास का प्रार्थना पत्र निरस्त होने योग्य है। इसके साथ ही अदालत ने मुकदमे की सुनवाई की अगली तारीख 21 जनवरी तय कर दी।
लॉर्ड विश्वेश्वर के केस के तीन मूल वादियों में से एक पंडित सोमनाथ व्यास थे। उनका निधन हो चुका है। वर्ष 2019 से लॉर्ड विश्वेश्वर के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी हैं। पंडित सोमनाथ व्यास के भतीजे योगेंद्र नाथ व्यास ने मुकदमे में पक्षकार बनने की अर्जी दाखिल की थी।
अजी के विरोध में लॉर्ड विश्वेश्वर के वादमित्र ने आपत्ति दाखिल की थी। अर्जी खारिज होने के बाद जितेंद्र नाथ व्यास के अधिवक्ताओं ने कहा कि अब वह इलाहावाद हाईकोर्ट का रुख करने के लिए विचार कर रहे हैं।