Kanpur: हवा शुद्ध करने का खाका खींच रहा नगर निगम, आईआईटी का मिलेगा सहयोग…ग्रीनरी पर दिया जा रहा सर्वाधिक जोर

Kanpur News: नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में वायु प्रदूषण कम करने के लिए विशेष प्रयास शुरू किए थे। लगातार किए जा रहे प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2020-21 में धूल के कण घटकर 169 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक हो गए। लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 में हवा में धूल के कण घटने के बजाय बढ़कर 178.73 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक हो गए।

Kanpur Nagar Nigam is drawing a plan to purify the air, IIT will provide support, emphasis on greenery

कानपुर शहर की हवा शुद्ध करने के लिए इस बार नगर निगम को 106 करोड़ रुपये मिले हैं। यह धनराशि प्रदेश के अन्य पांच शहरों को इस मद में मिली प्रोत्साहन राशि में सर्वाधिक है। अब नगर आयुक्त ने आईआईटी के सहयोग से वायु प्रदूषण को और तेजी से कम करने के लिए खाका खींचना शुरू कर दिया है। ग्रीनरी पर सर्वाधिक जोर दिया जा रहा है।

नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में वायु प्रदूषण कम करने के लिए विशेष प्रयास शुरू किए थे। उस वित्तीय वर्ष में हवा में पीएम-10 (हवा में धूल के बड़े कण) 200 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक थे। लगातार किए जा रहे प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2020-21 में धूल के कण घटकर 169 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक हो गए।

लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 में हवा में धूल के कण घटने के बजाय बढ़कर 178.73 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक हो गए।  इस पर शासन ने नगर निगम को प्रोत्साहन राशि के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं दी, बल्कि चेतावनी देते हुए हर हाल में हवा शुद्ध करने के निर्देश दिए। इसके परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष – 2022-23 में पीएम-10 घटकर 143 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक रह गए।

पांच साल में पीएम-10 में 44 प्रतिशत की गिरावट आई
तब नगर निगम को 74-74 करोड़ रुपये की दो किस्तें पीएम-10 को और कम करने के लिए दिए गए, ताकि हवा और शुद्ध हो सके। इस धनराशि से सड़कों, फुटपाथों के निर्माण, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग, वृहद पौधरोपण आदि करने से वित्तीय वर्ष 2023-24 में पीएम-10 और घटकर 124.83 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक रह गया। इस पर 28 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि मिली। इस प्रकार पांच साल में पीएम-10 में 44 प्रतिशत की गिरावट आई।

क्या होता है गुड-डे
जिन दिनों हवा में धूल के बड़े कण (पीएम-10) 200 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूबिक से कम होते हैं, केंद्रीय प्रदूषण नियत्रण बोर्ड उन दिनों को गुड-डे की श्रेणी में रखता है।

वित्तीय वर्ष    जितने दिन जांच हुई   काउंट हुए गुड-डे
2019-20             352                          282
2020-21             260                          206
2021-22             265                          221
2022-23             263                          247
2023-24             244                          235

नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार किए गए उपाय

  • 15.5 हेक्टेयर जमीन पर मियावाकी पद्धति से पौधे लगे
  • रोज 1440 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव
  • 10 ग्रीनबेल्ट, 47 पार्क विकसित किए
  • 240 किलोमीटर सड़कों की रोड स्वीपिंग मशीनों से सफाई
  • 1370 मीट्रिक टन कूड़ा रोज उठाया जा रहा
  • 130 मीट्रिक टन मलबा रोज उठाया जा रहा

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