
फोटो- 26-परियर-बिठूर मुख्य मार्ग में भरे बाढ़ के पानी से गुजरते वाहन सवार व अन्य लोग। संवाद
उन्नाव। गंगा के बढ़े जलस्तर से बांगरमऊ तहसील के कटरी क्षेत्र के छह गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है। राहत की बात यह रही कि 14 घंटे में दस सेमी बढ़ोत्तरी के बाद सोमवार शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 113.120 मीटर पर स्थिर हो गया। हालांकि पानी अभी भी खतरे के निशान 113 मीटर से 12 सेमी ऊपर बहने से कटरी के गांवों में हालात भयावह हो रहे हैं।
बांगरमऊ में जगतनगर उमरिया मार्ग से कटरी गदनपुर आहार जाने वाले मार्ग पर लगभग आठ फीट पानी भर गया है। इससे ग्राम कटरी गदनपुर आहार, धन्नापुरवा, मल्लाहन पुरवा, भिखारपुरवा, हरीगंज, नयापुरवा का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। ग्राम पूराहास स्थित प्राथमिक विद्यालय के साथ ग्राम फरीदपुर कट्टर को बाढ़ के पानी ने चारों ओर से घेर लिया है।
ग्राम उमरिया भगवंतपुर में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। गृह स्वामी जमीन के स्थान पर ऊंची चारपाई पर बैठ रहे हैं। उमरिया भगवंतपुर निवासी महेश प्रसाद ने बताया कि उन्हें कोई सरकारी आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। ग्राम फरीदपुर कट्टर, खैरूद्दीनपुर, पूरा हास के रामलाल, राधे श्याम, उमाशंकर, गोविंद आदि ने बताया कि सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई है। जानवरों के सामने चारे की समस्या पैदा हो गई है। जगतनगर में बनाया गया राहत शिविर दिखावा साबित हो रहा है।
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गांव में रुके लोगों ने पानी बढ़ने शुरू किया पलायन
परियर। सदर तहसील क्षेत्र के बाबू बंगला, पनपथा, माना बंगला, बंदनपुरवा, टपरा, बेनीपुरवा व कोलवा आदि गांवों में पानी भर गया है। परियर बिठूर मुख्य मार्ग पर भी पानी पहुंच गया है। माना बंगला व बाबू बंगला के कुछ ग्रामीण अब तक गांव में ही रुके थे जो सोमवार को जलस्तर बढ़ने के साथ ही अपनी गृहस्थी से जरुरत का सामान लेकर बाढ़ राहत शिविर जानकीकुंड पहुंच गए हैं।
पनपथा, लालतुपुरवा, बंदनपुरवा गांवों में फंसे ग्रामीण जुकाम, बुखार, खुजली व खांसी से परेशान ग्रामीण मजबूरी में दवा लेने कई किमी दूर परियर व बिठूर जा रहे हैं। इन गांवों के किसानों की लगभग 95 प्रतिशत फसलें डूब गई हैं। पनपथा में एक टीले पर बोई गई फसल तक पानी पहुंच गया है।
संतोष निषाद, अनिल, कल्लू, महेश व श्रीराम ने बताया कि टीले पर लगभग पांच बीघे लौकी की फसल अब तक बची थी। वह नाव के सहारे तोड़ कर बेचने ले जा रहे थे लेकिन पानी फसल तक पहुंच गया है। सब लोग बांध बनाकर फसल बचाने के प्रयास कर रहे हैं। वहीं घर की छतों पर भी लोगों ने डेरा जमा लिया है।
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गांवों खेतों में भरा पानी, फसलें नष्ट
चकलवंशी। उफनाई गंगा के पानी से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग मवेशी व बच्चों को लेकर सड़क पर रहने को मजबूर हैं। आंट गांव निवासी बलराम कश्यप ने बताया कि पहली बार आई बाढ़ में भी हमारा घर डूब गया था। तब परिवार सहित सड़क पर दिन-रात काटने पड़े थे। जैसे-तैसे पानी घटा तो घर लौटे लेकिन दोबारा गंगा का पानी गांव में प्रवेश कर गया और फिर से भयंकर तबाही मचा दी। मोहद्दीनपुर के शिवदेवी, लवकुश, धर्मेंद्र, विनय कुमार, बाबूलाल, रमेश, सुंदरी देवी व रमाकांती आदि ने बताया कि बाढ़ ने किसानों की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। हजारों बीघे में खड़ी धान, मक्का व सब्जी की फसलें पूरी तरह जलमग्न होकर नष्ट हो गई हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि अभी तक न तो प्रशासनिक अधिकारी और ना ही तहसील स्तर का कोई जिम्मेदार मौके पर पहुंचा है। पीने के लिए पानी दो किमी दूर से लाना पड़ रहा है।
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तीन विद्यालय बंद, बच्चे दूसरे स्कूलों से किए गए संबद्ध
फतेहपुर चौरासी। गंगा के जलस्तर बढ़ने से गांव मन्नानगर के पास जगतनगर सहजनी मार्ग कटकर जलमग्न हो गया। इससे कई गांवों के लोगों को आने जाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीण नाव से आवागमन कर रहे हैं। खैरागाड़ा से रुस्तमपुर, मन्नानगर से चिरंजूपुरवा मार्ग भी जलमग्न हो गए हैं। विद्युत निगम के जेई राजेश तिवारी ने बताया कि बाढ़ को देखते हुए करीब 18 गांवों की आपूर्ति बंद कर दी गई है।
उधर, एडीएम वित्त राजस्व सुशील कुमार गोंड व एसडीएम बांगरमऊ नवीन चंद्र ने सोमवार को कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने मार्ग को कटान से बचाने के लिए लगी सिंचाई विभाग व लोकनिर्माण विभाग की टीम को निर्देश दिए। कहा कि मार्ग की सुरक्षा के लिए पूरा प्रयास करें।
वहीं बीईओ विनय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित तीन विद्यालयों में से भुलभुलियाखेड़ा कंपोजिट विद्यालय के बच्चे दबौली व प्राथमिक विद्यालय शातिर बंगला के छात्र जाजामऊ के स्कूल में पढ़ाई करेंगे। मन्नानगर के स्कूल में बाढ़ की समस्या होने पर परसादीपुरवा के स्कूल में बच्चे भेजे जाएंगे।
बंदीपुर सड़क मार्ग पर तीन फीट भरा पानी
अचलगंज। छड़ौवाखेड़ा, खन्नापुर व टेढ़वा गांव में पानी गलियों तक पहुंच गया है। इससे लोगों को आने जाने की दिक्कत हो रही है। बंदीपुर सड़क मार्ग पर दो से तीन फीट तक पानी भर गया है। सबसे अधिक समस्या जानवरों के चारे की हो रही है। प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत केंद्र धरातल पर कही नजर नहीं आ रहे हैं।

फोटो- 26-परियर-बिठूर मुख्य मार्ग में भरे बाढ़ के पानी से गुजरते वाहन सवार व अन्य लोग। संवाद

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