बड़ी कार्रवाई: मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी लखनऊ में गिरफ्तार, इस मामले में हुआ एक्शन

इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट के मामले में मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया है। वह 101 गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।

SP MLA from Meerut Rafiq Ansari arrested from Lucknow, action taken in this case

इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी थी। 

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी- एमएलए मेरठ की अदालत से आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन आपराधिक मुकदमे में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ जारी वारंट को चुनौती दी गई थी। मुकदमे में सितंबर 1995 में 35-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

बड़ी कार्रवाई: मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी लखनऊ में गिरफ्तार, इस मामले में हुआ एक्शन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Mon, 27 May 2024 01:13 PM IST

सार

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इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट के मामले में मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया है। वह 101 गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।

SP MLA from Meerut Rafiq Ansari arrested from Lucknow, action taken in this case

सपा विधायक रफीक अंसारी। – फोटो : अमर उजालाReactionsReactionsReactions

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इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी थी। 

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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी- एमएलए मेरठ की अदालत से आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन आपराधिक मुकदमे में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ जारी वारंट को चुनौती दी गई थी। मुकदमे में सितंबर 1995 में 35-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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22 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। उसके बाद याची के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया, जिस पर संबंधित अदालत ने अगस्त 1997 में संज्ञान लिया था। रफीक अंसारी अदालत में पेश नहीं हुए थे।

12 दिसंबर 1997 को गैर-जमानती वारंट जारी हो गया था। इसके बाद बार-बार 101 गैर-जमानती वारंट जारी हो गए। धारा 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की प्रक्रिया के बावजूद रफीक अंसारी अदालत में पेश नहीं हुए और हाईकोर्ट चले गए।

उनके वकील ने तर्क दिया था कि 22 आरोपियों को 15 मई 1997 के फैसले में बरी कर दिया गया। ऐसे में विधायक के खिलाफ कार्रवाई रद होनी चाहिए। वहीं,

कोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को निर्देश दिए थे कि रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए गैर- जमानती वारंट की तामील सुनिश्चित करें।

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