हसनपुर की कान्हा गोशाला प्रकरण में बड़ी क्रूरता सामने आई है। अफसरों को पता चला है कि चिकित्सक गोशाला का दौरा करते ही नहीं थी। एक दिन पहले यहां सात गायों की अचानक मौत हो गई थी। उन्हें दफनाने के दौरान एक बीमार और दूसरी जिंदा गाय को भी दफना दिया गया। मौके पर पहुंचे बजरंग दल के लोगों ने जमकर हंगामा काटा उसके बाद उन्हें बाहर निकाला गया। शासन ने कार्रवाई करते हुए हसनपुर ईओ को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
अमरोहा के हसनपुर की कान्हा गोशाला में सात गायों की मौत और एक जिंदा गाय को दबाने की गूंज शासन तक पहुंच गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन द्वारा हसनपुर ईओ पीएन दीक्षित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।वहीं, डीएम की ओर से उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के निलंबन की संस्तुति भी की गई है। यही नहीं एसडीएम पर भी तबादले की गाज गिरी है। उन्हें तहसील से हटाते हुए मुख्यालय से अटैच किया गया है। गोशाला प्रभारी व सहप्रभारी को निलंबित कर दिए गए हैं।
नगर में कान्हा गोशाला में करीब 400 से अधिक पशु संरक्षित हैं। यहां पर बुधवार की देर शाम को सात बीमार गायों के मौत हो गई थी। उन्हें रात को दफनाया जाया रहा था। इसी दौरान एक बीमार व जिंदा गाय को भी दफनाया जा रहा था।
तभी तभी विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया था। जिंदा गाय दफनाने की वीडियाे बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। यह मामला शासन स्तर तक पहुंचा तो बृहस्पतिवार सुबह डीएम राजेश कुमार त्यागी ने भी मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की।
जांच में गोशाला प्रभारी दिनेश कुमार व सहप्रभारी करन सिंह की लापरवाही सामने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही इसमें हसनपुर पालिका के ईओ पीएन दीक्षित, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. चमन प्रकाश की लापरवाही भी सामने आई।
जिस पर डीएम ने दोनों अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति की थी। चंद घंटे बाद ही शासन से ईओ के निलंबन का आदेश जारी हो गया। वहीं, डीएम ने हसनपुर एसडीएम भगत सिंह को भी इस प्रकरण के चलते वहां से हटाकर मुख्यालय से अटैच किया है।
उनकी जगह डिप्टी कलेक्टर प्रथम सुनीता कुमारी को हसनपुर एसडीएम बनाया गया है। बता दें कि हसनपुर में पशु चिकित्सा अधिकारी के 31 दिसबंर को सेवानिवृत्त होने के बाद से उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. चमन प्रकाश पर अतिरिक्त प्रभार था।
गोशाला के प्रभारी समेत पांच पर केस दर्ज, दो का चालान
गायों की मौत के मामले में लापरवाही बरतने पर गोशाला के सह प्रभारी समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। रात में गायों की मौत पर हंगामा होने के बाद बृहस्पतिवार की सुबह आला अधिकारी कोतवाली पहुंच गए।
इस दौरान उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. चमन प्रकाश से तहरीर पर गोशाला के सह प्रभारी करन सिंह, केयरटेकर रजत, केयरटेकर कुनाल, सफाई कर्मी अश्विनी और जेसीबी चालक जाकिर की लापरवाही मानते हुए नामजद किया गया।
सीओ दीप कुमार पंत ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान कर दिया।
गोशाला में पशु चिकित्सक की रही बड़ी लापरवाही
लोगों का कहना है कि पशु चिकित्सक गोशाला में जाते ही नहीं थे। शासन स्तर से एक पशु चिकित्सक समेत चार पशु स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी गोशाला में लगाई है। उनका कार्य है कि यदि किसी पशु को जरा भी दिक्कत या परेशान हो तो उसका उपचार किया जाए।
लेकिन चिकित्सक की लापरवाही और गोशाला के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से गोशाला में दस से अधिक गाय बीमार हो गईं। जबकि सात गायों की मौत हो गई है।
बजरंग दल के प्रांत प्रमुख हेमंत सारस्वत का आरोप है कि बृहस्पतिवार की सुबह को पशु चिकित्सक ने आला अधिकारियों के कहने पर छोटे कर्मचारियों पर मुकदमा करवा दिया जबकि वास्तव में पशु चिकित्सक पर ही मुकदमा दर्ज होना चाहिए था।
दफनाने का वीडियो वायरल
कान्हा गोशाला में बीमार जिंदा गोवंश को गड्ढे में दफनाने का प्रयास किया गया। ऐन वक्त पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर उसे दफनाने से रोका। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बुधवार रात करीब दस बजे विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता गोशाला पहुंच गए। उस समय एसडीएम भगत सिंह और चिकित्सकों की टीम द्वारा मृत गोवंशों को गोशाला कर्मियों की सहायता से दबाया जा रहा था।
एसडीएम द्वारा मीडिया कर्मियों को भी गेट पर रोकने का प्रयास किया गया। अंदर नहीं जाने दिया। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के प्रांत सेवा प्रमुख हेमंत सारस्वत ने बताया कि मौके पर जिंदा गोवंश को दफनाया जा रहा था।
इसका वीडियो भी बनाकर वायरल कर दिया गया। जीवित को गाय को गड्ढे से निकलवाकर उसका उपचार शुरू करवाया।
रात तीन बजे तक डटे रहे बजरंग दल कार्यकर्ता
कान्हा गोशाला में पर बुधवार की देर शाम को कई बीमार गायों के मौत हो गई थी। सूचना मिलने पर विहिप और बजरंग दल के जिला मंत्री विपिन शर्मा, बजरंग दल के प्रांत बल सेवा प्रमुख हेमंत सारस्वत, शिवम त्यागी, अनुराग शर्मा, ललित शर्मा, कपिल शर्मा, पीयूष चौधरी, भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष मोहित अग्रवाल, पूर्व सभासद संदीप गुप्ता समेत कई कार्यकर्ता रात 10 बजे गोशाला में पहुंच गए थे।
उन्होंने देखा तो गोशाला में ही खाली स्थान पर मृतक पशुओं को जेसीबी से दफनाया जा रहा था। कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते हुए दफनाने के कार्य को रुकवा दिया। एसडीएम व सीओ से कार्यकर्ताओं की जमकर नोकझोंक हुई।
इसके बाद कार्रवाई की मांग को लेकर कार्यकर्ता रात तीन बजे तक गोशाला में ही धरने पर बैठे रहे। एडीएम सुरेंद्र सिंह व एएसपी राजीव कुमार सिंह भी पहुंच गए। उन्होंने हंगामा कर कार्यकर्ताओं को समझाकर शांत कराया।
विधायक बोले, सीएम तक पहुंचेगा गायों की मौत का मामला
गोशाला में गायों की मौत होने के बाद बृहस्पतिवार सुबह को विधायक महेंद्र सिंह ने गोशाला पहुंचकर मामले की जांच की। इस दौरान उन्होंने गायों की स्थिति के बारे में देखा और उसे बेहतर बनाने के निर्देश दिए। विधायक ने कहा कि मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी। संवाद