बाबरी और संविधान पर पक्ष-विपक्ष अटक गए। रायबरेली और अमेठी की जमीन पर खटाखट-गटागट का वार-पलटवार दिखा। तुकबंदी के सहारे अपने वादे-नारे जन-जन के दिमाग में बैठाने की कोशिश की गई। अर्थव्यवस्था का गणित भी समझाया गया। सभी दल के नेता एक-दूसरे पर जमकर तीर चला रहे हैं।
अवध की धरती शुक्रवार को राजनीतिक जंग का गवाह बनी। अमित शाह ने चेताया कि विपक्षी गठबंधन सत्ता में आया तो राममंदिर में बाबरी ताला जड़वा देगा। वहीं, राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने संविधान की रक्षा के लिए वोट का बुल्डोजर चलाने का आह्वान किया।
खटाखट-गटागट के जरिये चुटीले शब्द-बाण भी चलाए। पक्ष-विपक्ष ने तुकबंदी के सहारे अपने-अपने वादे जन-जन के दिमाग में बैठाने का प्रयास किया। अर्थव्यवस्था का गणित भी समझाया और एक-दूसरे पर जमकर निशाने भी साधे।
पांचवे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी वक्त में रायबरेली और अमेठी में सत्ता के लिए जंग अपने पूरे उरूज पर पहुंच गई है। अमेठी-राबरेली संसदीय क्षेत्र की सीमा पर दौलतपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करीब 10 मिनट के भाषण में तीन नारों पर फोकस किया
‘मोदी पीएम…400 पार…जय श्रीराम। स्थानीय देव स्थानों के नाम का जिक्र करते हुए रणनीतिक संदेश दिया। पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की हुंकार भरी। राष्ट्रवादी भावनाओं को उभारते हुए फिर दोहराया कि मोदी का सीना 56 इंच का है। पाक अधिकृत कश्मीर भी लेकर रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव बाद पंजे और साइकिल वाले नेताओं के खटाखट-खटाखट विदेश भागने वाला बयान इंडिया गठबंधन के नेताओं के निशाने पर रहा है। उससे पहले राहुल गांधी कह चुके थे कि इंडिया की सरकार बनने पर गरीब महिलाओं के खातों में एक-एक लाख रुपये टकाटक-टकाटक जाएंगे।
राहुल ने मोदी के खटाखट-खटाखट वाले बयान पर कहा कि मोदी से क्या बुलवाना है, मुझे बता दो। बुलवाकर दिखा दूंगा। अपने वादे से एक कदम आगे बढ़ते हुए राहुल ने कहा कि बेरोजगार युवाओं के खातों में पहले एक साल 8500 रुपये प्रति माह टकाटक भेजने का एलान किया। समझाया भी कि इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और बंद फैक्ट्रियां चालू होंगी। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। खटाखट के जवाब में उन्होंने खूब टकाटक का इस्तेमाल किया।