राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भर्ती पीड़िता का इलाज चल रहा है। उसकी आंखों में सबसे ज्यादा जख्म हैं। आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी पर पीड़िता ने कहा कि थोड़ा सुकून मिला पर फांसी मिले तभी न्याय होगा।
मैं बहुत तकलीफ में हूं…बस इतना चाहती हूं कि मेरी जिंदगी बर्बाद करने वाला भी ऐसी ही पीड़ा महसूस करे..। दर्द भरे ये शब्द एसिड अटैक पीड़िता के हैं। उसकी आंखों में जख्म बहुत ज्यादा है। इसलिए आंखें खुल नहीं रही हैं। छात्रा रुंधे गले और लड़खड़ाती जुबान से रुक-रुक कर थोड़ा बातचीत कर रही है। इलाज जारी है।
मैं बहुत तकलीफ में हूं…बस इतना चाहती हूं कि मेरी जिंदगी बर्बाद करने वाला भी ऐसी ही पीड़ा महसूस करे..। दर्द भरे ये शब्द एसिड अटैक पीड़िता के हैं। उसकी आंखों में जख्म बहुत ज्यादा है। इसलिए आंखें खुल नहीं रही हैं। छात्रा रुंधे गले और लड़खड़ाती जुबान से रुक-रुक कर थोड़ा बातचीत कर रही है। इलाज जारी है।
जरा भी अंदाजा न था…
पीड़िता का कहना है कि आरोपी उसको तंग कर रहा था। उसको लगा कि नंबर ब्लॉक कर दिए हैं, तो छुटकारा मिल जाएगा। जरा भी अंदाजा न था कि वह ऐसी हरकत करेगा, जिससे मेरा जीवन ही बर्बाद हो जाएगा। इसलिए किसी से शिकायत नहीं की। अगर पता होता कि वह इस तरह से हमला कर सकता है तो तुरंत शिकायत कर देती। परिजन भी इस बात को लेकर अफसोस में है कि अगर एक बार भी बेटी ने कुछ बता दिया होता तो ये नौबत न आती और आरोपी पर पहले ही कार्रवाई हो जाती।
रोते रोते आपबीती दोहराई…
घटना के प्राथमिक इलाज के बाद जब हालत में थोड़ा सुधार हुआ था तब पीड़िता ने पुलिस और परिजनों को घटना के बारे में बताया था। पिता के मुताबिक, बृहस्पतिवार को मजिस्ट्रेट ने अस्पताल जाकर पीड़िता के बयान दर्ज किए। पीड़िता ने रोते रोते मजिस्ट्रेट को आपबीती बताई। पूरी घटना दोहराई। बताया कि वह ई रिक्शा से लोहिया पार्क के पास उतरी। पीछे से किसी ने आवाज लगाई। जैसे ही वह रुकी तो एक युवक आया। बातचीत का प्रयास करने लगा। तभी उनका मौसेरा भाई आ गया और उसने युवक को फटकार कर भगा दिया। चंद सेकेंड बाद वह लौटा और एसिड फेंक दिया।