जिला परिषद उपाध्यक्ष श्वेत शिखा जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव को खगड़िया न्यायालय से तीन वर्ष की सजा होने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष बनी थी। जिप सदस्यों के द्वारा जिप के कार्यकारी अध्यक्ष सह उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से जिला परिषद की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
खगड़िया की राजनीति एक बार फिर गर्म हो चुकी है। लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद अब लोकल स्तर पर शह-मात का खेल शुरू हो गया है। इसी कड़ी में खगड़िया जिले के सात जिप सदस्यों ने जिला परिषद उपाध्यक्ष जिला सह परिषद कार्यकारी अध्यक्ष श्वेत शिखा पर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिलाधिकारी खगड़िया को आवेदन दिया है। आवेदन में उप विकास आयुक्त और जिलाधिकारी से अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने की मांग की गई है। अविश्वास प्रस्ताव की मांग करने वाले जिप सदस्यों में क्षेत्र संख्या-7 की जिप सदस्य प्रियदर्शना सिंह, क्षेत्र संख्या-12 की रिद्धिमा कुमारी, क्षेत्र संख्या-15 की मंजू देवी, क्षेत्र संख्या-8 की जिप सदस्य निकिता कुमारी, क्षेत्र संख्या-1 के रजनीकांत कुमार, क्षेत्र संख्या-6 की पूनम देवी, क्षेत्र संख्या-14 के जवाहर शामिल हैं।
आवेदन में क्या है आरोप
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिला परिषद सदस्यों ने जो आरोप लगाया है, उसमें जिला परिषद उपाध्यक्ष सह कार्यकारी अध्यक्ष श्वेत शिखा पर अपने पद का गलत उपयोग करने, जिला परिषद के फैसलों की अनदेखी करने, जिला परिषद के कार्यों में रुचि नहीं लेने, पद का निर्वहन नहीं करने और जिला परिषद में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में रुचि नहीं लेने का आरोप शामिल है।
बनी कार्यकारी जिला परिषद अध्यक्ष
गौरतलब है कि जिला परिषद उपाध्यक्ष श्वेत शिखा जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव को खगड़िया न्यायालय से तीन वर्ष की सजा होने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष बनी थी। जिप सदस्यों के द्वारा जिप के कार्यकारी अध्यक्ष सह उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से जिला परिषद की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसके साथ अब उपाध्यक्ष की कुर्सी बचेगी या नहीं इसकी चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है।
अपनाई जा रही है प्रक्रिया
इस संबंध में खगड़िया जिलाधिकारी अमित कुमार पांडे ने बताया कि आवेदन पर कार्यवाई की जा रही है। संबंधित विभाग को निर्देश जारी कर दिया गया है। जो भी उचित होगा वह प्रक्रिया नियमानुसार की जाएगी। वही इस मामले में जिला परिषद उपाध्यक्ष श्वेत शिखा के प्रतिनिधि अशोक सिंह से उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई। लेकिन] उनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया गया।