उत्तर प्रदेश के उन्नाव से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां तैनात एक पुलिस अधिकारी का डिमोशन किया गया। उन्हें डिप्टी एसपी से सीधे कांस्टेबल बनाया गया है। उन्नाव के तत्कालीन सीओ कृपा शंकर कनौजिया की हरकतों के कारण पुलिस की छवि धूमिल हो रही थी। ऐसे में उनका डिमोशन कर अधिकारी से सिपाही बनाया गया है।उन्नाव के सीओ बीघापुर के पद पर तैनात रहे प्रमोटीपीपीएस कृपाशंकर कनौजिया को पीएसी में सिपाही के उनके मूल पद वापस भेज दिया गया है। तीन साल पहले कानपुर के होटल में महिला सिपाही के साथ पकड़े जाने पर उनको मुख्यमंत्री के आदेश पर निलंबित करने के साथ निरीक्षक के पद पर पदावनत भी किया गया था। उन्हें पीएसी गोरखपुर भेजा गया था।
तत्पश्चात शासन ने विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर डीजीपी मुख्यालय को कृपाशंकर को उनके मूल पद पर वापस भेजने का आदेश जारी करने को कहा। एडीजी प्रशासन के निर्देश पर शनिवार को उन्हें गोरखपुर की 26वीं वाहिनी में वापस सिपाही बना दिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, कृपा शंकर कनौजिया ने छह जुलाई 2021 को उन्नाव के पुलिस अधीक्षक से पारिवारिक परेशानी का हवाला देते हुए छुट्टी मांगी थी। छुट्टी मंजूर होने के बाद कृपा शंकर घर नहीं गए थे। वो कानपुर एक होटल में महिला सिपाही के साथ रुके थे।
इस दौरान उन्होंने अपना सरकारी और निजी दोनों मोबाइल नंबर बंद कर लिया था। नंबर बंद आने की वजह से उनकी पत्नी परेशान हो गई। उन्होंने पुलिस ऑफिस से जानकारी की तो पता चला कि वो छुट्टी लेकर घर गए हैं, लेकिन घर नहीं पहुंचे। इस पर पत्नी ने उन्नाव एसपी से मदद मांगी।
उन्नाव के एसपी ने सीओ कृपा शंकर की तलाश के लिए सर्विलांस टीम से जानकारी जुटाई। इस दौरान सामने आया कि सीओ कृपा शंकर कनौजिया का मोबाइल कानपुर के एक होटल में आकर बंद हो गया है। होटल में पुलिस ने जांच की तो सीओ और महिला सिपाही एक साथ मिले। होटल में एट्री करते हुए सीओ कृपा शंकर और महिला सिपाही सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे।
राज्य सरकार (शासन) ने पूरे मामले की जांच कराई। इसके बाद कृपा शंकर कनौजिया को रिवर्ट कर फिर से कांस्टेबल बनाने की सिफारिश की। एडीजी प्रशासन ने सीओ को सिपाही बनाने का आदेश जारी किया है।