Mukhtar Ansari Death विधानसभा सत्र की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए मुख्तार को उन्नाव जेल से लखनऊ ले जाने और वहां से सकुशल जेल पहुंचाने की जिम्मेदारी तत्कालीन सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह को दी गई थी। चर्चा उठी थी कि सीओ स्वतंत्र सिंह मुख्तार के कट्टर दुश्मन पूर्वांचल के माफिया बृजेश सिंह के रिश्तेदार थे। ऐसे में मुख्तार की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हुए।
सजायाफ्ता माफिया मुख्तार अंसारी का रुतबा करीब छह साल पहले उन्नाव के लोगों ने भी देखा था। उस वक्त मुख्तार बसपा से विधायक था। विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए उसे बांदा जेल से उन्नाव जेल लाया गया था। उस वक्त मुख्तार के गुर्गों ने शहर के कई होटलों में पनाह ले रखी थी। उन्नाव जेल से लखनऊ ले जाने के दौरान उसके गुर्गे निगरानी तक करते थे।
विधान सभा सत्र में भाग लेने के लिए बसपा से विधायक मुख्तार अंसारी को 11 जुलाई 2017 को बांदा जेल से उन्नाव जेल लाया गया था। उसे जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। उस वक्त उन्नाव की एसपी रहीं नेहा पांडेय ने उसकी निगरानी के लिए पुलिस का कड़ा पहरा लगाया था। बांदा से एक सीओ, चार दारोगा और एक प्लाटून पीएसी उसकी सुरक्षा के लिए पहले ही यहां पहुंच चुकी थी
मुख्तार के गुर्गे होटल, ढाबा या धर्मशाला में शरण न ले लें, इसके लिए चेकिंग अभियान चलाया गया था। इसके बाद भी मुख्तार के गुर्गों ने यहां शरण ली थी। जितने दिन मुख्तार उन्नाव जेल में रहा, उसके गुर्गे शहर में अलग-अलग जगहों पर कारों से भ्रमण भी दिखे थे। विधानसभा सत्र की कार्रवाई पूरी होने के बाद उसे 26 जुलाई को फिर से बांदा जेल पहुंचाया गया था।
अग्नि परीक्षा में पास हुए थे तत्कालीन सीओ
विधानसभा सत्र की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए मुख्तार को उन्नाव जेल से लखनऊ ले जाने और वहां से सकुशल जेल पहुंचाने की जिम्मेदारी तत्कालीन सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह को दी गई थी। चर्चा उठी थी कि सीओ स्वतंत्र सिंह मुख्तार के कट्टर दुश्मन पूर्वांचल के माफिया बृजेश सिंह के रिश्तेदार थे।
ऐसे में मुख्तार की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हुए। हालांकि सीओ स्वतंत्र कुमार इस अग्नि परीक्षा में पास हुए थे। 15 दिन बाद विधानसभा सत्र की कार्रवाई पूरे होने के बाद मुख्तार को सकुशल बांदा जेल पहुंचा दिया गया था।
वेस्टन कमोड और मनोरंजन के लिए लगाई गई थी टीवी
उन्नाव जेल आने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी ने घुटने में दर्द की शिकायत कर वेस्टर्न कमोड व टीवी लगाने की मांग की थी। इस पर जेल प्रशासन ने देसी की जगह वेस्टर्न कमोड लगाने के साथ मनोरंजन के लिए टीवी तक लगवा दी थी। आम कैदियों से हटकर उसके लिए खान-पान का भी प्रबंध किया गया था।