Kanpur News: नगर निगम के मुख्य अभियंता ने कहा कि हमने शहरभर के नालों का सर्वे करा रखा है। इनकी लंबाई, गहराई देखी गई है। ये भी देखा गया है कि कितने नाले खुले हैं और कितनों को ढंका गया है। पूरी रिपोर्ट तैयार है।
कानपुर में बारिश शुरू होने वाली है और शहर के अधिकांश नाले खुले पड़े हैं। ऐसे ही खुले नालों में गिरकर पिछले दो साल में चार लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान देने को तैयार नहीं। बड़े नाले शहर के बाहर हैं और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इन्हें बंद न करने के आदेश भी दिए हैं, लेकिन शहर के अंदर से गुजरने वाले खुले नालों की भी सुध नहीं ली जा रही है। यही नाले हादसे का कारण बनते हैं।किदवईनगर में आरबीआई कॉलोनी के पास करीब दो साल पहले बारिश के दौरान फिसलकर बाइक सवार युवक खुले नाले में जा गिरा था और उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा दादानगर चौराहे पर स्थित रफाका नाले में पिछले छह माह में दो लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से एक 35 साल का शरद शर्मा शौच के लिए गया था तभी पैर फिसल जाने से नाले में जा गिरा था। पनकी मंदिर से रेलवे क्रॉसिंग की ओर भी खुले नाले में अक्तूबर में बाइक सवार गिर गया था। उसे निकलकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई थी।
ये खुले नाले भी दे रहे मौत को दावत
रावतपुर: वार्ड-54 में शन्नेश्वर मंदिर विनायकपुर के पास छोटा नाला खुला हुआ है। पिछले एक साल में यहां दो हादसे हो चुके हैं। एक युवक की जान भी जा चुकी है।
पनकी: वार्ड-57 स्वराजनगर पनकी में बी ब्लॉक का छोटा नाला भी खुला पड़ा है। इसके अलावा भी पनकी के कई छोटे नाले ऐसे हैं जिनसे कई बार हादसे हो चुके हैं। पार्षद आरती त्रिपाठी ने बताया कि डेढ़ माह पहले ही 30 लाख रुपये से एसबीआई चौराहे के सामने लगे ट्रांसफार्मर से नहर वाली रोड तक पूरे नाले पर पटिया लगवाई है।
जाजमऊ: वार्ड- 96 से गुजरने वाला शीतला बाजार नाला काफी बड़ा है जो जगह-जगह खुला है। पूर्व में इसमें गिरकर कई लोग जख्मी हो चुके हैं। पाषर्द फकर इकबाल ने बताया कि कुछ जगह पटिया लगी हैं, जबकि कहीं-कहीं बड़े वाहन निकलने से टूट गई हैं।
नगर निगम के मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी से दो टूक
सवाल: नाले ढंके क्यों नहीं जाते, इससे हादसे होते हैं।
जवाब: सभी नालों को ढंका नहीं जा सकता। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) के साफ निर्देश हैं कि बड़े नालों (सीओडी, सीसामऊ, रफाका आदि) को ढंक नहीं सकते, क्योंकि इनकी सफाई नहीं हो पाएगी। हां, छोटे नालों को जरूर ढंका जा सकता है, जिससे हादसे न हो।
सवाल: नालों को ढंकने के लिए आने वाले बजट का क्या हुआ?
जवाब: हमने शहरभर के नालों का सर्वे करा रखा है। इनकी लंबाई, गहराई देखी गई है। ये भी देखा गया है कि कितने नाले खुले हैं और कितनों को ढंका गया है। पूरी रिपोर्ट तैयार है। आगे बजट आने पर काम होगा। समय-समय पर बजट आने पर नाले ढंकने का कार्य कराया भी जाता है।