उन्नाव में मौसम के बदलने से वायरल इंफेक्शन फैलना शुरू हो गया है। इस वक्त सरकारी अस्पताल में गलसुआ (कनगुज) के मरीजों का तांता लगा हुआ है। यह बीमारी अधिकतर बच्चों में फैल रही है। हालांकि डॉक्टरों का दावा है कि एक सप्ताह के अंदर इस बीमारी पर काबू पा लिया जाता है। शुरूआती दौर में असहनीय दर्द होने लगता है।
बदले मौसम में वायरल बुखार, खांसी, जुकाम के मरीज आम हो गए हैं। हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कई दिनों से गलसुआ मतलब कनगुज के मरीज काफी बढ़ गये हैं। यह बीमारी वॉयरल इंफेक्शन के कारण गले से लेकर कनपटी से कान तक के बीच में फैल जाता है, जिसमें असहनीय दर्द कई दिन तक होता है।
डॉ. रश्मि वर्मा ने ओपीडी के दौरान बताया कि इसे मम्स भी कहते हैं। यह बीमारी अधिकांश सात-आठ साल के बच्चों से लेकर सोलह-सत्रह साल के बच्चों में अधिक फैलता है। इसमें पैरासीटामॉल अधिक कारगर होती है। डॉक्टर के अनुसार इस वक्त लगभग दो सौ की ओपीडी में पचास से साठ मरीज गलसुआ के आ रहे हैं, जो चिंताजनक भी है इसलिये बचाव करने की जरूरत है। उधर मौसम में परिवर्तन के चलते बुखार के मरीजों की संख्या में भी बढोतरी हो रही है। ऐसे में बुखार से पीड़ित मरीजों को भी तमाम एतिहात बरतनें की जरूरत है।
गलसुआ की बीमारी के बचाव
डॉक्टर के अनुसार गलसुआ की बीमारी ठंडा और गर्म खाने पीने से होता है। साथ ही यह वॉयरल इंफेक्शन के कारण भी हो जाता है। डॉ. रवि प्रकाश सचान प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि यह मम्स बीमारी पैरोटायसिस लाल ग्रंथि में इंफेक्शन फैलने से होता है। इसको कंट्रोल करने में पैरासीटामॉल काफी कारगर है।